Thursday, November 6, 2025
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असीम मुनीर को मिलने जा रही है और भी ताकत! पाकिस्तान में संविधान संशोधन की तैयारी

पाकिस्तानी मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार 27वें संशोधन के तहत प्रस्तावित बदलावों में संविधान के अनुच्छेद 243 में संशोधन शामिल है। इसमें सेना प्रमुख की नियुक्ति और सशस्त्र बलों की कमान से जुड़ी बातें है। इसके अलावा मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया और जजों के ट्रांसफर जैसे मामले भी शामिल हैं।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के बढ़ते प्रभाव के बीच देश में संविधान में संशोधन करने की योजना बनाई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे संभवतः मुनीर की सेना को और अधिक शक्तियाँ मिल सकेंगी। शहबाज शरीफ सरकार ने पुष्टि की है कि वह जल्द ही संसद में 27वाँ संविधान संशोधन पेश करेगी, जिसमें सशस्त्र बलों की कमान से संबंधित बदलाव प्रस्तावित है।

वहीं, आलोचकों को डर है कि इस कदम से पाकिस्तान पर मुनीर की मजबूत पकड़ और मज़बूत हो जाएगी। पाकिस्तान में सेना के शासन का इतिहास पहले भी रहा है। इसके अलावा चुनी गई सरकारों पर उसके व्यापक प्रभाव और राष्ट्रीय सुरक्षा सहित अर्थव्यवस्था में उसकी भूमिका की भी बात होती रही है।

संविधान में बदलावों को लेकर अटकलें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी के एक ट्वीट के बाद शुरू हुईं, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार ने 27वें संशोधन में समर्थन के लिए उनसे संपर्क किया था।

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार ने भी मंगलवार को पाकिस्तानी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में बोलते हुए इन रिपोर्टों की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा, ‘बेशक, सरकार इसे ला रही है और लाएगी… 27वाँ संशोधन आएगा… और आने ही वाला है। हम इसे सिद्धांतों, कानूनों और संविधान के अनुसार पेश करने की कोशिश करेंगे।’

डार ने विपक्षी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की इस चिंता को भी खारिज किया कि सरकार उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना संविधान में बदलाव करने की कोशिश करेगी। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा, ‘ऐसा नहीं है कि संशोधन पेश किया जाए और उस पर बेतरतीब ढंग से, गलत तरीके से मतदान हो; ऐसा नहीं होगा।’

पाकिस्तान के संविधान में प्रस्तावित संशोधन क्या हैं?

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 27वें संशोधन के तहत प्रस्तावित बदलावों में संविधान के अनुच्छेद 243 में संशोधन शामिल है, जो सेना प्रमुख की नियुक्ति और सशस्त्र बलों की कमान को नियंत्रित करता है। इसमें बदलाव से मुनीर के पास फौज से जुड़े ज्यादातर फैसले लेने की ताकत होगी।

प्रस्ताव में कथित तौर पर संवैधानिक न्यायालयों की स्थापना, मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, कार्यकारी मजिस्ट्रेटों की बहाली और जजों के स्थानांतरण का मामला भी शामिल है।

इसमें संघीय संसाधनों में प्रांतों की हिस्सेदारी कम करने, शिक्षा और जनसंख्या कल्याण मंत्रालयों का नियंत्रण प्रांतों से संघीय सरकार को हस्तांतरित करने और नेशनल फाइनांस कमिशन के तहत प्रांतीय हिस्से के संरक्षण को समाप्त करने का प्रस्ताव है।

प्रस्तावित संशोधन की हो रही आलोचना

पूर्व सीनेटर मुस्तफा नवाज खोखर के हवाले से पाकिस्तान अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि संशोधन का उद्देश्य एक नए कमांडर-इन-चीफ पद की शुरुआत करना है, जिससे पाकिस्तान के सिविल-मिलिट्री पदानुक्रम (hierarchy) का फिर से पुनर्गठन होगा।

खोखर ने कहा, ‘यह कदम देश के बुनियादी ढाँचे को पूरी तरह से बदल देगा… क्या आप देश को किसी और को सौंप रहे हैं? नागरिकों की सर्वोच्चता के विचार का क्या हुआ? यह संशोधन नागरिक संस्थानों को सत्ता प्रतिष्ठान के अधीन कर देगा, जिससे देश की नींव हिल जाएगी।’

वहीं, प्रमुख राजनेता और पीपीपी सीनेटर रजा रब्बानी ने भी कहा कि यह कदम प्रांतीय स्वायत्तता को नुकसान पहुँचाएगा।

पाकिस्तान में सरकार को सीनेट और नेशनल असेंबली (एनए) में अलग-अलग दो-तिहाई बहुमत से संशोधन पारित करना होगा। 336 सदस्यीय नेशनल असेंबली में उसे 233 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है और उसके पास आवश्यक संख्याबल है।

हालांकि, 96 सदस्यीय सीनेट में उसके केवल 61 सदस्य हैं और दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के लिए उसे कम से कम तीन विपक्षी सदस्यों की आवश्यकता होगी। शहबाज शरीफ की सरकार को मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व वाली जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल का समर्थन मिल सकता है। वहीं, पीटीआई नेता हामिद खान ने कहा कि उनकी पार्टी इस संशोधन का विरोध करेगी और संविधान को नष्ट करने के सरकार के प्रयास को विफल करने का प्रयास करेगी।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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