नई दिल्लीः भारतीय टेनिस के महान खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने शनिवार, 1 नवंबर को संन्यास की घोषणा की। टेनिस में उनका करियर 20 सालों से अधिक रहा। पेरिस मास्टर्स 1000 में उन्होंने आखिरी बार हिस्सा लिया था। यहां पर वह एलेक्जेंडर बुब्लिक के साथ थे। इनकी जोड़ी राउंड ऑफ 32 में 5-7, 6-2, 10-8 से हार गई थी। इनकी जोड़ी को जॉन पीयर्स और जेम्स ट्रेसी की जोड़ी ने हराया था।
रोहन बोपन्ना का नाम भारत के सर्वश्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ियों में शुमार है। उन्होंने अपनी शानदार सर्विस, पैने नेट खेल और युगल व मिश्रित युगल में अपनी उपस्थिति के दम पर अपनी विरासत बनाई।
रोहन बोपन्ना ने जीता मिश्रित युगल का खिताब
साल 2017 में बोपन्ना ने फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल का खिताब गैब्रिएला डाब्रोवस्की के साथ जीता। इसके साथ ही वह भारतीय टेनिस की आधारशिला बन गए। उन्होंने कई डेविस कप मुकाबलों और ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया था।
बोपन्ना ने साल 2024 में ऑस्ट्रेलियन ओपन युगल खिताब अपने नाम किया। 43 साल की उम्र में वह दुनिया के सबसे नंबर-1 खिलाड़ी बने। उनकी यह उपलब्धि खेल के प्रति उनके लचीलेपन और अटूट समर्थन को दर्शाती है।
इसके अलावा वह तीन और ग्रैंड स्लैम फाइनल में पहुंचे। 2023 यूएस ओपन पुरुष युगल, 2018 में तीन मिश्रित युगल ऑस्ट्रेलियन ओपन और 2017 में फ्रेंच ओपन में। वहीं, साल 2012 और 2015 में उन्होंने महेश भूपति और फ्लोरेन मार्जिया के साथ साल के अंत में हुए एटीपी फाइनल के फाइनल मुकाबले में हिस्सा लिया था। 40 की उम्र में भी उनका जुनून और खुद को नए सिरे से ढालने की क्षमता ने उन्हें भारतीय खेल जगत के दिग्गजों में शुमार कर दिया।
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उन्होंने अपने रिटायरमेंट का ऐलान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किया। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा – अलविदा… लेकिन अंत नहीं। उन्होंने लिखा कि आप ऐसी चीज को अलविदा कैसे कह सकते हैं जिसने आपके लाइफ को मीनिंग दिया हो। टूर पर 20 साल के अविस्मरणीय साल के बाद अब समय आ गया है… मैं आधिकारिक तौर पर अपना टेनिस रैकेट छोड़ रहा हूं।
बोपन्ना ने सभी को कहा शुक्रिया
उन्होंने रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए एक बड़ा लेख लिखा। इसमें उन्होंने लिखा कि भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है। उन्होंने आगे लिखा कि जब भी मैं कोर्ट पर उतरा, उस झंडे, उस एहसास और उस गर्व के लिए खेला। उन्होंने रिटायरमेंट नोट में अपने माता-पिता, बहन, पत्नी , कोच, ट्रेनर, पार्टनर सभी का शुक्रिया कहा। इसके अलावा उन्होंने अपने प्रशंसकों और भारत देश को शुक्रिया कहा।
रोहन बोपन्ना ने आगे यह भी लिखा “मैं भले ही प्रतियोगिता से दूर जा रहा हूं लेकिन टेनिस के साथ मेरी कहानी खत्म नहीं हुई है…”
रोहन बोपन्ना का जन्म कर्नाटक के कूर्ग में एक साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने टेनिस में दुनियाभर में भारत का प्रतिनिधित्व किया और नया मुकाम हासिल किया। भारतीय टेनिस को उन्होंने एक नई पहचान और सम्मान दिलाया।

