भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले एक सप्ताह से चल रहा संघर्ष विराम ठीक-ठाक चल रहा है। कुछ जगहों पर और कुछ रुकावटों सहित कुछ बेबुनियाद अफवाहों के बावजूद यह अब तक सही रास्ते पर है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने शुरू में दावा किया था कि भारत द्वारा सिंधु जल संधि (IWT) को स्थगित रखने का कोई खास असर नहीं होगा। इसके बाद उन्होंने अगले ही पल कहा कि भारत के लिए संधि को बहाल करना बेहतर होगा। एक कदम और आगे बढ़ते हुए औरंगजेब ने कहा कि वह ऐसी स्थिति के बारे में सोचना भी नहीं चाहते हैं, जिसमें संधि को बहाल न किया जाए। यह कुछ नहीं तो फिर भी मिला-जुला संकेत लग रहा था।
धमकी देने वाला पाकिस्तान अब बेबस
एक या दो दिन बाद पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि अगर संधि बहाल नहीं की गई तो संघर्ष विराम पर संकट आ सकता है। CNN पर जब पत्रकार ने उनसे पूछा कि आगे क्या हो सकता है, तो उन्होंने इस मुद्दे को यह कहते हुए टाल दिया कि वे इस मुद्दे को सकारात्मक रूप से देख रहे हैं।
इससे पहले, पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि IWT में किसी भी बदलाव को 'युद्ध की कार्रवाई' के रूप में लिया जाएगा। अब जबकि भारत ने इसे स्थगित कर दिया है, पाकिस्तान के पास कोई स्पष्ट योजना नहीं है कि उसे क्या करना चाहिए। दूसरी ओर भारत सरकार ने जोर देकर कहा है कि वह संधि को स्थगित रखने के अपने फैसले को वापस लेने का इरादा नहीं रखती है, भले ही सीजफायर रहे या न रहे।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ चर्चा करने के लिए कुछ भी नहीं है। सरकार के एक मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (POJK) को वापस लेना ही पाकिस्तान के साथ चर्चा करने का एकमात्र सार्थक मुद्दा है। इस सारी उलझनों के बीच टीवी स्टूडियो में उन्मादी एंकरों का रवैया भी नजर आया। उन्होंने दुश्मन के खिलाफ जुबानी जंग छेड़ रखी थी! उनके शो में हवाई हमले के सायरन बज रहे थे।
हारने के बाद झूठी जीत की खुशी मनाने में माहिर पाकिस्तान
वहीं, पिछले पखवाड़े में अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए सबसे हास्यास्पद लम्हा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दिया। शरीफ ने अपने 'विजय भाषण' में पाकिस्तानी सेना को बधाई दी। जी हाँ, मानिए या नहीं मानिए, शरीफ ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने जीत हासिल की है और अपने भारतीय जवानों को सबक सिखाया है। क्या बहादुरी है!
अब, वित्तीय वर्ष की गणना जो 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले वर्ष के 31 मार्च को समाप्त होती है। 12 महीनों की इस अवधि में, तीन-तीन महीने की चार तिमाहियाँ होती हैं। शरीफ के दावों के अनुसार, अप्रैल, मई और जून 2025 की इस तिमाही में उनके देश ने जीत हासिल की है। ठीक है। वास्तव में यह एक विडंबना है कि केवल एक तिमाही की जीत है। भारत को अगली तीन तिमाहियों में ऑपरेशन सिंदूर 2, ऑपरेशन सिंदूर 3 और ऑपरेशन सिंदूर 4 शुरू करना चाहिए ताकि शरीफ इस तरह के तीन और विजय भाषण दे सकें। एक तिमाही में एक भाषण!
IWT अब आतंक के खिलाफ जंग का हथियार
पहले IWT का मतलब सिंधु जल संधि था, लेकिन अब IWT दरअसल भारत के आतंकवाद के खिलाफ युद्ध (India's War on Terror) में तब्दील हो गई है। पानी को हथियार बनाकर भारत इसे पाकिस्तान के खिलाफ अपने सबसे शक्तिशाली हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान में बहुत से पाकिस्तानी आतंकवादी भारत पर उसके पानी को चुराने का झूठा आरोप लगाते थे और भयंकर बदला लेने की धमकी देते थे। अब जबकि भारत ने वास्तव में पाकिस्तान पर पानी बम से हमला किया है, तो न तो पाकिस्तानी सरकार और न ही उसके आतंकी समर्थक समझ पा रहे हैं कि क्या करना है।
आने वाले दिन दिलचस्प होंगे क्योंकि तापमान में और तेजी आएगी। इससे पाकिस्तान में पानी की उपलब्धता के बारे में अनिश्चितता और भी स्पष्ट हो जाएगी। पाकिस्तान के लिए अपनी रबी फसल की योजना बनाना आसान नहीं होगा। यहां गौर करने वाली बात है कि उसने अतीत में कई बार संधि के लिए भारतीय अनुरोधों को नजरअंदाज किया है।
बड़ी बात ये है कि अपने भले के लिए, अब पाकिस्तान को एक नई वार्ता वाली टीम नियुक्त करनी चाहिए। इस संबंध में भारत को सूचित करना चाहिए और संधि की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहना चाहिए। पाकिस्तान अगर ऐसा नहीं करता है तो वह बर्बाद हो जाएगा।
पाकिस्तान को यह स्पष्ट रूप से स्वीकार कर लेना चाहिए कि 19 सितंबर, 1960 का सिंधु जल संधि अब खत्म हो चुकी बात है। पाकिस्तान को सिंधु जल संधि 1.0 के अवशेषों पर अब सिंधु जल संधि 2.0 पर आगे बढ़ने और इसे तैयार करने का प्रयास करना चाहिए।