'आप' के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधान सभा चुनाव में प्रचार के दौरान एक सार्वजनिक सभा में कहा था, 'नरेंद्र मोदी तो इस जन्म में मुझे और पार्टी को हरा नहीं सकते।' विधानसभा में भी अपने भाषण में केजरीवाल ने गरज कर कहा था, 'मुझे हराने के लिए नरेंद्र मोदी को दूसरा जन्म लेना होगा'
बहरहाल, शनिवार को जब विधान सभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए तो जन्म में केजरीवाल को बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने हरा दिया। यही नहीं, दिल्ली के मतदाताओं ने 'आप' पार्टी को सत्ता से भी निर्वासित कर दिया।
केजरीवाल शुरू से विस्तारवादी राजनीति में लगे हुए थे। दिल्ली छोड़ कर सुदूर गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश में पार्टी के लिए जगह तलाश करने लगे थे। इसका परिणाम हुआ दिल्ली की अपनी जमीन खिसका बैठे है।
घोर आत्मविश्वास से भरे, पूर्व आयकर आयुक्त ने चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले ही कांग्रेस का प्रस्ताव 19 दिसंबर को ठुकरा दिया था। उन्होंने अकेले ही सभी 70 सीटों पर विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के खिलाफ मैदान में उतरने का फैसला कर लिया।
इन्होंने पूरे चुनाव को केजरीवाल बनाम मोदी बना दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी व्यक्तिगत आक्रमण किया गया। दूसरी ओर प्रधानमंत्री जो किसी भी चुनाव को अत्यंत गंभीरता से लेते हैं, उन्होंने केजरीवाल को 'आपदा' ही घोषित कर दिया और जनता से आपदा से मुक्ति का आह्वान किया।
चुनाव तो दिल्ली विधान सभा का था लेकिन अमित शाह ने पूरे देश के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिल्ली के वार्ड्स में ड्यूटी पर लगा दिया। केंद्रीय मंत्रियों ने भी घर-घर वोट मांगे। बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री ने तो वैसी बस्तियों में शिविर डाल दिया जहां बिहार के प्रवासी लोग रहते हैं।
2014 से पिछले 11 साल में यमुना में पानी बहुत बह गया। 2025 आते-आते यमुना को 'जहरीला' भी बना दिया गया और 'आप' ने आरोप हरियाणा पर लगाया। बीजेपी के नेता पहली बार यमुना में नहाने गए, पानी पिया, यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी बताया वे भी यमुना का पानी पीते हैं।
केजरीवाल को लोग पानी पी कर चोर भी सार्वजनिक रूप से कहने लगे। जहां केजरीवाल कई मुकदमे झेल रहे हैं। वहीं हरियाणा सरकार ने यमुना में जहर मिलाने के केजरीवाल के अजीबोगरीब आरोप के बाद उनपर एक और केस ठोक दिया।
केजरीवाल की हार विपक्षी इंडिया गठबंधन के लिए बहुत बड़ा झटका है। बिहार में भी विधान सभा चुनाव आने वाला है। यदि वहां भी एकला चलो के रास्ते पर राजद चली तो लालू प्रसाद का पारिवारिक राजतंत्र भी खतरा में पड़ सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज आश्वस्त किया है, अब दिल्ली में विकास की राजनीति होगी। वहीं केजरीवाल के राजनीतिक भविष्य पर अब शंका के बादल मंडराने लगे हैं।