Homeभारतकुंभ मेले में कब-कब हुई भगदड़? भारत कुंभ मेले में कब-कब हुई भगदड़? By अनिल शर्मा January 31, 2025 0 47 Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp Tagsउत्तर प्रदेशभारतमहाकुंभमहाकुंभ मेलामहाकुंभनगरमहाराष्ट्रहरिद्वार Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp Previous articleआर्थिक सर्वेक्षण: 2025-26 में जीडीपी ग्रोथ 6.3% से 6.8% रहने की संभावनाNext articleसोनिया गांधी ने राष्ट्रपति पर ऐसा क्या कहा, जिससे मचा सियासी घमासान अनिल शर्माhttp://bolebharat.comदिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है... RELATED ARTICLES भारत बेंगलुरु: सड़क साफ करने के लिए 613 करोड़ में 46 मशीनें किराये पर लेने का कांग्रेस सरकार का फैसला, उठ रहे सवाल November 17, 2025 भारत ‘कांग्रेस को ब्लैकमेल नहीं करूंगा’, कर्नाटक में सियासी हलचल के बीच शिवकुमार ने फेरबदल की अटकलों को खारिज किया November 17, 2025 भारत ‘नया साल कहां मनाना चाहते हैं,’ दल-बदल मामले को लेकर तेलंगाना स्पीकर पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, दो हफ्ते का अल्टीमेटम November 17, 2025 LEAVE A REPLY Cancel reply Comment: Please enter your comment! Name:* Please enter your name here Email:* You have entered an incorrect email address! Please enter your email address here Website: Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Most Popular राज की बातः ‘गुजरात सच में अच्छा है’, नीतीश का चार दशक पुराना लगाव आज भी है कायम! November 17, 2025 बेंगलुरु: सड़क साफ करने के लिए 613 करोड़ में 46 मशीनें किराये पर लेने का कांग्रेस सरकार का फैसला, उठ रहे सवाल November 17, 2025 ‘कांग्रेस को ब्लैकमेल नहीं करूंगा’, कर्नाटक में सियासी हलचल के बीच शिवकुमार ने फेरबदल की अटकलों को खारिज किया November 17, 2025 बांग्लादेशः पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई, अदालत ने ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ का माना दोषी November 17, 2025 Load more Recent Comments डॉ उर्वशी on भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत के बहाने बात प्रेम, विवाह, आजादी और ‘इन सारे पाटन बीच’ ‘स्त्रियों’ की… डॉ.शक्तिसिंह on थार की कहानियां: मैं मुनाबाव हूँ- भारत का ‘आखिरी’ रेलवे स्टेशन प्रेम सिंह राठौड़ राणी गांव on थार की कहानियां: थार की रेत में जीवित इतिहास- जूना किले की गाथा Aman on दृश्यम: होम बाउंड- हाशिये के समाज का नया सौंदर्य-शास्त्र Kavita Kavita on भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत के बहाने बात प्रेम, विवाह, आजादी और ‘इन सारे पाटन बीच’ ‘स्त्रियों’ की… योगेंद्र आहूजा on भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत के बहाने बात प्रेम, विवाह, आजादी और ‘इन सारे पाटन बीच’ ‘स्त्रियों’ की… Jai Mala on कहानीः इरेज़र Jai Mala on कहानीः इरेज़र Jai Mala on कहानीः सोचनेवाला जीव Afzal on दृश्यम: लोक आस्थाओं का कांतारा डॉ उर्वशी on कथा प्रांतर-4: ‘कहे’ और ‘अनकहे’ के बीच पारिस्थितिक संवाद Anjani Kumar on अनिकेतः जो तुम आ जाते एक बार… प्रताप दीक्षित on कहानीः प्रायिकता का नियम R G on कहानीः इरेज़र डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र RAVI KHAVSE on अखिलेश यादव के फेसबुक अकाउंट ब्लॉक-बहाल होने में सरकार ने किसी भी भूमिका से किया इंकार Dinesh Bhatt on कथा प्रांतर 3: द्रष्टा और भोक्ता के अनुभूति-अंतरालों के बावजूद Rakesh Bihari on कथा प्रांतर 3: द्रष्टा और भोक्ता के अनुभूति-अंतरालों के बावजूद डॉ उर्वशी on कथा प्रांतर 3: द्रष्टा और भोक्ता के अनुभूति-अंतरालों के बावजूद पंकज मित्र on कथा प्रांतर 3: द्रष्टा और भोक्ता के अनुभूति-अंतरालों के बावजूद Rohini Aggarwal on कथा प्रांतर: पुल की सार्थकता मनोज मोहन on कहानीः याद Alka Tiwari on स्मरण: आलोचना की निगाह से दूर एक लेखक और एक राजा के दिल मे गरीबों के लिए दर्द Kavita kavita on उतर के नाव से भी कब सफ़र तमाम हुआ… प्रकाश on कहानीः याद Neelam shanker on उतर के नाव से भी कब सफ़र तमाम हुआ… योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद Kavita Kavita on स्मरण: आखिर क्यों मारे गए गुलफाम शैलेंद्र K. Manjari Srivastava on दृश्यम: कमालुद्दीन नीलू, इब्सन और नेटिव पियर Shampa Shah on दृश्यम: कमालुद्दीन नीलू, इब्सन और नेटिव पियर Kavita on उतर के नाव से भी कब सफ़र तमाम हुआ… Kavita Kavita on स्मरण: आखिर क्यों मारे गए गुलफाम शैलेंद्र नमिता on उतर के नाव से भी कब सफ़र तमाम हुआ… डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा डॉ उर्वशी on स्मरण: आखिर क्यों मारे गए गुलफाम शैलेंद्र SAHIL RAJ on पुस्तक समीक्षा: हो सके तो इन किसानों को बचाइए राकेश बिहारी on कथा प्रांतर: पुल की सार्थकता राकेश बिहारी on कथा प्रांतर: पुल की सार्थकता Navin Goela on बोलते बंगले: शास्त्री जी क्यों नहीं रहे तीन मूर्ति रवि रंजन on कथा प्रांतर: पुल की सार्थकता पंखुरी सिन्हा on कथा प्रांतर: पुल की सार्थकता Pramod Kumar barnwal on कथा प्रांतर: पुल की सार्थकता Madhu Kankariya on कथा प्रांतर: पुल की सार्थकता