नई दिल्ली: कनाडा से वापस बुलाए गए भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा ने गुरुवार को खुलासा किया कि एक कार्यक्रम में खालिस्तानी ने उनपर तलवार से हमला किया था। उन्होंने कहा कि मैं खालिस्तानियों को सिख नहीं मानता, उन्होंने मुझ पर हमला करने की कोशिश की। खालिस्तानियों का पाकिस्तान से रिश्ता है।
हमलावरों ने एक खतरनाक हथियार का इस्तेमाल किया
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि यह घटना बेहद गंभीर थी, क्योंकि हमलावरों ने एक खतरनाक हथियार का इस्तेमाल किया, जो कि धार्मिक प्रतीक ‘किरपाण’ नहीं था। उन्होंने कहा, “वे शारीरिक रूप से हमें नुकसान पहुँचाने के बहुत करीब आ गए थे… तलवार मेरे शरीर के करीब 2-2.5 इंच पर थी।”
संजय वर्मा के मुताबिक वह अपनी पत्नी के साथ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे, जो भारतीय व्यापारियों के लिए आयोजित किया गया था।
वर्मा ने कहा, “जब मैं अल्बर्टा में था, मेरी पत्नी भी मेरे साथ थी। वहां एक डिनर पार्टी का आयोजन किया गया था, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल थे। यह एक व्यापारिक कार्यक्रम था जिसमें कई कनाडाई व्यवसायी उपस्थित थे। हमारा मुख्य उद्देश्य व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ाना और नए क्षेत्रों में सहयोग करना था।”
कार्यक्रम में 150 खालिस्तानी जमा हुए थे: संजय वर्मा
उन्होंने आगे कहा कि कार्यक्रम के बाहर लगभग 150 खालिस्तानी समर्थक जमा हुए थे, जिन्होंने उन्हें घेर लिया। बकौल संजय वर्मा, “जब मैं अंदर गया, वहां आरसीएमपी और स्थानीय पुलिस मौजूद थी। अल्बर्टा हमारे लिए एक अच्छा दोस्त है, लेकिन शायद उन्हें नहीं पता था कि ऐसी बुरी घटना हो सकती है।”
वर्मा ने बताया कि जब वह बाहर निकल रहे थे, तब एक तलवार उनके शरीर के करीब 2-2.5 इंच की दूरी पर थी। उन्होंने बताया कि यह तलवार था, न कि ‘किरपाण’ क्योंकि हम भारतीय हैं और तलवार किरपाण में अंतर को समझते हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और हमलावरों को पीछे धकेल दिया, लेकिन उन्हें जांच की प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। संजय वर्मा ने बताया कि हमने इस घटना की जानकारी कनाडा के वैश्विक मामलों को भी दी और उन्होंने भी माना कि यह सही नहीं है।
वर्मा ने यह भी बताया कि कनाडा के अपने आकलन के अनुसार, भारतीय राजनयिकों को खतरा हो सकता है, इसलिए उन्हें रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) से सुरक्षा दी गई। उन्होंने कहा, “इस तरह की कई घटनाएं हो रही हैं, लेकिन मेरा मुख्य उद्देश्य यह है कि दोनों देशों के बीच संबंध फिर से बहाल हों।”
भारतीय छात्रों को किया अलर्ट
संजय वर्मा ने यह भी चेतावनी दी कि खालिस्तानी गुंडे शांतिप्रिय भारतीय-कनाडाई समुदाय को धमका रहे हैं और उनके पूजा स्थलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि ‘कनाडा में मुट्ठीभर खालिस्तानी मानव तस्करी और जबरन वसूली समेत कई गलत कामों में लिप्त हैं और उन्हें कनाडाई सरकार का पूरा समर्थन मिल रहा है। कनाडा में रहने वाले भारतीय छात्र अलर्ट रहें, क्योंकि खालिस्तानी उन्हें जाल में फंसाकर धमकाते हैं और उन्हें अपने साथ गलत कामों में शामिल कर लेते हैं।’
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते कनाडा ने संजय वर्मा और पांच अन्य भारतीय राजनयिकों को आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए निष्कासित कर दिया। इसके जवाब में, भारत ने भी कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।
कनाडा से रवाना होने से पहले वहां के सीटीवी से बातचीत में संजय वर्मा ने कहा था कि जस्टिन ट्रूडो ने स्वयं स्वीकार किया कि उनके पास कोई साक्ष्य नहीं है। केवल खुफिया जानकारी के आधार पर भारत के साथ संबंधों को नष्ट करना चाहते हैं।