नई दिल्लीः लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार, 5 नवंबर को उस दावे को खारिज करने की कोशिश की जिसमें कहा गया था कि ‘मकान नंबर 0’ का इस्तेमाल बेघर लोगों के लिए किया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच कराई थी।
मु्ख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अगस्त की शुरुआत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मकान नंबर जीरो के मतदाता नकली नहीं थे। ज्ञानेश कुमार ने इस दौरान कहा था कि कई नागरिक बिना आधिकारिक नंबर वाले घरों में रहते हैं या बेघर हैं।
उन्होंने इस दौरान कहा था “पता वहां दिया जाता है जहां वो व्यक्ति रात को सोने आता है। कभी सड़क के किनारे, कभी पुल के नीचे। और फिर अगर कहा जाए कि वो फर्जी वोटर है तो ये हमारे गरीब मतदाता भाइयों, बहनों और बुजुर्गों से साथ बहुत बड़ा मजाक है। आपको पता है कि इस देश में करोड़ों लोगों के पते के आगे जीरो नंबर लगा होता है क्यों? क्योंकि पंचायत, नगर पालिका ने उस घर का नंबर ही नहीं दिया है जिसमें वो रहते हैं।”
राहुल गांधी ने खारिज किया दावा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त के दावे को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस ने व्यवस्थित तरीके से इसकी जांच की। उन्होंने कहा “हमने सोचा कि देखते हैं मकान नंबर – 0 में रहने वाले लोग असल में सड़क पर रहने वाले हैं या नहीं।”
राहुल गांधी ने अपने दावे के समर्थन में हरियाणा की एक इमारत की तस्वीर दिखाई और कहा कि यह इमारत ‘नरेंद्र’ की है जिसे मकान नंबर 0 का निवासी बताया गया था। राहुल ने आगे कहा लेकिन हमने उसे गांव में ढूंढ निकाला और उसकी पहचान की और पता लगाया कि वह कहां रहता है… मकान नंबर जीरो इसलिए है क्योंकि कोई भी यह नहीं पहचान सकता कि वह व्यक्ति कहां है। एक बार वोट देने के बाद वह गायब हो जाता है। आप उसे ढूंढ़ नहीं सकते। यह ऐसे सैकड़ों मामलों में से एक है।
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उन्होंने आगे कहा “भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त लोगों से खुलेआम झूठ बोल रहे हैं। यह मतदाता और पते के सत्यापन को मुश्किल बनाने का एक तरीका है। यह कोई गलती नहीं है, यह बेघर लोगों के बारे में नहीं है।”
हरियाणा में कई लोगों का दिया उदाहरण
राहुल गांधी ने इस दौरान एक और उदाहरण देते हुए दावा किया कि पलवल जिले के हरियाणा भाजपा उपाध्यक्ष उमेश गुधराना ने अपने घर में 66 लोगों को रहते हुए दिखाया था। उन्होंने आगे कहा “छोड़ो इसे। होडल में मकान संख्या 265 में 500 मतदाता थे। हम उन्हें ढूंढ़ने गए लेकिन वे नहीं मौजूद नहीं थे। राई में मकान नंबर 1904 में एक छोटे से घर में 108 मतदाता थे।”
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, अगर किसी घर में 10 से अधिक लोग रहते हैं तो उनकी पहचान जमीनी स्तर पर भौतिक रूप से सत्यापित की जानी चाहिए। राहुल ने दावा किया कि हरियाणा में इसका पालन नहीं किया गया।
राहुल ने आरोप लगाया कि जिन मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में डाले गए हैं वे कांग्रेस समर्थक हैं और उनके वोट फर्जी तरीके से डाले गए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा “इन सज्जनों (चुनाव आयुक्तों) ने भाजपा के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया कि कांग्रेस हरियाणा में चुनाव न जीत सके।”

