नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी प्रशांत विहार इलाके में सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए विस्फोट में पुलिस संभावित खालिस्तानी लिंक की जांच कर रही है। घटना के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर “जस्टिस लीग इंडिया” नामक ग्रुप द्वारा विस्फोट करने की जिम्मेदारी ली गई है।
इस पर पुलिस ने टेलीग्राम को चिट्ठी लिखकर ग्रुप के बारे में जानकारी मांगी है। टेलीग्राम पोस्ट में ग्रुप ने दावा किया है कि उसने यह विस्फोट भारतीय एजेंटों द्वारा कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों को “टारगेट” करने के बदले में किया है।
टेलीग्राम ग्रुप और उनके द्वारा किए गए दावों को लेकर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस की टीमें मामले की जांच में लगी हैं। रविवार सुबह हुए विस्फोट से पास की दुकान के साइनबोर्ड, वहां खड़ी गाड़ियों की खिड़कियां और आसपास के लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है।
हालांकि घटना में किसी के घायल होने की खबर सामने नहीं आई है। पुलिस को घटनास्थल से “बिखरे हुए सफेद पाउडर” मिले हैं और उनका कहना है कि विस्फोट करने के लिए “अज्ञात विस्फोटक पदार्थ” का इस्तेमाल किया गया है।
दरअसल, रविवार रात में सोशल मीडिया पर एक टेलीग्राम ग्रुप द्वारा घटना के कुछ सीसीटीवी फुटेज शेयर कर विस्फोट की जिम्मेदारी ली गई थी। फुटेज में खालिस्तान जिंदाबाद का वाटरमार्क भी लगा हुआ था।
ग्रुप द्वारा एक पोस्ट में भारतीय एजेंसियों को धमकी दी गई है और कहा है कि वह कभी भी कहीं भी हमला करने में सक्षम हैं। इन फुटेज और धमकियों को देखते हुए पुलिस इसे खालिस्तानी आतंकियों से लिंक कर मामले की जांच कर रही है।
पुलिस ने टेलीग्राम को क्या कहा है
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने टेलीग्राम को चिट्ठी लिखकर “जस्टिस लीग इंडिया” नामक ग्रुप को बनाने वाले एडमिन के बारे में जानकारी मांगी है। अधिकारी टेलीग्राम ग्रुप और उसे बनाने और चलाने वालों के साथ-साथ विस्फोट के पीछे के संभावित उद्देश्यों के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने में जुट गई है।
शुरुआती जांच में अधिकारियों ने कहा है कि विस्फोट को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इसे किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि इसे केवल संदेश देने के लिए अंजाम दिया गया है।
पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या जिम्मेदारी लेने वाला यह ग्रुप वास्तव में खालिस्तान समर्थक आंदोलनों से जुड़ा है या फिर यह केवल एक फर्जी दावा है।पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह हमला अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित संदेश भेजने की एक बड़ी योजना का हिस्सा तो नहीं है ना।
एफआईआर में क्या कहा गया है
सूत्रों के अनुसार, एफआईआर में घटनास्थल से सफेद पाउडर के पाए जाने की बात सामने आई है जिसे लेकर यह शक किया जा रहा है यह विस्फोट के उपकरण का हिस्सा हो सकता है।
पुलिस को संदेह है कि विस्फोट में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) हुआ है जिसे स्कूल की चारदीवारी के पास एक गड्ढे में रखा गया था। एफआईआर के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्ध के बारे में पता चला है जो सफेद शर्ट में है और वह घटना से पहले रात में उसे वहां पर देखा गया है।
दिल्ली पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। विस्फोटकों के बारे में अधिक जानकारी के लिए अधिकारियों ने सफेद पाउडर सहित नमूने को फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) को भी जांच में शामिल किया गया है। यही नहीं किसी भी अतिरिक्त विस्फोटक सामग्री की खोज के लिए एनएसजी के रोबोटों को भी तैनात किए गए हैं।