लखनऊः यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) परीक्षा पत्र लीक मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने एक विस्तृत बयान में बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि परीक्षा पत्र दो तरीकों से लीक किया गया था। एक डिजिटल रूप में और दूसरा हार्ड कॉपी के रूप में।
कब और किसने लीक किया था पेपर?
पहला, प्रश्नपत्र उसी दिन परीक्षा शुरू होने से महज कुछ घंटे पहले सुबह करीब साढ़े छह बजे लीक हुआ था। आरोपियों से पूछताछ के बाद एसटीएफ ने बताया कि बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज प्रयागराज का परीक्षा कार्य देखने वाले कमलेश कुमार पाल उर्फ केके, डॉ. शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला, अरुण सिंह और अर्पित विनीत यशवंत ने मोबाइल फोन की मदद से पेपर को स्कैन करके लीक किया। एसटीएफ ने बताया कि इस मामले में पांचों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
इसके अलावा, प्रश्नपत्र लीक करने का दूसरा तरीका प्रिंटिंग प्रेस से था। एसटीएफ ने आरोपियों द्वारा बताए गए विवरणों के बारे में विस्तार से बताते हुए बताया कि प्रेस का कर्मचारी सुनील रघुवंशी इसमें शामिल था। सुनील प्रेश में मशीनों के मेंटनेंस का काम देखता था। यूपी एसटीएफ के मुताबिक, 3 फरवरी को रघुवंशी प्रेस में मशीन ठीक करने के बहाने मौजूद था। मौका पाकर एक स्याही लगा प्रश्नपत्र अपनी पानी की बोतल के साथ बाहर ले आया। और अपने घर ले जाकर रख दिया।
छात्रों से 12 लाख रुपए मांगे गए थे
बाद में उसने विशाल दुबे को इसकी जानकारी दी, जिसने राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल और सुभाष प्रकाश को बताया। चारों ने मिलकर तय किया कि 8 फरवरी को वे अभ्यर्थी और सॉल्वर के साथ कोमल होटल में एकत्र होंगे। होटल में ही सॉल्वर प्रश्नपत्र हल करेंगे और अभ्यर्थियों को उसे पढ़कर सुनाएंगे। राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल और उसके गिरोह ने प्रत्येक अभ्यर्थी से 12-12 लाख रुपये मांगे थे। 8 फरवरी को पहले से तय योजना के अनुसार विशाल दुबे पहले संदीप पांडेय के साथ कोमल होटल पहुंचा। इसके बाद सुनील रघुवंशी प्रश्नपत्र की 06-06 फोटोकॉपी लेकर वहां हाजिर हुआ।
RO/ARO पेपर लीक में शामिल आरोपी कौन हैं?
रविवार को जारी एक बयान में एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी और प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सुनील रघुवंशी, बिहार के मधुबनी निवासी सुभाष प्रकाश, प्रयागराज निवासी विशाल दुबे और संदीप पांडे, गया (बिहार) निवासी अमरजीत शर्मा और बलिया निवासी विवेक उपाध्याय शामिल हैं। एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तारी के समय उनके पास से एक लैपटॉप, छह मोबाइल फोन और पांच खाली चेक भी जब्त किए गए।
फरवरी में हुई थी परीक्षा, मार्च में रद्द हो गई
गौरतलब है कि समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा इस साल फरवरी में पूरे राज्य में आयोजित की गई थी। हालांकि, पेपर लीक की खबरों के चलते मार्च में इसे तुरंत रद्द कर दिया गया था। परीक्षा रद्द होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि परीक्षा छह महीने के भीतर फिर से आयोजित की जाए।
आरोपियों पर कौन सी धाराएं लगाई गई हैं?
रविवार को की गई छह गिरफ्तारियों को आईपीसी की विभिन्न धाराओं से जुड़े दर्ज मामले के सिलसिले में पहले से हिरासत में लिए गए दस बंदियों की सूची में जोड़ा गया है।
आईपीसी की धारा 419 (छल-कपट के लिए सजा), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 467 (मूल्यवान सुरक्षा, वसीयत, आदि के लिए जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), और 471 (जाली दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को असली के रूप में उपयोग करना), 34 (सामान्य इरादा), 120 बी (आपराधिक साजिश), और 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना या स्क्रीन अपराधी को गलत जानकारी देना) के तहत प्रयागराज के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों पर उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 1998 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।