तिरुवनंतपुरम: सबरीमाला सोना चोरी मामले में विशेष जाँच दल (एसआईटी) को एक बड़ी सफलता मिली है। एसआईटी ने मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी के सहयोगी गोवर्धन से कर्नाटक के बेल्लारी स्थित एक ज्वेलरी आउटलेट से चोरी हुए सोने का एक बड़ा हिस्सा बरामद कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक शशिधरन के नेतृत्व में की गई छापेमारी में गोवर्धन की दुकान से 400 ग्राम से अधिक सोना मिला। जांच में सामने आया है कि यही सोना पोट्टी ने गोवर्धन को सौंपा था। इसके अलावा, एसआईटी ने तिरुवनंतपुरम के पुलिमथ इलाके में पोट्टी के घर से कई सोने के सिक्के और करीब दो लाख रुपये नकद भी जब्त किए हैं।
उन्नीकृष्णन को साथ लेकर एसआईटी ने की छापेमारी
उन्नीकृष्णन पोट्टी फिलहाल पुलिस हिरासत में है और उससे पूछताछ 30 अक्टूबर तक जारी रहेगी। टीम अब उसके बयानों की पुष्टि और चोरी के नेटवर्क का पता लगाने के लिए बेंगलुरु, बेल्लारी, हैदराबाद और चेन्नई में छापेमारी कर रही है। शनिवार सुबह, तीन सदस्यीय एसआईटी टीम पोट्टी को साथ लेकर बेंगलुरु पहुंची, जहां उसके निवास और अन्य संदिग्ध ठिकानों की तलाशी ली गई।
जांच में बेल्लारी के उस स्थान की भी पड़ताल हो रही है, जहां कथित तौर पर चोरी का सोना बेचा गया था। इसके साथ ही, हैदराबाद की उस कंपनी की भी जांच चल रही है जिसने सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह के दरवाजों की मरम्मत की थी, और चेन्नई की ‘स्मार्ट क्रिएशंस’ कंपनी की भी जांच हो रही है, जिसने सोने की प्लेटिंग के उपकरण सप्लाई किए थे।
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एसआईटी अब यह जांच कर रही है कि बरामद हुआ सोना वही है या नहीं, जो मंदिर कार्यों से कथित रूप से हटाया गया था। गोवर्धन, जिसने पहले सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह की गोल्ड प्लेटिंग का काम संभाला था, अब पुलिस की पूछताछ के दायरे में है।
सूत्रों के अनुसार, एसआईटी जल्द ही ट्रावनकोर देवासोम बोर्ड के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि चोरी में अंदरूनी मिलीभगत कितनी थी। जांचकर्ताओं का मानना है कि हाल की बरामदगी इस हाई-प्रोफाइल सबरीमाला गोल्ड चोरी केस में एक अहम सबूत साबित हो सकती है।
एसआईटी ने मिनट्स बुक भी जब्त की
इससे पहले एसआईटी ने बोर्ड की 2019 की मिनट्स बुक जब्त की थी, जिसमें यह दर्ज था कि सोने की शीट्स और प्लेटिंग सामग्री अब गिरफ्तार उन्नीकृष्णन पोत्ती को सौंपी गई थीं।
जांच दल ने केरल हाई कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देवासोम बोर्ड के कुछ सदस्य और कर्मचारी कुछ व्यक्तियों के हित में काम कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक रिकॉर्ड में हेरफेर के स्पष्ट संकेत मिले हैं और जब्त दस्तावेजों ने कई अनियमितताओं का खुलासा किया है।
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जांच टीम के अनुसार, बोर्ड रिकॉर्ड सौंपने में लगातार टालमटोल करता रहा और कई बार अनुरोध करने के बाद ही दस्तावेज उपलब्ध कराए। इस पर हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि मौजूदा बोर्ड ने भी चोरी को छिपाने की कोशिश की। इससे देवासोम बोर्ड और राज्य सरकार दोनों की जवाबदेही पर सवाल उठे हैं।
जांच अभी जारी है और टीम का फोकस गुम हुए सोने के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान पर है। अदालत ने यह भी कहा कि 2019 की चोरी को छिपाने का प्रयास जानबूझकर किया गया था और इसी साल सोने की प्लेटिंग का काम फिर से उसी प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोत्ती को सौंपा गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी यह निर्देश दिया कि कि जांच केवल मंदिर के द्वारपालक और साइड पैनलों में हुई चोरी तक सीमित न रहे, बल्कि इसके पीछे की बड़ी साजिश को भी उजागर किया जाए।
अब तक एसआईटी ने मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी और सबरीमाला मंदिर के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी मुरारी बाबू को गिरफ्तार किया है। एफआईआर में कुल 10 आरोपियों के नाम दर्ज हैं और पुलिस को जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियों की उम्मीद है।

