खबरों से आगे: तवी आरती- जम्मू की गिरती अर्थव्यवस्था में जान डालने की एक पहल

तवी आरती जम्मू की अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण तरीके से पुनर्जीवित करने की कोशिशों में एक बहुत छोटा कदम है। इसके अलावा भी कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे इलाके में पर्यटन बढ़ने की उम्मीद है।

Tawi Aarti

Photograph: (सोशल मीडिया)

बैसाखी का दिन जम्मू शहर में बहुत ही खास तरीके से मनाया गया। शाम को 'तवी आरती' का आयोजन किया गया जिसमें उत्साह से भरे हुए सैकड़ों स्थानीय लोगों ने भाग लिया। यह आरती वाराणसी के दशाश्वमेध घाट या हरिद्वार में हर की पौड़ी पर रोजाना होने वाली आरती की तरह थी। ठीक उसी तरह वेद मंत्रों का जाप हुआ और भजनों का गान हुआ। इस कार्यक्रम की अगुवाई उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की।

आरती का आयोजन नए तैयार तवी रिवरफ्रंट पर किया गया, जिसे अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। इसके भविष्य में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बनने की संभावना है। तवी नदी पर एक कृत्रिम झील का निर्माण भी किया जा रहा है जो जम्मू शहर को दो भागों में विभाजित करती है।

पूरे भारत में ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों को अक्सर जम्मू तवी नाम सुनने को मिलता है, लेकिन उनमें से कई लोग नहीं जानते कि इसका मतलब क्या है। सीधे और सरल तरीके से समझें तो जम्मू एक शहर है जो तवी नदी के तट पर स्थित है और इसी से जम्मू तवी (रेलवे स्टेशन कोड की भाषा में JAT) नाम आया है। 

पिछले कुछ दशकों में, जम्मू शहर का तेजी से विस्तार हुआ है और नदी के पूर्वी और पश्चिमी दोनों किनारों पर बस्तियाँ बस गई हैं, जो दोनों तरफ 10 से 12 किलोमीटर तक फैली हुई हैं। हालाँकि, यहाँ रहने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है (बढ़ोतरी हुई है), लेकिन इसके उलट आर्थिक गतिविधियाँ घटी हैं।

10 जिलों वाले जम्मू क्षेत्र के सबसे बड़े शहर जम्मू की अर्थव्यवस्था का एक कारण जम्मू से उधमपुर और फिर कटरा तक रेल संपर्क का लगातार बढ़ना है। साल 2012 में एक करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों ने श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन किए। इनमें से अधिकांश ने जम्मू को एक ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल किया, जिससे टैक्सियों, बसों, छोटी दुकानों, होटलों और सामान्य व्यापारियों के लिए व्यवसाय के ज्यादा मौके उत्पन्न हुए। 

2014 में माता वैष्णो देवी मंदिर के बेस कैम्प कटरा के लिए ट्रेन शुरू हुई। कटरा तक आने वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ती गई और जम्मू से गुजरने वाले लोगों की संख्या, जो इसे ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में उपयोग करते थे, उस संख्या में गिरावट आई है। 

तवी आरती: एक नए युग की शुरुआत

एलजी सिन्हा ने जब तवी रिवरफ्रंट जम्मू में ‘तवी आरती’ और ‘बैसाखी मेले’ में भाग लिया, तो उन्हें उम्मीद रही होगी कि जम्मू की अर्थव्यवस्था थोड़ी उभरेगी। तवी नदी को सूर्यपुत्री (सूर्य देव की पुत्री) भी कहा जाता है और सैकड़ों वर्षों से इसके किनारों पर बस्तियाँ बसी हुई हैं। यह नदी बमुश्किल 140 किलोमीटर लंबी है, जो भद्रवाह से अपनी यात्रा शुरू करती है और जम्मू शहर के पास चेनाब नदी में मिलकर समाप्त होती है।

