Friday, October 17, 2025
Homeभारतसंभल जामा मस्जिद मामलाः योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया...

संभल जामा मस्जिद मामलाः योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया स्टेटस रिपोर्ट

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की है। सरकार ने मस्जिद इंतेजामिया कमेटी की उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें कुएं को मस्जिद की संपत्ति बताई गई थी।

राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, विवादित कुआं सार्वजनिक भूमि पर स्थित है और यह न तो मस्जिद परिसर के भीतर आता है और न ही किसी विवादित धार्मिक स्थल का हिस्सा है। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि स्वयं मस्जिद भी सार्वजनिक भूमि पर बनी हुई है, जिससे यह दावा गलत साबित होता है कि कुआं मस्जिद की संपत्ति है।

मस्जिद समिति का आवेदन असंबंधित

सरकार की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वर्तमान मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन विवादित स्थल से जुड़े मामले के दायरे से बाहर है। आवेदन में आरोप लगाया गया है कि मस्जिद समिति सार्वजनिक कुएं पर निजी स्वामित्व स्थापित करने का प्रयास कर रही है, जो कानूनी रूप से उचित नहीं है।

sambhal masjid case, up govt status report, jama masjid sambhal, sambhal news, up news,
Photograph: (IANS)

 

रिपोर्ट में बताया गया है कि जिला प्रशासन ने क्षेत्र में 19 प्राचीन कुओं के पुनर्जीवन की योजना बनाई है, जिसमें विवादित कुआं भी शामिल है। इस पहल के तहत वर्षा जल संचयन और जल पुनर्भरण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिससे सभी समुदायों के लोग इन कुओं का उपयोग कर सकेंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक इन ऐतिहासिक कुओं के पुनरुद्धार से न केवल स्थानीय लोगों को पानी की एक स्थायी सुविधा मिलेगी, बल्कि इससे संभल में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का उद्देश्य इन प्राचीन कुओं के संरक्षण के माध्यम से क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजना है।

मस्जिद समिति पर बहाली कार्य में बाधा डालने का आरोप

सरकार की रिपोर्ट में मस्जिद समिति की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि समिति का आवेदन केवल बहाली कार्य को रोकने की एक कोशिश है। रिपोर्ट में तर्क दिया गया है कि ऐसी हस्तक्षेपकारी गतिविधियाँ क्षेत्र के विकास, पर्यावरणीय स्थिरता और संरक्षण प्रयासों के लिए बाधा बन सकती हैं।

सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने यह दोहराया कि राज्य में शांति और सौहार्द बनाए रखना उसकी प्राथमिकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जनता को इन कुओं का उपयोग करने से रोकने का कोई उचित कारण नहीं है, खासकर जब स्थानीय समुदायों की ओर से इन्हें सार्वजनिक उपयोग में लाने की माँग की जा रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन को खारिज करने का औपचारिक अनुरोध किया है। यह स्थिति रिपोर्ट अदालत के पिछले महीने के निर्देशों के अनुरूप दाखिल की गई है।

गौरतलब है कि जनवरी में संभल में अतिक्रमण हटाने के दौरान कूप की खुदाई काम शुरू कराया गया जिसे कुछ साल पहले मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया था।संभल के एएसपी श्रीश चंद्र ने बताया था कि कूप के आसपास के लोगों ने जानकारी दी है कि यहां एक कूप को अवैध रूप से छिपा दिया गया था। आसपास के बुजुर्गों ने बताया है कि यह कूप सैकड़ों वर्ष पुराना है।

स्थानीय निवासी संजय पोली ने बताया कि यह कूप प्राचीन कूपों में से एक है, यह जो 19 कूप बताए जा रहे हैं, उनमें से एक है। यह हरिहर मंदिर के निकट है। इसी कारण यह बहुत ही पूजनीय स्थल में शामिल रहा है। जानकारी के मुताबिक, संभल के पौराणिक काल में सामने आए नक्शे में भी इस कूप को दर्शाया गया है।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा