नई दिल्ली: गणपति पूजा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर जाने को लेकर हुए विवाद पर सीजेआई की प्रतिक्रिया सामने आई है। चीफ जस्टिस ने प्रधानमंत्री के उनके आवास पर आने के विवाद को ‘अनावश्यक और अतार्किक’ करार दिया है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि राजनीतिक कार्यपालिका के प्रमुख सामाजिक अवसरों पर न्यायाधीशों के घर जाते हैं लेकिन न्यायपालिका की स्वतंत्रता इतनी गहराई तक जुड़ी हुई है कि न्यायिक मामलों पर ‘कभी चर्चा नहीं होती।’
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बच्चों की शादी या उत्सव जैसे सामाजिक अवसरों पर सीजेआई, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों के आवास पर जाते हैं, लेकिन मुझे एक भी ऐसा अवसर याद नहीं आता जहां सीजेआई या सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने कभी किसी न्यायिक मामले पर संघ या राज्यों के कार्यकारी प्रमुखों से चर्चा की हो। शुभकामनाओं के आदान-प्रदान के अलावा किसी अन्य मामले पर चर्चा नहीं होती है।’
उन्होंने कहा, ‘संवैधानिक अदालतों के न्यायाधीशों और कार्यपालिका के प्रमुखों के बीच न्यायिक मामलों को किसी भी चर्चा के दायरे से अलग रखने की पर्याप्त परिपक्वता है। प्रोटोकॉल इतना सख्त है कि न्यायिक मामलों पर कभी भी राजनीतिक कार्यपालिका के प्रमुखों के साथ चर्चा नहीं की जाती है।’
उन्होंने कहा, ‘हम शासन की लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपने कर्तव्यों को जानते हैं और राजनीतिक कार्यपालिका अपने कर्तव्यों को जानती है। कोई भी न्यायाधीश, कम से कम सीजेआई या मुख्य न्यायाधीश, न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए वास्तविक या अनुमानित किसी भी खतरे को दूर से भी आमंत्रित नहीं कर सकते हैं।’
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब भी भारत के मुख्य न्यायाधीश या कोई मुख्य न्यायाधीश सरकारों के प्रमुख से मिलते हैं, तो चर्चा न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे पर केंद्रित होती है, जिसे भारी संख्या में लंबित मामलों का भी सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या सीजेआई के शपथ लेने के बाद उनके और राजनीतिक कार्यपालिका के प्रमुख के बीच एक औपचारिक बैठक होती है, जो न्यायिक बुनियादी ढांचे, मुद्दों और धन के आवंटन और संबंधित प्रशासनिक मुद्दों की कमियों को दूर करने पर केंद्रित होती है।’
दरअसल पिछले महीने यह विवाद सामने आया था जब प्रधानमंत्री मोदी गणेश पूजा में शामिल होने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के घर पहुंचे थे। इसे लेकर विपक्ष ने भाजपा और पीएम मोदी पर निशाना साधा था। इस विवाद के बाद भाजपा ने जवाब देते हुए कांग्रेस को मनमोहन सिंह के कार्यकाल की याद दिलाई थी जब उनकी ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में तत्कालीन सीजेआई पहुंचे थे। कांग्रेस ने हालांकि इस पर दलील दी थी कि इस इफ्तार पार्टी में कई लोग शामिल हुए थे और ये सार्वजनिक तौर पर आयोजित की गई थी।