पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और कुछ भारतीय मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा था कि बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को पाकिस्तान ने ‘आतंकी’ घोषित कर दिया है। रिपोर्टों में पाकिस्तान के इस कदम को सलमान के उनके बलूचिस्तान वाले बयान से जोड़कर देखा गया था, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ था। अब पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस पूरे विवाद पर सफाई दी है।
रविवार को मंत्रालय की आधिकारिक फैक्ट-चेक टीम ने एक्स पर इस दावे को खारिज करते हुए एक बयान जारी किया गया। पोस्ट में उस वायरल हेडलाइन का स्क्रीनशॉट था जिसमें लिखा था- बलूचिस्तान टिप्पणी के बाद पाकिस्तान ने सलमान खान को आतंकी निगरानी सूची में डाला। इस पर “फेक न्यूज/ असत्यापित” की मोहर लगाई गई थी।
पाकिस्तानी मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय ने कहा, “पाकिस्तान सरकार की किसी भी आधिकारिक वेबसाइट, नोटिफिकेशन या गृह मंत्रालय के गजट में सलमान खान का नाम आतंकवाद-रोधी कानून की ‘चौथी अनुसूची’ में शामिल नहीं किया गया है। न ही राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (NACTA) की प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची में ऐसा कोई रिकॉर्ड है।”
मंत्रालय ने यह भी जोड़ा कि “इस दावे से जुड़ी सारी खबरें भारतीय मीडिया से निकली हैं और किसी भी रिपोर्ट का स्रोत कोई आधिकारिक पाकिस्तानी घोषणा नहीं है। इसलिए यह दावा असत्य और अप्रमाणित है।”
सूचना मंत्रालय ने कहा कि यह रिपोर्ट “सिर्फ सनसनीखेज शीर्षक बनाने के मकसद से फैलाई गई है”, क्योंकि इसके समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं है।

सलमान खान ने क्या कहा था?
दरअसल, यह पूरा विवाद रियाद में आयोजित एक कार्यक्रम से शुरू हुआ। पिछले दिनों जॉय फोरम 2025 इवेंट में सलमान खान ने हिस्सा लिया था, जहां उनके साथ शाहरुख खान और आमिर खान ने भी मंच साझा किया था। तीनों खान मध्य पूर्व में भारतीय सिनेमा की लोकप्रियता पर चर्चा कर रहे थे।
इसी बातचीत के दौरान सलमान ने कहा था, “आज अगर कोई हिंदी फिल्म यहां (सऊदी अरब में) रिलीज हो, तो सुपरहिट हो जाएगी। तमिल, तेलुगू या मलयाली फिल्में भी सैकड़ों करोड़ कमा लेंगी, क्योंकि यहां अलग-अलग देशों के लोग काम कर रहे हैं। यहां बलूचिस्तान से लोग हैं, अफगानिस्तान से हैं, पाकिस्तान से हैं, सब यहां काम कर रहे हैं।”
सलमान ने बलूचिस्तान और पाकिस्तान का जिक्र अलग-अलग किया, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई कि क्या बलूचिस्तान और पाकिस्तान अलग-अलग है? इस्लामाबाद के अधिकारियों ने इसपर आपत्ति जताई थी और इसे पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ बताया था। जबकि बालेच बैकग्राउंड वाले कुछ यूजर्स सलमान के बयान का समर्थन किया था।
बता दें कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का दक्षिण-पश्चिमी प्रांत है, जो खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध से सटा हुआ है। 1947 से ही इस इलाके में स्वायत्तता और स्वतंत्रता की मांग चलती रही है, जो 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद और तेज हुई।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, 2011 से अब तक पाकिस्तान में करीब 10,000 बलोच कार्यकर्ता लापता हो चुके हैं। यहां मानवाधिकार उल्लंघन, संसाधनों के दोहन और राजनीतिक उपेक्षा के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं।

