Homeविश्वपाकिस्तानः क्वेटा में फ्रंटियर कोर मुख्यालय के बाहर कार बम विस्फोट और...

पाकिस्तानः क्वेटा में फ्रंटियर कोर मुख्यालय के बाहर कार बम विस्फोट और गोलीबारी में 8 की मौत

पाकिस्तान के क्वेटा में कार विस्फोट और बमबारी हुई जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई। वहीं, कई लोग घायल हुए हैं। घटना की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है।

इस्लामाबादः पाकिस्तान के क्वेटा में मंगलवार, 30 सितंबर को फ्रंटियर कांस्टेबुलरी (एफसी) मुख्यालय के बाहर एक शक्तिशाली कार बम विस्फोट हुआ। इसमें कम से कम 8 लोग मारे गए और 19 से अधिक लोग घायल हो गए।

डॉन अखबार के मुताबिक, बलूचिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री बख्त मुहम्मद काकर ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।

इन इलाकों में हुए जोरदार धमाके

मॉडल टाउन और आसपास के इलाकों में जोरदार बम धमाके हुए जिससे घरों और व्यावसायिक इमारतों की खिड़कियों के शीशे टूट गए। इसके बाद गोलियों की तेज आवाज सुनाई दी। इससे इलाके में दहशत फैल गई।

गोलीबारी और बम धमाके के बाद बचाव दल की टीमें और पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। इन टीमों ने इलाके की घेराबंदी की। वहीं, जांचकर्ता हमले की प्रकृति का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि इस मामले में जांच जारी है और पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि घटना के पीछे किसका हाथ है।

यह भी पढ़ें – गाजा में जल्द खत्म होगी जंग! क्या है ट्रंप का 20 प्वाइंट वाला फॉर्मूला? नेतन्याहू की सहमति, हमास के जवाब का इंतजार

घटना में घायल हुए और मृतकों को क्वेटा सिविल अस्पताल ले जाया गया। यहां पर इमरजेंसी घोषित कर दी गई। स्वास्थ्य मंत्री काकर और सचिव मुजीब-उर-रहमान के निर्देश पर बीएमसी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर के लिए भी ऐसे ही चेतावनी जारी की गई। अधिकारियों के मुताबिक, डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स को आपातकालीन ड्यूटी पर तैनात किया गया है।

पाकिस्तान में हुई इस घटना के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या बताया?

घटना के दौरान मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों और आसपास के निवासियों ने बताया कि यह विस्फोट इतना तेज कि इसकी आवाजें मीलों दूर तक सुनाई दी। एंबुलेंस पीड़ितों को अस्पताल ले जा रही थीं और सुरक्षाकर्मियों ने आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया था।

इस घटना की जिम्मेदारी हालांकि अभी तक किसी समूह ने नहीं ली है लेकिन इसका संदेह उग्रवाद से प्रभावित बलूचिस्तान में सक्रिय अलगाववादी संगठनों पर होने की आशंका है। यह क्षेत्र लंबे समय से प्रतिबंधित संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी जैसे समूहों के हमलों का केंद्र रहा है। यह अक्सर स्वतंत्रता के अभियान में नागरिकों और सुरक्षाबलों को निशाना बनाते रहे हैं।

यह भी पढ़ें – 2 अक्टूबर से पहले लंदन में महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़ी गई, 1968 में हुआ था अनावरण, अब तक क्या बातें आई सामने?

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में इन दिनों भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 29 सितंबर को प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़प हो गई। इसमें दो लोगों की मौत हो गई और 22 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हालात पर काबू पाने के लिए इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए। इसके अलावा इंटरनेट सेवाएं भी बंद हुईं।

ये प्रदर्शन अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) संगठन द्वारा शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ आयोजित किए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार के समक्ष 38 मांगे भी रखी हैं।

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent Comments

डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा
Exit mobile version