Thursday, October 16, 2025
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राजस्थानः छात्रों ने ईंट गिरने की शिकायत की थी लेकिन…, शिक्षकों ने लगाई थी फटकार

झालावाड़ः राजस्थान के झालावाड़ जिले के प्राइमरी विद्यालय की इमारत गिरने से 25 जुलाई को सात बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना से पहले छात्रों ने शिक्षकों को कुछ गड़बड़ी का संकेत दिया था। हालांकि, शिक्षक उस दौरान नाश्ता कर रहे थे और उन्होंने बच्चों की बात ध्यान नहीं दिया और उन्हें कक्षा में वापस जाने को कहा। 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, “कंकड़ गिर रहे थे। जब छात्रों ने शिक्षकों से बताया तो उन्होंने डांटा और वे नाश्ता करते रहे। अगर बच्चों को बाहर निकाल लिया जाता तो यह हादसा नहीं होता।”

प्रार्थना के लिए इकट्ठा हुए थे छात्र

शिक्षक कथित तौर पर उसी जगह के बाहर नाश्ता कर रहे थे जहां छत गिरी थी। वही जगह जहां कक्षा एक से आठ तक के छात्र सुबह की प्रार्थना के लिए इकट्ठा हुए थे। 

कक्षा-8 के एक छात्र ने बताया “बच्चों को प्रार्थना के लिे अंदर बैठाया गया था। शिक्षक नाश्ता कर रहे थे। जब अंदर कंकड़ गिरने लगे तो बच्चों ने शिक्षकों को बताया। शिक्षकों ने बच्चों को डांट और वापस कक्षा में जाने को कहा। इसके बाद दीवार ढह गई और छत बच्चों पर गिर गई। बहुत से छात्र बचने के लिए यहां वहां भागने लगे, कई मलबे में दब गए। इसके बाद छात्रों को गांव वालों की सहायता से बाहर निकाला गया।” 

गांववालों की सहायता से करीब एक दर्जन बच्चों को बाहर निकाला गया और पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि स्कूल की दीवारें और छत जर्जर अवस्था में थी। इसमें एक महीने पहले ही सीमेंट लगाई गई थी और प्लास्टर किया गया था।

पांच शिक्षकों का निलंबन

इस घटना के बाद पांच शिक्षकों को आपराधिक लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया जिसमें सात बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों बच्चे घायल हो गए। 

सरकारी प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि आपराधिक लापरवाही की कीमत इन बच्चों और परिवारों को चुकानी पड़ेगी। 

घटना के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के पांच कर्मचारियों और शिक्षकों के निलंबन की घोषणा की।  

झालावाड़ के जिलाधिकारी अजय सिंह राठौर ने कहा कि हमने जून में आदेश जारी किए थे कि बच्चों को जर्जर स्कूल की इमारत में न बैठाया जाए और हमें सूचना दी जाए। उन्होंने कहा हमने ऐसी कई इमारतों की मरम्मत कराई। शिक्षकों की तरफ से पूरी लापरवाही बरती गई। शिक्षा विभाग के पांच लोगों को निलंबित किया गया है और जांच समिति का गठन किया गया है। रिपोर्ट जमा होने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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