खेती बाड़ी-कलम स्याही: क्या नीतीश कुमार डिजिटल हो चले हैं!

कभी सोशल मीडिया से दूर रहने वाले और दूसरों को भी इससे दूर रहने की नसीहत देने वाले नीतीश कुमार अब अक्सर सरकारी सूचना या कहिए आदेश भी सोशल मीडिया एकाउंट एक्स हैंडल पर देने लगे हैं।

nitish kumar digital phone

Photograph: (AI Image/Grok)

बात 2015 की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने कामकाज को लेकर देश भर में लगातार सुर्खियां बटौर रहे थे। उन दिनों उनकी साइकिल योजना नेशनल मीडिया में बड़े चाव से परोसी जाती थी। उधर, देश के नए प्रधान और उनकी पार्टी डिजिटल स्पेस के जरिए बहुत कुछ करने को उतारु थी। उन दिनों बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कंटेंट क्रिएशन के काम के सिलसिले में अक्सर पटना आना-जाना लगा रहता था। नीतीश कुमार का जलवा बरकरार था लेकिन उन दिनों और फिर 2020 में भी यह बात आम थी कि नीतीश कुमार को सोशल मीडिया से कोई लगाव नहीं है।

यह भी कहा जाता था कि उन्हें ट्विटर-फेसबुक आदि से नफरत है, वे बस अपनी योजनाओं को सीधे आमजन तक लाने में लगे रहते हैं। अंदरखाने में भी यह भी कहा जाता था कि वे अपने रणनीतिकारों को सोशल मीडिया से बचने के लिए भी कहते थे।  

अब आते हैं 2025 में, नीतीश कुमार आज भी वैसी ही सुर्खियां बटोर रहे हैं लेकिन अचानक उनका एक्स ऊर्फ ट्विटर प्रेम जग गया है। बात यह है कि हाल ही में उन्होंने 125 यूनिट बिजली फ्री करने की घोषणा सोशल मीडिया के जरिए की। ऐसे में लोगबाग यह कहने लगे हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बदल रहे हैं!

कभी सोशल मीडिया से दूर रहने वाले नीतीश कुमार अब अक्सर सरकारी सूचना या कहिए आदेश भी सोशल मीडिया एकाउंट एक्स हैंडल पर देने लगे हैं। पहले उनके आदेश को आईपीआरडी अपने एक्स हैंडल से जारी करता था और उसके कई दिनों बाद हम लोग उसे उनके एक्स हैंडल पर देखते थे। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। नीतीश कुमार अब आपको एक्स हैंडल पर अपने 9 मिलियन फॉलोवर के बीच सक्रिय दिखेंगे।

कभी दूर रहने की देते थे नसीहत...

हम सभी को वो दिन भी याद है जब नीतीश कुमार खुलकर कहते थे कि लोगों को मोबाइल से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। एक दफे तो बिहार विधानसभा सत्र के दौरान ही एक विधायक पर नीतीश कुमार इसलिए भड़क गए क्योंकि वे मोबाइल में आंकड़े देखकर अपनी बात रख रहे थे। उस दिन नीतीश कुमार ने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव से अपील की थी कि सदन में मोबाइल पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा, 'मोबाइल पर बात कर रहा है... ये कोई बात नहीं है। अध्यक्ष जी, आप कहिए कि कोई मोबाइल लेकर नहीं आए। 10 साल नहीं, उससे पहले धरती खत्म हो जाएगी। पहले हम खूब देखते थे, अब हम छोड़ दिए। मोबाइल प्रतिबंधित है, जो लेकर आएगा, उसे बाहर निकाल दिया जाए। अपनी बात बोलिए, मोबाइल लेकर क्यों खड़े हो जाते हैं?'

लेकिन अब नीतीश की बात मोबाइल के जरिए ही लोगों तक फटाफट पहुंच रही है। नौकरी की सूचना हो, पेंशन की राशि बढ़ाने की घोषणा हो या फिर बिजली फ्री की बात, यह सबकुछ नीतीश कुमार अपने एक्स हैंडल के जरिए लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

नीतीश कुमार के मूड में हुए इस बदलाव को देखते हुए कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कोई कहता है कि नीतीश कुमार भाजपा के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं तो कोई यह भी कह रहा है कि नीतीश के सलाहकारों ने यह जान लिया है कि अब नीतीश के चेहरे को डिजिटल स्पेस पर सबसे अधिक दिखाए जाने की जरूरत है।

इन सब कयासों से इतर, नीतीश कुमार को परखने वाले यह जानते हैं कि नीतीश को कोई रिमोट कंट्रोल के जरिए नहीं चला सकता है। नीतीश को केवल नीतीश कुमार ही ठीक से पहचानते हैं।

दरअसल बिहार में यह बात आम है कि अगले मुख्यमंत्री नीतीश होंगे या नहीं, इसको लेकर हर कोई संशय में है। आप किसी से पूछ लीजिए, पार्टी के लोग हों या फिर गांव-देहात का कोई आम आदमी, सभी को संदेह है कि नीतीश की यह आंतिम राजनीतिक पारी है। वे अब मुख्यमंत्री आवास में लौट पाएंगे या नहीं, इस पर खूब बातें हो रही है।

लोगबाग भाजपा के स्वभाव से वाकिफ हैं कि अंत में यह पार्टी कुछ भी कर सकती है! महाराष्ट्र की तर्ज पर भाजपा अंत में बिहार में सीएम का चेहरा भी बदल सकती है! भाजपा के बड़े नेता और गृहमंत्री अमित शाह रिजल्ट के बाद कुछ भी कर सकते हैं, ऐसी बातें भी गाम घर में सुनने को मिलती है।

बदले-बदले से नीतीश क्यों हैं?

इन सब हवा-हवाई बातों के बीच जब आप नीतीश को सोशल मीडिया पर और अन्य प्लेटफार्मों पर सक्रिय देखते हैं तो लगता है कि नीतीश कुमार अब बदल गए हैं। वे अब मोदी की तरह ही सोशल मीडिया के जरिए सबसे ज्यादा लोगों तक पहुंचने की जुगत में हैं।

हर कुछ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नीतीश यह दिखा रहे हैं कि उनके स्वास्थ्य को लेकर जैसी भी अच्छी-बुरी बातें परोसी जाए, वे अब सोशल मीडिया पर अपनी बात रखते रहेंगे। क्योंकि नीतीश भी अब जान गए हैं कि समय कम है और कम समय में अपनी बात इसी स्पेस के जरिए लोगों तक पहुंचाई जा सकती है।

यही वजह है कि नौकरी संबंधी जानकारी हो, अगले पांच साल में एक करोड़ नौकरी/रोजगार की योजना हो या सबसे रोचक और लोक लुभावन बिजली फ्री की घोषणा, यह सबकुछ नीतीश कुमार सबसे पहले सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर परोस रहे हैं।

शायद नीतीश कुमार की टीम यह बताना चाह रही है कि अगले पांच सालों में होने वाली नौकरियों की जानकारी देने वाला, बिजली फ्री करने वाला अगले पांच साल तक मुख्यमंत्री रहेगा!

बाद बांकी क्या होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन हम जैसे लोग, जिन्होंने नीतीश को सोशल मीडिया से अक्सर दूर देखा था, उनका डिजिटल प्रेम देखकर लगता है, कुछ तो नया पक रहा है अंदरखाने में!

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