नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि साल 2020 में शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या की साजिश कनाडा में स्थित खालिस्तानी आतंकवादियों ने रची थी। संधू मर्डर केस में जारी जांच के बीच एजेंसी ने कोर्ट में यह बयान दिया है।
एनआईए के अनुसार, अमेरिका और कनाडा स्थित बैन किए गए आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आंतकियों ने उनकी हत्या की थी। शिक्षक बलविंदर सिंह संधू खालिस्तानी विरोधी थे और पंजाब में उनके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए उनकी हत्या की गई थी।
कनाडा स्थित आंतकियों पर भारत में हिंसा फैलाने और देश में खालिस्तानी विरोधी लोगों की हत्या करने के आरोप लगे हैं। एएनआई का दावा है कि इस हत्याकांड में फरार अन्य आरोपियों के तार कनाडा से जुड़े हैं।
कोर्ट में संधू की हत्या के सह-आरोपी नवप्रीत सिंह उर्फ नव और हरबिंदर सिंह उर्फ पिंडर उर्फ ढिल्लों ने जमानत की याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई के दौरान एजेंसी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अपनी दलीलें पेश की थी और कोर्ट से जमानत का विरोध किया था।
दलीले सुनने के बाद जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने दोनों सह आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। एएनआई ने यह खुलासा तब किया है जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच सिलसिले में भारत और कनाडा के रिश्ते तनावपूर्ण हैं।
एजेंसी ने कोर्ट में क्या कहा है
मंगलवार को एएनआई ने अपने हलफनामें में कहा है कि गिरफ्तार आरोपियों ने बताया है कि कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादियों के कहने पर आरोपियों ने बलविंदर सिंह संधू की हत्या की थी।
एजेंसी के अनुसार, इन आतंकवादियों में सुखमीत पाल सिंह उर्फ सुख भिखारीवाल, कनाडा स्थित खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के ऑपरेटिव सनी टोरंटो, जरनैल सिंह भिंडरावाले के भतीजे और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) के प्रमुख लखवीर सिंह उर्फ रोड शामिल हैं।
इन आतंकवादियों ने कथित तौर पर भारत में खालिस्तानी विरोधी आवाजों को दबाने के लिए संधू की हत्या की योजना बनाई थी और इसके निर्देश दिए थे। हलफनामे में सनी टोरंटो का जिक्र है जिस पर संधू की हत्या की साजिश रचने का आरोप है।
आतंकी संगठन केएलएफ भारत में खालिस्तान विरोधी लोगों को निशाना बनाकर यहां पर हिंसा फैलाना चाहता है। इन हिंसाओं के जरिए संगठन देश से पंजाब को अलग कर एक खालिस्तान देश बनाने की मांग को फिर से जगाने की कोशिश कर रहा है।
एएनआई ने कहा है कि सनी टोरंटो और लखवीर सिंह रोड ने भारत खासकर पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए सुखमीत पाल सिंह से संपर्क किया था। उन का लक्ष्य संधू जैसे व्यक्तियों को निशाना बनाकर क्षेत्र अस्थिरता फैलान था।
एजेंसी की चार्जशीट में सनी टोरंटो और लखवीर सिंह को आरोपी बनाया गया है और उन्हें फरार बताया गया है। जांच से पता चला कि सनी टोरंटो अपने अभियानों को आगे बढ़ाने के लिए साल 2019 से खालिस्तान समर्थक विचारधारा से कट्टरपंथी बने पंजाब निवासी इंद्रजीत सिंह के संपर्क में था।
एनआईए ने इस बात पर जोर दिया कि यह साजिश पंजाब में हिंसा भड़काकर सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण करने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा थी। एजेंसी ने कनाडा में खालिस्तानी गुर्गों की भूमिका को बार-बार उजागर किया है। उसने जनवरी, मार्च और चार्जशीट में आरोपियों की संपत्ति को जब्त करने के दौरान भी यह कहा था।
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कौन है बलविंदर सिंह संधू
बलविंदर सिंह संधू एक खालीस्तानी विरोधी थे जिन्होंने 1990 के दशक में राज्य में आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद की थी। उनके बहादुरी के कारण उन्हें साल 1993 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
अक्टूबर 2020 में तरण तारन जिले के भिखीविंड में संधू की उनके घर के बाहर दो अज्ञात लोगों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एएनआई ने अपने हलफनामें में कहा है कि याचिकाकर्ता और आरोपी हरभिंदर सिंह ने शौर्य चक्र विजेता कॉमरेड बलविंदर सिंह संधू की हत्या को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
एजेंसी के अनुसार, घटना के दिन योजना के तहत हरभिंदर सिंह ने सह आरोपी इंद्रजीत सिंह को बाइक पर बैठाकर गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल ले गया था।
हलफनामे में आगे कहा गया है कि मुख्य शूटर गुरजीत सिंह उर्फ भा अपनी बाइक पर आया और इंद्रजीत सिंह को अपने साथ ले गया था। इसके बाद इंद्रजीत सिंह बाइक चलाने लगा और वे दोनों संधू की घर की ओर गए थे।
वहां पहुंचने के बाद दोनों संधू के घर में घुसे थे और फिर गुरजीत सिंह ने संधू पर गोलियां चलाई थी। इस गोलीबारी में संधू की मौत हो गई थी। गृह मंत्रालय की अधिसूचना पर एनआईए ने 26 जनवरी 2021 को मामले में फिर से एफआईआर दर्ज की थी।