जयपुर: राजस्थान के टोंक जिले के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को एक मतदान केंद्र पर निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा द्वारा कथित तौर पर एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के बाद बड़ी हिंसा भड़क गई थी। हालांकि गुरुवार को पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद भी हिंसा की खबरें आई हैं।
इससे पहले 13 नवंबर को टोंक जिले के समरावता गांव में हुई इस घटना के कारण पुलिस और मीणा के समर्थकों के बीच हिंसा, आगजनी और झड़प हुई थी। अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ओम प्रकाश ने पुष्टि की है कि थप्पड़ मारने की घटना के बाद फैली हिंसा के बाद 60 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
क्या है पूरा मामला और घटनाक्रम?
– घटना 13 नवंबर की है। देवली उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान का एक वीडियो सामने आया। इसमें कांग्रेस के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अमित चौधरी को थप्पड़ मारते नजर आए। वीडियो में पुलिसकर्मी मीणा को रोकने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं।
– रिपोर्ट्स के मुताबिक मीणा ने मतदान केंद्र में घुसकर एसडीएम अमित चौधरी पर हमला किया। यह घटना कैमरे में कैद हो गई।
– मतदान के दौरान नरेश मीणा ने समरौता इलाके में मतदान केंद्र में जबरन घुसने की कोशिश की। शासन और पुलिस अधिकारियों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो हाथापाई हो गई।
– दूसरी ओर मीणा ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने कुछ मतदाताओं से चोरी-छिपे वोट डलवाए। मीणा के अनुसार ईवीएम पर उनका चुनाव चिन्ह भी स्पष्ट नहीं था, जिससे उनके मतदाताओं को परेशानी हो रही थी। इन्हीं मुद्दों को लेकर तीखी बहस हुई और मीणा ने आपा खोते हुए एसडीएम को थप्पड़ मार दिया।
– थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि कलेक्टर मौके पर आकर उनकी समस्याओं को सुने और कोई ठोस आश्वासन दें।
– इस बीच धरने पर बैठे नरेश मीणा के समर्थकों के लिए भोजन और गद्दों से भरी पिकअप वहां पहुंच गई। चुनावी आचार संहित को देखते हुए पुलिस ने जब इसे रोकने की कोशिश की, तो नरेश मीणा भड़क उठे और एसपी से उलझ गए। इस दौरान जब पुलिसकर्मियों ने नरेश मीणा को पकड़ने की कोशिश की, तो उनके समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया।
– इसके बाद समर्थक के बवाल के बीच नरेश मीणा वहां से निकलने में सफल हो गए। इस बीच स्थिति और भी बिगड़ गई। समर्थकों और पुलिस के बीच पथराव और आगजनी के कारण हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए। नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की और दो पुलिस वाहनों समेत एक अन्य गाड़ी और करीब दस बाइकों को आग के हवाले कर दिया।
समरावता गांव की सुबह आई इन तस्वीरों से अंदाजा लगा सकते हैं कि बीती रात हालात कैसे रहे होंगे…#nareshmeena #RajasthanbyElections #Rajasthan pic.twitter.com/ia373bWPza
— Avdhesh Pareek (@Zinda_Avdhesh) November 14, 2024
– समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट के अनुसार नरेश मीणा को जब बुधवार की घटना से पुलिस तलाश रही थी, उस दौरान भी वो लगातार सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। जब उनसे पूछा गया कि आप एक अधिकारी को थप्पड़ मारेंगे तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल मारेंगे क्योंकि अधिकारी फर्जी वोटिंग करा रहा था। अधिकारी ने यहां की भावनाओं को तोड़ा है। उन्होंने आंगनवाड़ी महिला कर्मचारी को धमकाया कि नौकरी से निकाल देंगे। अधिकारी भाजपा का एजेंट है। यहां उसे आरओ इसलिए लगाया गया क्योंकि भाजपा को फायदा हो। मैं इसके लिए कलेक्टर को जिम्मेदार मानता हूं।
– बुधवार रात जब पुलिस नरेश मीणा को गिरफ्तार करने पहुंची तो गांव के लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इसी बीच ग्रामीणों ने नरेश मीणा को खेत के रास्ते निकाल दिया।
– गुरुवार को पुलिस गिरफ्त में आने के बाद भी नरेश मीणा की ओर से एक वीडियो संदेश जारी किया।
मैं समरावता गाँव के अंदर बैठा हूँ,
पुलिस ने गाँव को चारो तरफ से घेरकर नाकाबंदी कर रखी है, पुलिस किसी को गाँव के अंदर आने नहीं दे रही है,
मेरी आप सभी से अपील है की तुम सब पुलिस को घेरकर उनकी नाकेबंदी कर दो, और चक्का जाम करदो! pic.twitter.com/PQyuvTO8E8— Naresh Meena (@NareshMeena__) November 14, 2024
बता दें कि राजस्थान कांग्रेस इकाई ने देवली उनियारा विधानसभा सीट पर पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के कारण मीणा को निलंबित कर दिया था। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद मीणा बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे थे।
कौन हैं नरेश मीणा?
नरेश मीणा मूल रूप से बारां जिले के नयागांव के रहने वाले हैं। नरेश मीणा का परिवार राजनीति से पिछले कई सालों से जुड़ा हुआ है। पिता कल्याण सिंह मीणा भी 30 साल तक अपने गांव के सरपंच रहे, अभी मां सरपंच हैं। इसके अलावा नरेश की पत्नी सुनीता जिला परिषद सदस्य हैं और छोटे भाई की पत्नी पंचायत समिति सदस्य हैं। नरेश मीणा छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय है।
कांग्रेस से नरेश मीणा का नाता पुराना रहा है। बताया जाता है कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट के समर्थक हैं। टिकट नहीं मिलने पर हालांकि वे पार्टी से कई बार बगावत भी कर चुके हैं। इस बार भी वे कांग्रेस से बगावत कर ही चुनाव मैदान में उतरे हैं।
नरेश मीणा को इससे पहले 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान बागी तेवर अपनाने के लिए कांग्रेस से निष्कासित किया गया था। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी में वापसी हो गई थी। इस बार भी उन्होंने देवली उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए टिकट मांगा था। मांग पूरी नहीं होने पर वे निर्दलीय खड़े हो गए।