संयुक्त राष्ट्रः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 79वें सत्र में पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया। आतंकवाद के मुद्दे पर उसे घेरते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने कर्मों की वजह से दरिद्र देश बन गया है। जयशंकर ने कहा, “कई देश परिस्थितियों की मजबूरी के कारण पिछड़ जाते हैं, लेकिन कुछ देश ऐसे होते हैं जो जानबूझकर आपदाओं को न्योता देते हैं। इसका प्रमुख उदाहरण हमारा पड़ोसी पाकिस्तान है।”
उन्होंने आगे कहा, “दुर्भाग्य से, उनके बुरे कर्मों का असर दूसरों पर भी पड़ता है, खासकर उनके पड़ोसियों पर। जब ऐसी राजनीति अपने लोगों में कट्टरता पैदा करती है, तो उनकी जीडीपी सिर्फ कट्टरपंथ के रूप में मापी जा सकती है और उनका निर्यात केवल आतंकवाद के रूप में।”
“Pakistan’s GDP can only be measured by radicalization, & its exports in the form of terrorism. It cant blame the world, it’s only Karma”, EAM Dr S Jaishankar slams Islamabad for its support for terrorism during during UNGA address pic.twitter.com/GfaUIrjMY1
— Sidhant Sibal (@sidhant) September 28, 2024
पाकिस्तान अपनी स्थिति का जिम्मेदार खुद है: जयशंकर
विदेश मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान को अपनी मौजूदा स्थिति के लिए दुनिया को दोष नहीं देना चाहिए, बल्कि इसे अपने कर्मों का परिणाम समझना चाहिए। उन्होंने कहा, “एक विफल राष्ट्र, जो दूसरों की जमीन पर नजर गड़ाए हुए है, उसे बेनकाब करना और उसका विरोध करना जरूरी है।”
जयशंकर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से करने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद को विफल करने की चेतावनी देते हुए कहा कि इसके गंभीर परिणाम होंगे। यह स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान की हर कार्रवाई का भारत से जवाब मिलेगा, जो सिर्फ सैन्य विकल्प तक सीमित नहीं होगा।
जयशंकर ने कहा, “हमें कल इसी मंच से कुछ अजीब दावे सुनने को मिले। भारत की स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट है – पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी। इसके उलट, हर कार्रवाई का परिणाम होगा।”
उन्होंने साफ कर दिया कि मोदी सरकार पाकिस्तान की दोहरी चाल को भलीभांति समझती है और किसी भी हमले को बिना जवाब दिए नहीं छोड़ा जाएगा। दशकों से पाकिस्तान यह दिखाने की कोशिश करता रहा है कि वह कश्मीर के मुद्दे पर बंधे हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद वे भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते रहे हैं। अब से भारतीय प्रतिक्रिया तीखी और सख्त होगी, चाहे वह किसी भी बहुपक्षीय मंच पर क्यों न हो।
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता से पहले पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करना होगा। उन्होंने पाकिस्तान को यह कहते हुए एक बड़ा झटका दिया कि ‘कर्म’ ने पाकिस्तान को एक भिखारी देश बना दिया है।
#WATCH | New York, US | 79th session of the UN General Assembly | EAM Dr S Jaishankar says, “We heard some bizarre assertions from this very forum yesterday. Let me make India’s position very clear – Pakistan’s policy of cross-border terrorism will never succeed. And it can have… pic.twitter.com/eLzwy6ahu5
— ANI (@ANI) September 28, 2024
शहबाज शरीफ की टिप्पणियों पर भारत का कड़ा जवाब
शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को यूएनजीए में अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर की स्थिति की तुलना फिलिस्तीन से की थी और कहा था कि कश्मीरी लोग अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी से संघर्ष कर रहे हैं। शरीफ ने भारत से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने को वापस लेने और कश्मीर मुद्दे पर बातचीत का आह्वान किया था।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि नई दिल्ली ने पाकिस्तान की ओर से प्रस्तावित ‘परस्पर सामरिक संयम व्यवस्था’ को अस्वीकार कर दिया और भारतीय नेतृत्व पर नियंत्रण रेखा (LoC) पार करने की धमकी देने का आरोप लगाया।
शहबाज शरीफ की इन टिप्पणियों पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भारतीय राजनयिक भाविका मंगलानंदन ने इसी मंच से कहा, “जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है।” भाविका ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने हमारे संसद, मुंबई, बाजारों और तीर्थ स्थलों पर हमला किया है। ऐसे देश का कहीं भी हिंसा की बात करना घोर पाखंड है।”
Delivered 🇮🇳’s statement at the 79th session of the @UN General Assembly. #UNGA79
🔗: https://t.co/HJy7Ws8pWx pic.twitter.com/4L1ZuOINs7
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 28, 2024
एस जयशंकर ने और किन प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर जोर दिया, प्रमुख बातें-
एस जयशंकर ने अपने संयुक्त राष्ट्र महासभा भाषण में गाजा युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा, “हम यहां कठिन समय में एकत्र हुए हैं। कई देश अंतरराष्ट्रीय प्रणाली से जितना लिया है, उतना उसमें डाला नहीं है। इसे हम हर चुनौती और हर संकट में स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। इसलिए बहुपक्षीयता में सुधार जरूरी है।”
जयशंकर ने यह भी कहा कि UN को आतंकवाद, विभाजन, संघर्ष और हिंसा के समय में पंगु होकर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने खाद्य, उर्वरक और ईंधन तक पहुंच सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र को दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए कदम उठाने होंगे। ऐसा किसी विदेशी प्रभाव की होड़ के कारण नहीं, बल्कि इसलिए कि अगर हम ऐसे ही चलते रहे, तो दुनिया की स्थिति और भी खराब हो जाएगी।”
जयशंकर ने विकसित भारत (विकसित भारत) के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि भारत को दुनिया के लिए एक रोल मॉडल के रूप में उभरना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमें दिखाना होगा कि बड़े बदलाव संभव हैं। जब भारत चंद्रमा पर उतरता है, अपना 5जी स्टैक लॉन्च करता है, दुनियाभर में वैक्सीन भेजता है, फिनटेक को अपनाता है या इतने सारे वैश्विक क्षमता केंद्र स्थापित करता है तो इसमें एक संदेश है। हमारे विकसित भारत के अभियान को स्वाभाविक रूप से नजदीकी से देखा जाएगा।”