टोक्योः जापान में साने ताकाइची (Sanae Takaichi) ने इतिहास रच दिया है। मंगलवार, 21 अक्टूबर को वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री चुनी गई हैं। उन्हें जापान की ‘आयरन लेडी’ के नाम से जाना जाता है। वह पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की समर्थक हैं और जापान के शांतिवादी संविधान में संशोधन की वकालत करती हैं।
उनके पीएम चुने जाने के बाद पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप समेत अन्य वैश्विक नेताओं ने बधाई दी है। निचले और उच्च सदन में साधारण बहुमत हासिल करने के बाद वह बीते पांच वर्षों में जापान की चौथी नेता बन गई हैं।
साने ताकाइची तीसरे प्रयास में बनी पीएम
साने ताकाइची का प्रधानमंत्री बनने का यह तीसरा प्रयास था जिसमें उन्हें सफलता मिली है। इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में उन्हें एलडीपी का नेता चुना गया था। हालांकि, वह एक कमजोर गठबंधन के साथ प्रधानमंत्री बनी हैं।
इससे पहले साल 2021 और 2024 में भी ताकाइची ने प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की थी, हालांकि इस दौरान उन्हें पर्याप्त सांसदों का साथ नहीं मिला था। ऐसे में अब प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद वह शिगेरु इशिबा की जगह लेंगी। इसी साल जुलाई में उच्च सदन में हुए चुनाव के दौरान उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने इसके बाद से इशिबा का विरोध बढ़ गया था।
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जापान में इन दिनों लोग बढ़ती महंगाई से काफी नाराज हैं और लोग विपक्षी पार्टियों की तरफ रुख कर रहे हैं। अब जब उन्होंने पदभार संभाल लिया है तो जल्द ही नए मंत्रिमंडल की घोषणा करनी होगी। ऐसी संभावना है कि मंगलवार (21 अक्टूबर) को वह प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं।
बढ़ती महंगाई से परेशान लोगों को देना होगा जवाब
उन्हें बढ़ती महंगाई और लागत से जूझ रहे देश के लोगों को जवाब देना होगा। गौरतलब है कि देश में करीब 12 करोड़ की आबादी है। बढ़ती महंगाई से राहत के साथ-साथ उन्हें पार्टी से असंतुष्ट मतदाताओं से भी निपटना होगा। इनमें से कुछ ने मुख्यधारा की राजनीति से बढ़ते असंतोष के बीच दक्षिणपंथी दलों को वोट किया था।
राजनीति में आने से पहले ताकाइची ने न्यूजकास्टर का भी काम किया। इसके अलावा उन्हें स्कूबा डाइविंग और गाड़ियों का भी शौक है। वह शिंजो आबे की नीतियों की समर्थक रही हैं। उनकी नीतियों में बढ़ती महंगाई को कम करने के अलावा सरकारी खर्च में बढ़ोतरी और कर्ज में छूट शामिल ह। गौरतलब है कि शिंजो आबे जापान में सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री हैं।
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ताकाइची इससे पहले बैंक ऑफ जापान की ब्याज दरें बढ़ाने के फैसले की आलोचना कर चुकी हैं। ऊंची ब्याज दरें व्यवसायों के संचालन और विस्तार को महंगा बना देती हैं। इससे वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं।
हाल ही में अमेरिका के साथ हुई ट्रेड डील की वह विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि इस डील पर एक बार फिर से बातचीत होनी चाहिए। दोनों देशों के बीच यह डील इसी साल अगस्त में हुई थी।
साने ताकाइची समलैंगिक विवाह की भी विरोधी हैं। उनका मानना है कि इससे पारिवारिक मूल्य कम होते हैं।