इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सरकार द्वारा पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के निजीकरण करने के प्रयास को बड़ा धक्का पहुंचा है। घाटे में चल रही पीआईए के लिए सिर्फ एक कंपनी ब्लू वर्ल्ड सिटी ने बोली लगाई है। कंपनी ने एयरलाइन में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए महज 10 अरब पाकिस्तानी रुपये का प्रस्ताव रखा है। यह पाकिस्तान की सरकार के 85 बिलियन प्रस्ताव का केवल 12 प्रतिशत है।
एयरलाइन के लिए सार्वजनिक तौर पर टीवी पर प्रसारित बोली कार्यक्रम के दौरान रियल एस्टेट डेवलपर ब्लू वर्ल्ड सिटी ने अपना प्रस्ताव पेश किया। डॉलर के हिसाब से देखें तो कंपनी की ओर से लगाई गई बोली लगभग 36 मिलियन अमेरिकी डॉलर (302 करोड़ भारतीय रुपये) के बराबर है, जो निजीकरण पर कैबिनेट समिति द्वारा निर्धारित 305 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2563 करोड़ भारतीय रुपये) के न्यूनतम बिक्री मूल्य के एकदम उलट है।
कोई मंत्री नहीं हुआ शामिल
पाकिस्तान की एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार निविदा की बोली खोलने से पहले निजीकरण आयोग बोर्ड और कैबिनेट समिति ने अलग-अलग बैठक की। इसके बावजूद पाकिस्तानी सरकार के किसी भी मंत्री ने इस कार्यक्रम में भाग नहीं लिया। इसमें केवल दो केंद्रीय सचिवों ने हिस्सा लिया।
कैबिनेट समिति ने निजीकरण आयोग बोर्ड की सिफारिशों के बाद न्यूनतम बिक्री मूल्य को मंजूरी दे दी थी। सरकार की पेशकश से मेल खाने के लिए आमंत्रित किए जाने के बावजूद, ब्लू वर्ल्ड सिटी ने अपनी बोली बढ़ाने से इनकार कर दिया।
ब्लू वर्ल्ड सिटी के मालिक साद नजीर ने कहा, ‘हमने सरकारी कीमत पर विचार किया है और 10 बिलियन पाकिस्तानी रुपये की अपनी सर्वोत्तम कीमत के साथ हमने खड़े रहने का फैसला किया है।’
कर देनदारियों, गारंटीकृत निवेश और कर्मचारियों को बनाए रखने जैसे सरकार की सख्त शर्तों का हवाला देते हुए पांच अन्य पार्टियों के हटने के बाद ब्लू वर्ल्ड सिटी बोली जमा करने वाली एकमात्र कंपनी रही।
PIA पाकिस्तान का चौथा सबसे बड़े घाटे वाल सरकार उद्यम
पीआईए अभी पाकिस्तान में चौथा सबसे बड़ा घाटे वाला सरकारी उद्यम है। पीआईए में हिस्सेदारी की यह बिक्री प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों को हटाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ किए समझौते का एक हिस्सा है। इसलिए, पाकिस्तान राष्ट्रीय एयरलाइन के साथ-साथ घाटे में चल रही कुछ ऊर्जा संबंधित उद्यमों को बेचकर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहा है।
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की खास्ताहाल स्थिति का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसके 33 विमानों के बेड़े में अभी केवल आधे ही घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उपलब्ध हैं।
पाकिस्तान की सरकार ने शुरू में एयरलाइन में 51 प्रतिशत से 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश की थी लेकिन आखिरकार 60 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इसके अतिरिक्त पाक सरकार ने कम शुल्क और कर छूट के लिए बोलीदाताओं के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया और खरीदार को परिचालन स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पीआईए में 500 मिलियन अमरीकी डालर से 700 मिलियन अमरीकी डालर डालने की आवश्यकता बताई थी।
वहीं, निजीकरण आयोग के सचिव उस्मान बाजवा ने कहा है कि पीआईए नए निवेश और अपनी बकाया देनदारियों के समाधान के बिना परिचालन स्थिरता हासिल नहीं कर पाएगा। बहरहाल, माना जा रहा है कि पीआईए के निजीकरण के इस असफल प्रयास का पाकिस्तानी सरकार की दूसरी कंपनियों को लेकर निजीकरण रणनीति पर भी व्यापक असर नजर आ सकता है।