वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें की हैं। रूस और यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के बीच पिछले चार महीनों में पीएम मोदी की जेलेंस्की के साथ यह तीसरी बैठक थी।
पीएम मोदी की जेलेंस्की के बीच एक के बाद एक लगातार हो रही बैठकों को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इन बैठकों को रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को जल्द ही खत्म होने से जोड़कर देखा जा रहा है। बैठक के बारे में बोलते हुए भारत ने कहा है कि पीएम मोदी के साथ न्यूयॉर्क में मीटिंग के लिए यूक्रेन द्वारा इच्छा जताई गई थी।
इन चर्चाओं में भारत की भागीदारी शांति को बढ़ावा देना है और कूटनीति के माध्यम से रूस और यूक्रेन के संघर्ष को खत्म करना है। रूस और यूक्रेन की तरह ही इजराइल और फिलिस्तीन के मुद्दे को भी भारत सुलाझाने पर जोर जोर दे रहा है।
बैठक में पीएम मोदी ने जेलेंस्की से कहा कि यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को सुगम बनाने के लिए भारत हरसंभव मदद करने को तैयार है।
बैठक में भारत ने क्या कहा
दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के इतर यह मुलाकात की है। बैठक में यूक्रेन की स्थिति के साथ-साथ शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने के तरीकों पर भी चर्चा की गई है।
जेलेंस्की के साथ अपनी बैठक के दौरान पीएम मोदी ने बातचीत और कूटनीति के जरिए से शांतिपूर्ण समाधान की तलाश करने के लिए भारत के निरंतर दृष्टिकोण की पुष्टि की है।
प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों का समर्थन करने की भारत की इच्छा पर जोर दिया है। उनके इन प्रयासों को युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर पड़ रहे प्रभाव, खासकर ग्लोबल साउथ पर उनकी चिंता को दर्शाती है।
जेलेंस्की ने दोनों देशों के बीच संघर्ष को खत्म करने के लिए भारत की चिंता की तारीफ की है। वहीं पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच जल्द ही युद्ध खत्म होने और शांति स्थापित होने की बात कही है। दोनों नेताओं के बीच इससे पहले इटली और कीव में हुई बैठकों के बाद यह मिटिंग हुई है।
बैठक के बाद पीएम मोदी ने क्या कहा है
पीएम मोदी ने बैठक के बाद एक्स पोस्ट में कहा, “न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। पिछले महीने यूक्रेन की मेरी यात्रा के दौरान हमने जिन द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया था उसे हम लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति एवं स्थिरता की बहाली के लिए भारत के समर्थन की बात दोहराई।”
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है
विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कूटनीति और संवाद के साथ-साथ सभी हितधारकों के बीच जुड़ाव के माध्यम से यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में भारत के “स्पष्ट, सुसंगत और रचनात्मक” दृष्टिकोण को दोहराया है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री की हाल की यूक्रेन यात्रा को याद किया और द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर सुदृढ़ीकरण पर संतोष व्यक्त किया है। तीन महीने से भी कम समय में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति भी व्यक्त की है।
भारत सरकार ने कहा कि दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए पूरी दुनिया में बातचीत चल रही है। इन बातचीत में भारत भी हिस्सा ले रहा है और जल्द ही दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति से मुलाकात में इन बातों पर दिया जोर
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात करने से एक दिन पहले फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की थी। मुलाकात में प्रधानमंत्री ने गाजा में मानवीय संकट पर चिंता जताई है।
पीएम ने फिलिस्तीनी लोगों के लिए अपने समर्थन को दोहराया है और युद्धविराम और बंधकों की रिहाई जैसे मुद्दों पर भी बात की है। प्रधानमंत्री ने इजराइल और फिलिस्तीन मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करने पर जोर दिया है।
मुलाकात में उन्होंने क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए दो राज्य के भारत के पुराने रुख को भी दोहराया है। उन्होंने कहा है कि भविष्य की शांति के लिए यही एक बेहतर समाधान है।
1992 के बाद पहली बार किसी भारतीय पीएम ने किया था यूक्रेन का दौरा
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की के निमंत्रण पर अगस्त में यूक्रेन का दौरा किया था। यह यात्रा महत्वपूर्ण थी क्योंकि 1992 में द्विपक्षीय संबंधों की स्थापना के बाद से यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने यूक्रेन का दौरा किया था।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया था कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में अक्सर तटस्थ कहे जाने वाले भारत ने हमेशा शांति के लिए दृढ़ता से पक्ष लिया है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