खबरों से आगे: पाकिस्तान को घुटने पर ले आया ऑपरेशन सिंदूर और भारत का सैन्य पलटवार

भारत 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत बहावलपुर, मुरीदके और ऐसे ही दूसरे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर यह संदेश देना चाहता था कि पाकिस्तान का कोई भी इलाका उसकी पहुंच से बाहर नहीं है।

Operation Sindoor Photos

'ऑपरेशन सिंदूर' की तस्वीरें Photograph: (X)

वर्तमान वर्ष यानी विश्व के ज्यादातर हिस्सों में माने जाने वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक चल रहे साल 2025 में हमारे चारों ओर की दुनिया काफी बदल गई है। 22 अप्रैल से 10 मई तक बहुत ही कम समय के भीतर हमारे चारों ओर कई मिथक ताश के पत्तों की तरह ढह गए। उनमें से सबसे महत्वपूर्ण हमारे पश्चिमी पड़ोसी पाकिस्तान को दी गई सजा है, जो हमारे खिलाफ भारी मात्रा में नफरत फैलाता है और उसे पालता-पोसता है।

निश्चित रूप से अभी और कुछ समय के लिए इसके परमाणु बम के झांसे और शेखी बघारने का पर्दाफाश हो गया है। क्योंकि अब इसे पता है कि भारतीय बमबारी से बचने के लिहाज से वह कितना कमजोर है। पाकिस्तान का कोई भी हिस्सा भारतीय मिसाइलों, गोला-बारूद से सुरक्षित नहीं है। पाकिस्तान के कई हिस्सों में जो भी तबाही हुई है, वह अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) या नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार गए बिना ही हुई है।

22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान से समर्थित आतंकियों द्वारा हिंदुओं के नरसंहार को अंजाम दिया गया। आतंकवादियों ने इस जघन्य हत्या के दौरान हिंदू पर्यटकों से अपनी पैंट तक उतारने को कहा। ऐसा करने का उद्देश्य यह देखना था कि इस्लामी रिवाजों के मुताबिक उनका खतना हुआ है या नहीं। जाहिर तौर पर उस दिन पाकिस्तान के इशारे पर काम करने वाले आतंकवादियों ने जो भयानक कृत्य किया, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

एक नवविवाहित हिंदू जोड़े के सामने आते हुए आतंकवादी ने पति से उसका धर्म पूछा और कलमा (इस्लामी प्रार्थना) पढ़वाया। महिला ने आतंकी को उसे भी गोली मारने को कहा क्योंकि उसका पकति मारा जा चुका था। बताया जाता है कि आतंकी ने उसके चेहरे पर हंसते हुए कहा कि उसे यह बात मोदी को बतानी चाहिए! उसके पति को हिंदू होने के कारण गोली मार दी गई। आप इस क्रूरता को शब्दों में कैसे बयां कर सकते हैं?

पाकिस्तान को मिला पहले से ज्यादा कड़ा जवाब

ओह हाँ। नरेंद्र मोदी को इस बारे में दूर सऊदी अरब में पता चला, जहाँ वह एक दौरे पर थे, जिसे बीच में ही छोड़कर उन्हें वापस आना पड़ा। निस्संदेह इस कृत्य का बदला लेने के लिए, जिसमें 25 हिंदू पुरुषों की नृशंस हत्या की गई और उनकी महिलाओं को चंद मिनटों में विधवा बना दिया गया। वह अपनी दिनचर्या में लग गए, बिहार में चुनाव प्रचार, अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन, विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिलना वगैरह। यह सब करते हुए वे पाकिस्तान, उसके आतंकी समर्थकों और जिहादी जनरल असीम मुनीर को सबक सिखाने की योजना भी बना रहे थे।

पूरे भारत में गुस्सा उबल रहा था, लोग इस बात से निराश थे कि मोदी कुछ नहीं कर रहे थे! बालाकोट हमलों की यादें उनके जेहन में थीं क्योंकि वे आतंकवादियों या उनके पीछे के लोगों के खून के प्यासे थे। जनता का मूड ऐसा था कि बालाकोट हमलों जैसा कुछ भी, या फिर एक या दो मिसाइलों के इस्तेमाल जैसी बात भी उन्हें अस्वीकार्य था। वे पाकिस्तान को उसके जघन्य अपराध के लिए और अधिक कठोर सजा की कामना कर रहे थे।

बहावलपुर, मुरीदके और ऐसे ही दूसरे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर भारत यह संदेश देना चाहता था कि पाकिस्तान का कोई भी इलाका उसकी पहुंच से बाहर नहीं है। जब पाकिस्तान ने जवाबी हमला करके भारत के जम्मू, उधमपुर (उत्तरी कमान का मुख्यालय) और दूसरे शहरों की ओर सैकड़ों ड्रोन भेजे, तो उसने अपनी हद पार कर दी। भारतीय सैन्य ठिकानों को पाकिस्तान द्वारा निशाना बनाने की कोशिश के बाद जाहिर तौर पर उसके सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना भारत के लिए अगला वैध कदम था।

पाकिस्तान में कोई इलाका भारत की पहुंच से दूर नहीं

नूर खान बेस को तबाह करना पाकिस्तान के सबसे बुरे सपनों में से एक रहा। भारत ने इस हमले से यह दिखा दिया कि पाकिस्तान का सबसे सुरक्षित इलाका, उसके सामरिक प्रभाग का केंद्र, उसकी परमाणु संपत्ति, कुछ भी सुरक्षित नहीं है। रावलपिंडी जो एक तरह से सत्ता का असली केंद्र है, यानी जहां पाकिस्तान का सैन्य मुख्यालय स्थित है, वह भी भारतीय सेना की पहुंच में है।  इस्लामाबाद भले ही आतंकवाद (यानी पाकिस्तान) की राष्ट्रीय राजधानी हो, लेकिन यह वह जगह नहीं है जहां उसकी विदेश नीतियां तय होती हैं। यहां तक ​​कि राजनीतिक और आर्थिक फैसले भी यहां नहीं लिए जाते हैं। 

एक बात तो पक्की है। पिछले चार दशकों में हमने जो देखा है, उसके अनुसार हम अपनी धरती पर फिर से आतंकी हमले देखेंगे। बहुत जल्द। ये हमले पाकिस्तान द्वारा ही किए जाएँगे, जैसे पहले भी हुए हैं, लेकिन हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश काफी महंगी साबित होगी। यह मानना ​​बेकार है कि कुत्ते की दुम को पाइप में डालकर सीधा किया जा सकता है। यह उसके डीएनए की गलती है। दो राष्ट्र सिद्धांत (TNT) पाकिस्तान के निर्माण का आधार है और यह आज तक का सबसे विनाशकारी विस्फोटक है।

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