नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम और साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते हुए मामले पर नकेल कसने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, साइबर अपराधियों के खिलाफ जल्दी कार्रवाई करने के लिए समिती का गठन किया गया है। समिति की निगरानी गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव करेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संबंध में मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र 14सी द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस विभागों को भी सूचित किया गया है।
पिछले कुछ महीने में देश में हो रहे सभी स्कैम में “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसकी चपेट में आम लोगों के अलावा देश के बड़े-बड़े उद्योगपति भी हुए हैं।
“डिजिटल अरेस्ट” स्कैम के बढ़ते मामले को देखते हुए पीएम मोदी ने हाल ही में अपने “मन की बात” रेडियो कार्यक्रम के दौरान इसका जिक्र भी किया है। उन्होंने इस तरह के स्कैम पर “रुकने, सोचने और फिर कार्रवाई करने” की सलाह दी है। प्रोग्राम में पीएम ने यह साफ किया है कि देश में “डिजिटल अरेस्ट” जैसे कोई भी कानून मौजूद नहीं हैं।
हाल ही में कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया (सीईआरटी-इन) ने लोगों को इन खतरों की पहचान करने और उनसे बचने में मदद करने के लिए “डिजिटल अरेस्ट” रणनीति सहित विभिन्न ऑनलाइन घोटालों का विवरण देते हुए एक सूची भी जारी की है।
अब तक छह हजार से भी ज्यादा मामले हुए दर्ज
रिपोर्ट में जारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2014 में अब तक छह हजार से अधिक “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम की शिकायतें दर्ज हुई हैं। 14C द्वारा इन गतिविधियों से जुड़े छह लाख मोबाइल नंबरों को ब्लॉक किया गया है।
साथ ही इस तरह के स्कैम से जुड़े 3.25 लाख फर्जी बैंक खातों को भी फ्रीज किया गया है। यही नहीं स्कैम से जुड़े 709 मोबाइल एप्लिकेशनों को भी बंद किया गया है।
क्या है “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम
“डिजिटल अरेस्ट” स्कैम एक तरह का फ्रॉड है जिसमें स्कैमर लोगों को कथित ड्रग या मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में शामिल होने का फर्जी दावा करते हैं। वे ऑडियो या वीडियो कॉल पर सरकारी एजेंसियों के अधिकारी होने का दावा करते हैं और लोगों को डरा धमका कर उनके डर का फायदा उठाकर फ्रॉड करते हैं।
देश में यह स्कैम इतना आम हो गया है कि इसके शिकार हर वर्ग के लोग हो रहे हैं।
“डिजिटल अरेस्ट” स्कैम के बारे में यहां करें शिकायत
अगर आपके साथ भी “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम या फिर कोई और स्कैम हो गया है तो इस केस में आप सबसे पहले अपने बैंक को इसकी जानकारी दें। इसके बाद आप अपनी शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन या फिर साइबर क्राइम थाना में करें। यही नहीं आप ऑनलाइन राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इसके लिए आप पोर्टल के नंबर 1930 पर संपर्क करें या फिर आप चक्षु पोर्टल के वेबसाइट https://sancharsaathi.gov.in/sfc/Home/sfc-complaint.jsp पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।