नई दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सैन्य बलों के साथ-साथ न्यायपालिका को भी उन जगहों के रूप में सूचीबद्ध किया है जहां उच्च जातियों का वर्चस्व है। राहुल गांधी बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से पहले कुटुम्बा में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने उच्च जातियों के संदर्भ में दावा किया कि भारतीय सेना शीर्ष 10 फीसदी आबादी के नियंत्रण में है। उनके इस बयान से सियासत तेज हो गई है।
बिहार में पहले चरण के लिए मतदान 6 नवंबर को है। इस दौरान कांग्रेस नेता चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि “अगर आप गौर से देखें तो देश की 90 फीसदी आबादी दलित, महादलित, पिछड़ी, अतिपिछड़ी या अल्पसंख्यक समुदाय से है। 90 फीसदी लोग समाज के सबसे पिछड़े और आदिवासी समुदाय से आते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “अगर आप भारत की 500 सबसे बड़ी कंपनियों की सूची निकालें तो आपको पिछड़े या दलित समुदायों का कोई भी व्यक्ति वहां नहीं मिलेगा, वे सभी शीर्ष 10 प्रतिशत से आते हैं। सभी नौकरियां उन्हीं के पास जाती हैं। सशस्त्र बलों पर उनका नियंत्रण है। आपको शेष 90 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व कहीं नहीं मिलेगा।”
राहुल गांधी ने आगे कहा “हम एक ऐसा भारत चाहते हैं जिसमें देश की 90 प्रतिशत आबादी के लिए जगह हो जहाँ लोग सम्मान और खुशी से रह सकें। कांग्रेस हमेशा पिछड़ों के लिए लड़ी है।”
हालांकि राहुल गांधी के इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है। उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता सुरेश नखुआ ने कहा कि राहुल गांधी अब सैन्य बलों में जाति खोज रहे हैं और कहते हैं कि 10 फीसदी लोगों का इसपर नियंत्रण है। पीएम मोदी से अपनी घृणा में वह पहले ही भारत से नफरत की सीमा को पार कर चुके हैं।
सेना को लेकर पहले भी कर चुके हैं टिप्पणी
इससे पहले भी राहुल गांधी ने सेना को लेकर टिप्पणी की है। इसी साल अगस्त में अपनी यात्रा के दौरान कहा था चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं। उनकी इस टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें फटकार लगाई थी।
कांग्रेस सांसद ने दावा किया था कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा के 2,000 वर्ग किमी पर कब्जा कर लिया है और अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिक ‘पीटे’ जा रहे हैं।
उनकी इस टिप्पणी के बाद लखनऊ में एक रिटायर्ड सेना अधिकारी के द्वारा मानहानि शिकायत दर्ज कराई गई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि राहुल गांधी की टिप्पणी ने भारतीय सेना का अपमान किया है और छवि धूमिल की है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इससे पहले शिकायत को रद्द करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता और आगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए राहुल गांधी पर उनकी विश्वसनीयता और बयानों को सवाल उठाए थे। पीठ ने कहा था कि यदि आप एक सच्चे भारतीय हो तो आप यह सब नहीं कहेंगे।

