नई दिल्लीः राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का पारिवारिक विवाद गहराता नजर आ रहा है। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने पार्टी छोड़ने के बाद कई आरोप लगाए हैं। रोहिणी आचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वह किसी भी घटना के बारे में झूठ नहीं बोल रही हैं। इस दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव को त्याग देने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि शनिवार, 15 नवंबर की घटना के बाद उनके माता-पिता – बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू – राबड़ी और उनकी बहनें भी उनके लिए रोईं।
रोहिणी आचार्य ने क्या कहा?
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा “मुझे जो कुछ भी कहना था, मैं सोशल मीडिया पर कह चुकी हूं। मैंने जो कुछ भी हुआ उसके बारे में झूठ नहीं बोला। रोहिणी जो बोलती है, सच बोलती है। आप तेजस्वी यादव, संजय यादव, राहेल यादव और रमीज से पूछ सकते हैं।”
रोहिणी ने आगे कहा “मेरे पिता हमेशा मेरे साथ खड़े रहे हैं। मेरे माता-पिता और मेरी बहनें कल मेरे लिए रही थीं। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे उनके जैसे माता-पिता मिले।”
गौरतलब है कि रोहिणी आचार्य ने शनिवार को संजय, तेजस्वी और रमीज पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने इन लोगों की वजह से परिवार को ‘त्याग’ दिया। संजय यादव तेजस्वी के काफी करीबी माने जाते हैं और सलाहकार भी हैं।
यह भी पढ़ें – ‘मैं गंदी हूं…पिता को गंदी किडनी लगवा दी…’ पार्टी छोड़ने के बाद फिर बिफरीं रोहिणी आचार्य
पार्टी ने संजय यादव को राज्यसभा भेजा। इसको लेकर भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आपत्ति जताई थी। पार्टी के नेताओं का कहना था कि वरिष्ठता को नजरअंदाज करते हुए संजय को राज्यसभा भेजा गया।
वहीं, रमीज भी तेजस्वी के दोस्त हैं। वह उत्तर प्रदेश के बलरामपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं।
खुद को खुशकिस्मत मानती हूं
रोहिणी ने आरोप लगाते हुए कहा कि “मैं खुद को खुशकिस्तमत मानती हूं कि मुझे मेरे जैसे माता-पिता मिले। एक परिवार में सिर्फ बेटियों से ही त्याग की उम्मीद क्यों की जाती है, खासकर तब जब भाई हों? जब भाइयों से पूछा गया तो उन्होंने मुझे ससुराल जाने को कहा। नतीजतन, मैंने अपने भाई (तेजस्वी) को अस्वीकार करने का फैसला किया है।”
उन्होंने बताया कि वह अपनी सास के साथ रहने मुंबई जा रही हैं। आचार्य ने आगे कहा कि वह उनको लेकर चिंतित हैं और कल से रो रही हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में राजद का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और पार्टी को महज 25 सीटें ही मिलीं। ऐसे में पार्टी में हार के बाद पारिवारिक विवाद भी बढ़ता दिखाई दे रहा है। इसी साल जुलाई में लालू यादव ने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से निकालने का ऐलान किया था।
यह भी पढ़ें – संजय यादव और रमीज कौन हैं? रोहिणी आचार्य ने परिवार छोड़ने की पोस्ट में जिन दो नामों का जिक्र किया
लालू यादव ने तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से बेदखल करने का ऐलान किया था। ऐसा तेज प्रताप यादव के अनुष्का यादव से 12 साल पुराने प्रेम संबंध का खुलासा सोशल मीडिया पर करने के बाद हुआ था।
तेज प्रताप ने चुनाव से पहले नई पार्टी जनशक्ति जनता दल का गठन किया और महुआ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे। हालांकि तेज प्रताप को जीत नहीं मिल सकी और तीसरे स्थान पर रहे।

