Thursday, October 16, 2025
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पाकिस्तान ने आत्मघाती हमले के लिए भारत को ठहराया जिम्मेदार, विदेश मंत्रालय ने किया खारिज

इस्लामाबादः भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी सेना के उस दावे को खारिज किया है जिसमें वजीरिस्तान में हुए आत्मघाती हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया गया था। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी सेना के इस बयान को ‘अवमानना के साथ खारिज’ किया है। 

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक बयान जारी कर कहा “हमने पाकिस्तानी सेना का आधिकारिक बयान देखा जिसमें 28 जून को वजीरिस्तान में हुए हमले के लिए भारत को दोष दिया जा रहा है। हम इस बयान को पूरी अवमानना के साथ खारिज करते हैं।”

13 लोगों की मौत, 25 घायल

गौरतलब है कि पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में शनिवार एक आत्मघाती कार हमले में कम से कम 13 सैनिकों की मौत हो गई और नागरिकों समेत 25 लोग घायल हो गए। पाकिस्तान के इस क्षेत्र में हाल के दिनों का यह सबसे घातक हमला बन गया है। पाकिस्तान का यह क्षेत्र अशांत माना जाता है और यहां पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ऐसी घटनाओं को अंजाम देता रहा है। 

पाकिस्तान ने हालांकि इस घटना के लिए भारत पर दोषारोपण किया है लेकिन इस संबंध में कोई तथ्य नहीं प्रस्तुत किए हैं। यह आत्मघाती हमला खाड़ी गांव के पास लंच के दौरान हुआ जब आत्मघातीर कार सैन्य वाहन से टकराई। सैन्य बलों की आवाजाही के लिए इलाके में कर्फ्यू लगाए जाने के बावजूद यह हमला हो गया।

समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, शुरुआती जांच में पता चला है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए करीब 800 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल किया गया है। ब्लास्ट की वजह से आसपास के घरों में गंभीर नुकसान हुआ है।

हफीज गुल बहादुर गुट ने ली जिम्मेदारी

इस रिपोर्ट में आगे बताया गया कि घायल हुए 25 लोगों में 15 सैनिक और 10 नागरिक शामिल हैं। इनमें बच्चे भी हैं। हालांकि पाकिस्तानी सेना ने अपने आधिकारिक अकाउंट से लिखा है कि इस हमले में 13 सैनिक मारे गए हैं और तीन नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

पाकिस्तानी तालिबान के एक गुट हफीज गुल बहादुर ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के खैबरपख्तूनख्वा प्रांत में इस तरह के कई प्रतिबंधित समूह हैं जो अक्सर सुरक्षाबलों को निशाना बनाते रहते हैं। पाकिस्तान इन लोगों को शरण देने के लिए अफगानिस्तान पर आरोप लगाता रहा है। हालांकि, काबुल ने इसे अस्वीकार किया है। 

विश्लेषकों का ऐसा मानना है कि हफीज गुल बहादुर समूह पाकिस्तानी तालिबान में उपस्थित किसी भी समूह से ज्यादा खतरनाक है और अपनी शक्ति दिखाने के लिए होड़ कर रहा है। 

पाकिस्तानी तालिबान या तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) में कई इस्लामी आतंकवादी गुट शामिल हैं। ये गुट लगातार पाकिस्तान सरकार को गिराकर इस्लामी शासन लागू करने की वकालत करते रहे हैं।

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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