Friday, October 17, 2025
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बिना किसी गवाह या वकील के ऑटो रिक्शा में निकाह क्यों?, पंजाब हाईकोर्ट ने CBI को सौंपी अंतरधार्मिक विवाह की जांच

चंडीगढ़ः  पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने ऑटोरिक्शे में हुए अंतरधार्मिक विवाह की जांच सीबीआई को सौंप दी है। हाईकोर्ट को संदेह है कि यह विवाह शायद दिखावा था और इस मामले में कई कानूनी उल्लंघन हुए हैं।

दरअसल एक जोड़े ने भागकर शादी की थी और उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने एक मस्जिद में निकाह पढ़ाया है। लेकिन, जब अदालत ने मामले की गहराई से जांच की तो पता चला कि शादी एक ऑटो रिक्शा में हुई थी और इसमें मुस्लिम विवाह के लिए आवश्यक सभी नियमों का पालन नहीं किया गया था।

अदालत ने इस मामले में संदेह जताया है और सीबीआई को इस मामले में धोखाधड़ी और अन्य कानूनी पहलुओं की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

न्यायाधीश संदीप मौदगिल ने सीबीआई को इस असाधारण विवाह मामले में गहराई से जांच करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सीबीआई से पूछा है कि क्या विवाह संपन्न कराने वाले काजी के पास वैध अधिकार था और क्या विवाह के दौरान इस्लामी विधि-विधान का पालन किया गया था।

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि विवाह स्थल के रूप में ऑटो रिक्शा का चुनाव और गवाहों की अनुपस्थिति इस पूरे मामले को संदिग्ध बनाती है। हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस की जांच को अपर्याप्त मानते हुए सीबीआई से इस मामले में निष्पक्ष और व्यापक जांच करने का आग्रह किया है।

हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि आखिर क्यों इस जोड़े ने बिना किसी गवाह या वकील के एक ऑटो रिक्शा में शादी की। सीबीआई यह पता लगाए कि क्या काजी विवाह करने के लिए सक्षम है।

पूरा मामला क्या है?

दरअसल एक जोड़े ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था और दावा था किया कि लड़की के परिवार वाले उन्हें धमका रहे हैं क्योंकि उन्होंने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की थी। लड़की ने शादी के लिए अपना धर्म भी परिवर्तित कर लिया था। याचिका में लड़की ने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में अपने परिवार का पता बताया।

दंपत्ति ने अदालत को बताया कि उन्होंने 6 जुलाई को चंडीगढ़ के पास शादी की थी और उनके पास विवाह का प्रमाण पत्र भी था। विवाह का स्थान मस्जिद, नयागांव (एसएएस नगर, मोहाली) बताया गया है।लेकिन जब अदालत ने प्रस्तुत तस्वीरों का गहन अध्ययन किया तो पाया कि विवाह समारोह एक ऑटो रिक्शा में आयोजित किया गया था, जो कि इस्लामी विवाह के लिए एक असामान्य और संदिग्ध स्थान है। जब पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से सवाल किया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि समारोह एक ऑटो रिक्शा में आयोजित किए गए थे।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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