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पहलगाम हमले के बाद उरी में घुसपैठ की कोशिश, दो आतंकी ढेर; पास से भारी हथियार बरामद

श्रीनगरः दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के एक दिन बाद भारतीय सेना ने उत्तर कश्मीर के उरी सेक्टर में एक घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया है। बुधवार को हुई मुठभेड़ में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया।

चिनार कॉर्प्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “23 अप्रैल 2025 को 2-3 अज्ञात आतंकियों ने उरी नाले के सरजीवन इलाके से कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश की।”

सेना ने बताया कि एलओसी (LoC) पर तैनात सतर्क जवानों ने आतंकियों को ललकारा, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई। सेना के अनुसार, अभियान अभी भी जारी है।

सेना का बयान: दो आतंकी मारे गए, भारी मात्रा में हथियार बरामद

सेना ने बताया, “सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें दो आतंकी मारे गए। इस ऑपरेशन के दौरान बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य युद्ध-सामग्री बरामद की गई है।”

यह ताजा कार्रवाई मंगलवार को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के कुछ ही घंटों बाद सामने आई है, जिसमें कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। बैसारन के घास के मैदान में यह हमला हुआ, जो केवल पैदल रास्ते से ही पहुँचा जा सकता है और गर्मियों के मौसम में पर्यटकों से भरा रहता है।

यह इस वर्ष का पहला आतंकी हमला था जिसमें पर्यटकों को निशाना बनाया गया। पिछले साल मई में भी पहलगाम में पर्यटकों पर हमला हुआ था, जिसमें दो लोग घायल हुए थे। ताजा घटना को लेकर सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। आतंकियों की हेलीकॉप्टर, ड्रोन के जरिए तलाश की जा रही है। 

वहीं, हमले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब दौरा बीच में ही रद्द कर दिया और देश लौट आए। उन्होंने एयरपोर्ट पर ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विदेश मंत्री और विदेश सचिव के साथ पहलगाम आतंकवादी हमले की स्थिति को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में हमले की परिस्थितियों और आगे की सुरक्षा रणनीति पर चर्चा हुई। 

आतंकियों ने वर्दी में आकर नाम पूछे, फिर गोलीबारी शुरू की

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि चार आतंकी अमेरिकी निर्मित एम4 कार्बाइन और एके-47 जैसे हथियारों से लैस होकर बाइसारन पहुंचे थे। घटनास्थल से 50 से 70 कारतूस बरामद हुए हैं। घटना से बचे लोगों के अनुसार, हमलावर वर्दी में थे और घने जंगलों से निकलकर आए। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी इलाके में काफी समय तक सक्रिय रहे और बिना किसी डर के 20 मिनट तक वहां मौजूद रहे। एक पर्यटक ने जांचकर्ताओं से कहा ऐसा लगा मानो समय थम गया हो।

हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा का प्रतिबंधित संगठन TRF ने ली है। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर सैफुल्ला कसूरी उर्फ खालिद इस हमले की साजिश में शामिल था। साथ ही रावलकोट स्थित दो अन्य लश्कर कमांडरों—जिनमें एक का नाम अबू मूसा बताया गया है—की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।

अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...

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