जम्मू नगर निगम (जेएमसी), जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड, श्री रघुनाथजी कॉरिडोर विकास परिषद, पर्यटन विभाग, आचार्य, अर्चक, युवा स्वयंसेवक और कई अन्य लोगों ने इस भव्य आयोजन में भाग लिया। इसे एक जीवंत आयोजन बताते हुए एलजी सिन्हा ने कहा कि 'मंदिरों के शहर' में जीवित परंपरा एक शक्तिशाली आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है। 

उन्होंने कहा, 'तवी नदी जम्मू की आत्मा और इसकी आध्यात्मिक यात्रा से जुड़ी रही है और यह नदी हमारी चेतना और विचारों का जीवंत रूप है। यह एक सांस्कृतिक विचार और आध्यात्मिक प्रवाह है और तवी रिवरफ्रंट पर आरती की शुरुआत के साथ, हमारी प्राचीन संस्कृति को जगाने का प्रयास है। तवी आरती, पवित्र समारोह, इस पवित्र नदी के तट पर हमारे प्राचीन मूल्यों और आदर्शों को व्यक्त करने का माध्यम है। आज की भव्य आरती ने एक नए युग की शुरुआत की है।' 

एलजी सिन्हा ने आगे कहा, 'अपने शहर पर गर्व करें। एक शहर को सुंदर बनाने की शर्त यह है कि नागरिकों को अपने शहर के लिए अटूट गर्व और प्यार होना चाहिए।' उपराज्यपाल ने दोहराया कि जब तवी रिवरफ्रंट से संबंधित सभी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी, तो यह यहां के निवासियों और पर्यटकों के लिए एक अनूठा और आकर्षक अनुभव प्रदान करेगा।

इन परियोजनाओं से भी बदलेगी जम्मू की बदलेगी तस्वीर

रघुनाथ बाजार के पास पुराने शहर के इलाके में हेरिटेज ट्रेल परियोजना, रेजीडेंसी रोड को अपग्रेड किया जाना, गांधी नगर में सड़क विकास आदि ये सभी परियोजनाएँ शहर के विभिन्न क्षेत्रों को जीवंत, सुलभ और लोगों के अनुकूल पुनर्जीवित करने के उदाहरण हैं। इसका उद्देश्य जम्मू में आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देना भी है। 

पनामा चौक, बलिदान स्तंभ, जम्मू विश्वविद्यालय के पास और रणबीर नहर के आसपास जैसे स्थानों पर ग्रीन स्पेस शहर के नए आकर्षण हैं। 3डी भित्तिचित्र, वॉल पेंटिंग, मूर्तियों जैसी सार्वजनिक कला ने हमारे शहर में रंग और जीवंत अनुभवों को जोड़ा है, जिससे जम्मू को एक अनूठा रूप मिल रहा है। 

जम्मू प्रांत के प्रमुख शहरों में और इनके बीच अब दर्जनों इलेक्ट्रिक एसी बसें चल रही हैं। यह ऐसी चीजें हैं जिसकी लंबे समय से प्रतीक्षा थी। ये बसें लाइव ट्रैकिंग, सीसीटीवी कैमरे और डिजिटल भुगतान सेवाओं से लैस हैं, जिससे सभी के लिए आवागमन अधिक स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधाजनक हो गया है।

इस सप्ताह संभावना है कि देश भर से कटरा से आगे कश्मीर तक भी ट्रेनें चलनी शुरू हो जाएँगी। हालाँकि, इससे कटरा की अर्थव्यवस्था पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि यह श्री माता वैष्णो देवी तीर्थयात्रा के लिए आधार शिविर बना रहेगा।

तवी आरती जम्मू की अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण तरीके से पुनर्जीवित करने की कोशिशों में एक बहुत छोटा कदम है। सुचेतगढ़ में बलिदान स्तंभ पर पर्यटकों की भीड़ जहाँ सप्ताहांत पर एक परेड आयोजित की जाती है, कृत्रिम तवी झील आदि इस शहर में पर्यटन के ऊभार में और मदद कर सकते हैं।

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