नई दिल्ली: OpenAI की ओर से जारी एक ताजा आंकड़े ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। ये आंकड़े सोमवार को जारी हुए। इनसे पता चलता है कि चैटजीपीटी (ChatGPT) के कितने यूजर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं और उसके एआई चैटबॉट से इस बारे में बात कर रहे हैं। कंपनी का कहना है कि किसी भी हफ्ते में चैटजीपीटी के 0.15% सक्रिय यूजर ‘ऐसी बातचीत करते हैं जिनमें आत्महत्या की संभावित योजना या इरादे के स्पष्ट संकेत होते हैं।’
इस लिहाज से देखें तो चैटजीपीटी के 80 करोड़ से ज्यादा सक्रिय यूजर साप्ताहिक तौर पर हैं। इसका मतलब है कि हर हफ्ते दस लाख से ज्यादा लोग चैटजीपीटी के एआई चैटबॉट के साथ अपनी बातचीत में मनोविकृति या खुद को नुकसान पहुंचाने के लक्षण दिखाते हैं।
कंपनी का कहना है कि लगभग इतने ही प्रतिशत यूजर ‘चैटजीपीटी के प्रति भावनात्मक लगाव का बढ़ा हुआ स्तर’ प्रदर्शित करते हैं। लाखों लोग एआई चैटबॉट के साथ अपनी साप्ताहिक बातचीत में मनोविकृति या उन्माद के लक्षण दिखाते हैं।
ओपनएआई का कहना है कि चैटजीपीटी में इस प्रकार की बातचीत ‘बेहद दुर्लभ’ मौका होती है, और इसलिए इसे मापना मुश्किल होता है। हालाँकि, कंपनी का अनुमान है कि ये समस्याएँ हर हफ्ते लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं।
ChatGPT पर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भी ले रहे मदद: OpenAI
ओपनएआई ने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं वाले यूजरों के प्रति चैटबॉट मॉडलों की प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने के अपने हालिया प्रयासों के बारे में एक व्यापक घोषणा के हिस्से के रूप में यह जानकारी साझा की है। कंपनी का दावा है कि चैटजीपीटी पर उसके ताजा कामों में 170 से अधिक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से परामर्श भी शामिल था। ओपनएआई का कहना है कि इन चिकित्सकों ने देखा कि चैटजीपीटी का ताजा संस्करण ‘पहले के संस्करणों की तुलना में अधिक उचित और सुसंगत रूप से प्रतिक्रिया करता है।’
हाल के महीनों में, कई मामलों ने साबित किया है कि कैसे एआई चैटबॉट मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझ रहे यूजरों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। शोधकर्ताओं ने पहले पाया है कि एआई चैटबॉट कुछ यूजरों को भ्रम की स्थिति में भी ले जा सकते हैं।
बता दें कि चैटजीपीटी में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को गंभीरता से लेना ओपनएआई के लिए तेजी से एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। कंपनी पर हाल में एक 16 वर्षीय लड़के के माता-पिता द्वारा मुकदमा दायर किया गया है, जिसने अपनी आत्महत्या से कुछ हफ्ते पहले चैटजीपीटी को अपने आत्महत्या से जुड़े विचार बताए थे। कैलिफोर्निया और डेलावेयर के स्टेट अटॉर्नी जनरल ने भी ओपनएआई को चेतावनी दी है कि उसे अपने उत्पादों का उपयोग करने वाले युवा लोगों की रक्षा करने की आवश्यकता है।
इस महीने की शुरुआत में ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया था कि कंपनी चैटजीपीटी में ‘गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में कामयाब रही है।’ हालाँकि उन्होंने कोई और विशेष जानकारी नहीं दी। अब सोमवार को साझा किया गया ताजा डेटा ऑल्टमैन के उस दावे के बाद आया है। हालाँकि आकंड़ ने इस समस्या की व्यापकता को लेकर सवाल उठाया है। हाल में ऑल्टमैन ने ये भी कहा था कि ओपनएआई कुछ प्रतिबंधों में ढील देगा, यहाँ तक कि वयस्क यूजरों को एआई चैटबॉट के साथ कामुक बातचीत शुरू करने की अनुमति इसमें शामिल है।

