वॉशिंगटन: अमेरिका ने भारत से खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की असफल साजिश की जांच में ‘ठोस जवाबदेही’ की मांग की है। अमेरिकी विदेश विभाग के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिका तब तक पूरी तरह संतुष्ट नहीं होगा, जब तक इस जांच के परिणामस्वरूप ठोस और सार्थक जवाबदेही सुनिश्चित नहीं होती।
वाशिंगटन का रुख और भारत की जांच समिति की बैठक
पटेल का यह बयान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर की टिप्पणी के एक हफ्ते बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका, भारतीय जांच समिति के साथ हुई बैठक के बाद आंशिक रूप से संतुष्ट है। यह समिति पन्नू की हत्या की साजिश से जुड़े मामले की जांच के लिए गठित की गई है।
पटेल ने बैठक की चर्चा करते हुए कहा, “इस बैठक में दोनों सरकारों के बीच उपयोगी बातचीत हुई और महत्वपूर्ण जानकारी का आदान-प्रदान हुआ, जिससे हमारे-अपने जांचों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय जांच समिति हालिया बातचीत के आधार पर आगे कदम उठाएगी।”
मामले में अतिरिक्त जानकारी साझा करने से इनकार
पटेल ने इस संवेदनशील मुद्दे पर और अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश इस समय सक्रिय रूप से जांच में लगे हुए हैं और मामला अभी भी खुला है। हालांकि, पिछले हफ्ते प्रेस वार्ता में, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बताया था कि भारतीय जांच समिति ने अमेरिका को सूचित किया है कि वह व्यक्ति, जिसे पन्नू की हत्या की साजिश का निर्देशन करने का आरोप था, अब भारतीय सरकार का कर्मचारी नहीं है।
आरोपी विक्रम यादव और निखिल गुप्ता की भूमिका
गौरतलब है कि पूर्व रॉ अधिकारी विक्रम यादव पर अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। यादव को न्याय विभाग की अभियोग में ‘CC-1’ के रूप में संदर्भित किया गया है। इसके साथ ही, भारतीय जांच समिति अन्य संगठित अपराधियों की गतिविधियों की भी जांच कर रही है।
नवंबर 2023 में, अमेरिकी अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था। गुप्ता को चेक गणराज्य से गिरफ्तार किया गया था और जून में अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया। वहां उन्हें न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत में पेश किया गया, जहां उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया। गुप्ता पर हत्या के लिए साजिश और हत्या की साजिश के आरोप हैं, जिनमें से प्रत्येक में 10 साल की सजा का प्रावधान है।
भारत और अमेरिका की जांच पर नजर
पन्नून के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है और वह आतंकवाद के आरोपों में भारत में वांछित है। उसे सख्त आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है। भारत ने पन्नून की हत्या के कथित प्रयास में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है और मामले की उच्च स्तरीय जाँच शुरू की है।