Parliament Winter Session: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र इस बार 1 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा। रिजिजू ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उन्हें एक रचनात्मक और सार्थक सत्र की उम्मीद है जो भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत बनाएगा।
पोस्ट में रिजिजू ने लिखा, “भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने 1 दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर 2025 तक संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने के लिए सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है (यह तिथि संसदीय कार्य की आवश्यकता के अनुसार बदल सकती है)। मुझे विश्वास है कि यह सत्र लोकतंत्र को सशक्त करेगा और जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।”
राज्यसभा में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का पहला सत्र
आगामी शीतकालीन सत्र राज्यसभा के नए सभापति और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के लिए पहला सत्र होगा। 21 अक्टूबर को राधाकृष्णन ने संसद भवन स्थित राज्यसभा सचिवालय के विभिन्न विभागों का दौरा किया और कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंने टेबल ऑफिस, विधायी शाखा, प्रश्न शाखा, सांसद वेतन और भत्ते शाखा, सुविधाएं शाखा, विधेयक कार्यालय, नोटिस कार्यालय, लॉबी ऑफिस और रिपोर्टर्स ब्रांच जैसी इकाइयों का निरीक्षण किया।
उपराष्ट्रपति ने अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके समर्पण और पेशेवर रवैये के लिए सराहा। उन्होंने कहा कि वे इसी भावना के साथ कार्य करते रहें, जिससे संसद का सुचारू संचालन हो और लोकतांत्रिक संस्थान और मजबूत बनें।
भ्रमण के दौरान उन्होंने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं भी दीं।
शीतकालीन सत्र में बिहार विधानसभा चुनावों के परिणामों का असर देखने को मिल सकता है। विपक्ष इस दौरान चुनाव आयोग द्वारा नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चलाए जा रहे मतदाता सूची के स्पेशल रिवीजन (एसआईआर) के दूसरे चरण पर भी सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है।
सरकार इन अहम विधेयकों को पारित कराना चाहेगी
रिपोर्टों की मानें तो सरकार का फोकस कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने पर रहेगा। सरकार की ओर से दिवालियापन एवं ऋणशोधन विधेयक, सार्वजनिक न्यास विधेयक, और संविधान संशोधन विधेयक (129वां और 130वां) जैसे कई महत्वपूर्ण बिल पारित कराने की तैयारी है।
इससे पहले संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ था और 21 अगस्त को निर्धारित समय से एक दिन पहले समाप्त हुआ। इस दौरान संसद की 21 बैठकें हुईं और लगभग 37 घंटे 7 मिनट तक प्रभावी कार्य हुआ।
इस सत्र में लोकसभा में 14 विधेयक पेश किए गए। इनमें से 12 विधेयक लोकसभा और 15 विधेयक राज्यसभा में पारित हुए। कुल मिलाकर, 15 विधेयकों को दोनों सदनों से मंजूरी मिली। इनमें राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक और भारतीय बंदरगाह विधेयक जैसे प्रस्तावित कानून शामिल थे। जबकि एक विधेयक लोकसभा से वापस ले लिया गया।
मानसून सत्र के दौरान पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की निर्णायक और सफल कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में विशेष चर्चा हुई। लोकसभा में यह चर्चा 28 और 29 जुलाई को जबकि राज्यसभा में 29 और 30 जुलाई को हुई थी।

