इस्लामाबादः पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में मंगलवार, 11 नवंबर को एक भीषण विस्फोट हुआ जिसमें कम से कम 12 लोग मारे गए और 20 लोग घायल हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह विस्फोट एक खड़े वाहन में हुआ। पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसे आत्मघाती हमला बताया। वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इसमें ‘भारत समर्थित’ चरमपंथी समूह शामिल हैं।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, यह घटना दोपहरी करीब साढ़े 12 बजे हुई। इस्लामाबाद जिला अदालत के प्रवेश द्वार के बाहर इस दौरान हुए विस्फोट से वकीलों और अन्य लोगों के बीच अफरा-तफरा मच गई। यह विस्फोट इतना तेज था कि इसकी आवाज काफी दूर तक सुनाई दी।
पाकिस्तान सरकार ने क्या कहा?
इस घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहे हैं जिनमें देखा जा सकता है कि आग की लपटें और धुएं का गुबार दिखाई दे रहा है। जहां विस्फोट हुआ उसके आसपास खड़ी कई गाड़ियों में भी विस्फोट हुआ। इनमें से अधिकतर घायल वकील और अदालत में काम करने वाला स्टाफ है। पुलिस को संदेह है कि यह एक आत्मघाती हमला है।
समाचार एजेंसी एएफपी ने वकील रुस्तम मलिक के हवाले से लिखा “जैसे ही मैं गाड़ी पार्क करके परिसर में घुसा, मुझे गेट पर बड़े धमाके की आवाज सुनाई दी…मैंने देखा गेट पर दो लाशें पड़ी थीं और कई गाड़ियों में आग लगी थी।”
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने विस्फोट के लिए अफगानिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और घोषणा की है कि देश ‘युद्ध की स्थिति’ में है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट भी किया।
वहीं राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आत्मघाती हमले की निंदा की है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
बीबीसी की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बयान में कहा कि “भारत के आतंकी प्रॉक्सियों की ओर से पाकिस्तान के निहत्थे शहरियों पर आतंकवादी हमले निंदनीय हैं।”
हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने अभी तक नहीं ली है लेकिन सुरक्षा सूत्रों के हवाले से सीएनएन ने लिखा कि यह हमला अफगान तालिबान और भारत से जुड़े उग्रवादियों द्वारा किया गया।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पाकिस्तान ‘युद्ध की स्थिति’ में है। उन्होंने कहा कि इस हमले को पड़ोसी अफगानिस्तान के साथ वार्ता के संबंध में ‘चेतावनी’ के रूप में देखा जाना चाहिए।
तालिबान के सत्ता में आने के बाद बढ़े हमले
तालिबान द्वारा साल 2021 में अफगानिस्तान पर सत्ता काबिज करने के बाद से पाकिस्तान को इस्लामी हिंसा में वृद्धि का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान लंबे समय से अफगानिस्तान पर पाकिस्तानी तालिबान आतंकवादी समूह (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी)) को पनाह देने का आरोप लगाता रहा है।
यह घटना पाकिस्तानी सेना द्वारा संचालित पेशावर में साल 2014 में एक स्कूल धमाके की याद दिलाती है जिसमें 154 लोग मारे गए थे। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि हमलावर पेशावर में 2014 में हुए हमले को दोहराना चाहते थे।
इस बीच अफगानी तालिबान सरकार के विदेश मंत्री ने घटना के संबंध में एक बयान जारी गहरा दुख व्यक्त किया है। हालांकि इस बयान में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के बयान का जिक्र नहीं किया गया है।
पाकिस्तान में हुई यह घटना दिल्ली के लाल किले में हुए विस्फोट के एक दिन बाद हुई है। भारत में हुए इस विस्फोट में कम से कम 10 लोग मारे गए और अन्य लोग घायल हो गए।

