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600 साल बाद फटा रूस का क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी, आसमान में 6 किमी तक राख का गुबार

मॉस्को: रूस के कामचटका प्रायद्वीप में क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी 600 वर्षों में पहली बार फटा है, जिससे आसमान में छह किलोमीटर तक विशाल राख का गुबार उठा है। रूसी विज्ञान अकादमी की ‘यूनिफाइड जियोफिजिकल सर्विस’ की कामचटका ब्रांच ने यह जानकारी दी। 

कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट प्रतिक्रिया दल (केवीईआरटी) के अनुसार, रविवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 2:50 बजे विस्फोट शुरू हुआ, जिससे शुरुआत में राख के गुबार उठे जो समुद्र तल से 3 से 4 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच गए। बाद में, राख का गुबार काफी बढ़ गया और 6,000 मीटर (19,700 फीट) तक पहुंच गया, जिसके कारण क्षेत्र के लिए ऑरेंज एविएशन वार्निंग जारी की गई।

प्रशांत महासागर की तरफ बढ़ रहा गुबार

केवीईआरटी की प्रमुख ओल्गा गिरिना ने आरआईए नोवोस्ती को बताया कि क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी में छह सदियों से ज्यादा समय बाद पहली बार ऐसी गतिविधि देखी गई है। खबर में यह भी बताया गया है कि राख का गुबार दक्षिण-पूर्व की ओर प्रशांत महासागर की तरफ बढ़ रहा है।

कामचटका जियोफिजिकल सर्विस ने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक आधिकारिक अपडेट में कहा, “क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी के विस्फोट से निकला राख का गुबार समुद्र तल से छह किलोमीटर की ऊंचाई तक दक्षिण-पूर्व की ओर फैल रहा है।”

कामचटका के आपातकालीन मंत्रालय ने भी टेलीग्राम पर एक बयान जारी कर राख के गुबार की दिशा की पुष्टि की। मंत्रालय ने कहा, “यह गुबार ज्वालामुखी से पूर्व की ओर प्रशांत महासागर की ओर फैल रहा है। इसके मार्ग में कोई आबादी वाला क्षेत्र नहीं है, और आबादी वाले इलाकों में कोई राख गिरने की सूचना नहीं मिली है।”

हाल में आए तेज भूकंप के बाद फटा है ज्वालामुखी

क्राशेनिनिकोव ज्वालामुखी पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से लगभग 200 किलोमीटर उत्तर और क्रोनोट्स्कोय झील से 13 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। यह कामचटका के पूर्वी ज्वालामुखी क्षेत्र का हिस्सा है, जो अपने कई सक्रिय ज्वालामुखियों के लिए जाना जाता है।

यह विस्फोट कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के कुछ दिनों बाद हुआ, जिसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई और कामचटका और सेवेरो-कुरिल्स्क जिले के कुछ हिस्सों में आपातकाल की घोषणा की गई।

क्षेत्रीय आपातकालीन मंत्रालय द्वारा पहले ही चेतावनी जारी की जा चुकी थी, जिसमें कामचटका में कई सक्रिय ज्वालामुखियों से 6 से 10 किलोमीटर की दूरी पर संभावित राख उत्सर्जन के बारे में आगाह किया गया था।

इस बढ़ी हुई गतिविधि को देखते हुए, निवासियों और पर्यटकों दोनों को इन ज्वालामुखियों के शिखरों से कम से कम 10 किलोमीटर दूर रहने की सलाह दी गई है।

विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...

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