पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की शुक्रवार को होने वाली मतगणना से पहले राजद नेता सुनील कुमार के एक बयान पर विवाद शुरू हो गया है। बयान को लेकर पटना के साइबर थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। सामने आई जानकारी के अनुसार पटना साइबर थाना में पदस्थापित पुलिस अवर निरीक्षक खुशबू कुमारी के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई है।
इस एफआईआर में कहा गया है कि सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जानकारी प्राप्त हुई कि राष्ट्रीय जनता दल के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह के द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना को लेकर भड़काऊ बयान दिया गया। बिहार में दो चरणों में हुए मतदान के बाद 14 नवंबर (शुक्रवार) को सुबह आठ बजे मतगणना शुरू होनी है।
राजद नेता के किस बयान पर मचा है विवाद?
राजद नेता ने कहा कि इस बार मतगणना में गड़बड़ी हुई तो सड़कों पर नेपाल और श्रीलंका जैसा नजारा दिखेगा। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है।
राजद नेता ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में सभी एग्जिट पोलों को नकारते हुए कहा कि इस बार आम आवाम सचेत हैं। इस बार किसी तरह की बेईमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी रिटायर्ड और टायर्ड व्यक्ति के लिए काम मत कीजिए। आप ईमानदारी से काम कीजिए। आप ईमानदारी से मतगणना कराइए। जो दूध का दूध है और पानी का पानी है उसके लिए काम कराइए।
उन्होंने कहा कि आप किसी के गाइडेड मिसाइल मत बनिए। अगर ऐसा करते हैं तो कल नेपाल, बांग्लादेश, और श्रीलंका जैसा दृश्य बिहार की सड़कों पर देखने को मिलेगा। राजद नेता ने खुली चेतावनी देते हुए आगे कहा कि आप बेईमानी से बहुत दिनों तक कार्य नहीं कर सकते हैं। वोट चोरी कर आप बहुत दिनों तक गद्दी पर नहीं बैठ सकते हैं। ये पूरे आवाम की आवाज है।
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से भी कहा कि पिछली बार 2020 में हुए चुनाव में कई सीटों पर विपक्ष के उम्मीदवारों को हराया गया। राजद नेता ने कहा कि इस बार भी कई मतदाताओं को लाइन में लगे होने के बावजूद मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए मीडिया की ओर से घोषणा करा दी गई कि एनडीए की सरकार आ रही है।
राजद नेता के बयान पर एनडीए का पलटवार
दूसरी ओर ‘पटना की सड़कें नेपाल जैसी’ वाले राजद नेता सुनील सिंह के बयान पर एनडीए नेताओं ने पलटवार किया है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राजद प्रदेश में हिंसा कराकर तनाव पैदा करना चाहती है। समाचार एजेंसी IANS के अनुसार नीरज कुमार ने कहा कि उन्हें पता होना चाहिए कि लालू प्रसाद यादव ने बिहार में लोकतंत्र का चीरहरण किया था और राष्ट्रपति शासन रात में लागू हुआ था। उन्हें चुनाव में हार का डर इतना सता रहा है कि वे प्रदेश में हिंसा कराकर तनाव पैदा करना चाहते हैं।
नीरज कुमार ने कहा कि चुनाव में हार-जीत एक सिक्के के दो पहलू हैं, इसे स्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनडीए को समाज के सभी वर्गों का समर्थन मिला है। ऐसा कोई सामाजिक समूह नहीं है जिसका वोट हमें नहीं मिला, चाहे दलित हों, अति पिछड़े वर्ग हों, पिछड़े वर्ग हों, अल्पसंख्यक हों या ऊंची जातियां हों, हमें सभी का समर्थन मिला। हमारी यही पूंजी रही है। हम वोट नहीं, वोटर की चिंता करते हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और लखीसराय विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘जंगलराज के स्कूल में पढ़े इन लोगों ने अराजकता का ज्ञान हासिल किया है और अब वे उस अराजकता को आतंक के राज में बदलना चाहते हैं। लेकिन ये लोग भूल गए हैं कि बिहार की जनता शांति चाहती है और विकास की गति के साथ खड़ी है… यह लोकतंत्र का महापर्व है, जिसे पवित्रता, शुद्धता और सामाजिक सद्भाव के साथ मनाया जाना चाहिए। हम ऐसे लोगों से अपील करेंगे कि अगर आपको लोकतंत्र में विश्वास है, तो उन्माद फैलाने का यह खेल बंद करें और जनता के जनादेश को स्वीकार करें… सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए। चुनाव आयोग से हमारी मांग है कि जो लोग चुनाव के नाम पर अराजकता फैलाते हैं, लोगों को डराते-धमकाते हैं, ऐसे लोगों पर चुनाव के बाद भी संज्ञान लिया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।’
वहीं भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि यह जंगलराज नहीं है, जहां आप धमकी देंगे। यहां कानून का राज है। अगर गड़बड़ी करने की सोच रहे होंगे तो कानून दिमाग ठीक कर देगा। जो नतीजे आएंगे, उनका सम्मान होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह 2005 वाला जंगलराज का दौर नहीं है। अगर कोई गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करेगा तो उसे ऐसी कड़ी सजा मिलेगी कि उसका दिमाग घूम जाएगा।

