Thursday, October 16, 2025
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UPI से दिन में 50 बार से ज्यादा नहीं चेक कर सकेंगे बैलेंस, NPCI ने जारी किए नए दिशानिर्देश…क्या है वजह?

नई दिल्लीः नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई ने एक नया सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर में बैंकों और भुगतान सेवा कंपनियों को यूपीआई (UPI) नेटवर्क पर 10 सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले एपीआई यानी एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस की सीमा तय करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इनके सही उपयोग को सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है। 

वहीं, अब एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैंक बैलेंस चेक कर सकेंगे। इससे ज्यादा बार चेक करने के लिए यूजर्स को बैंक ऐप का इस्तेमाल करना पड़ेगा।

NPCI ने इसके लिए 31 जुलाई 2025 की सीमा तय की है। वहीं जिन एपीआई की बात की गई है उनमें बैंक बैलेंस की पूछताछ, लेनदेन की स्थिति की जांच करना और ऑटोपे मैंडेट को पूरा करना शामिल हैं। 

NPCI का क्या है उद्देश्य?

NPCI ने कहा है कि ऐसा करने का उद्देश्य UPI पर होने वाले दबाव को कम करना है क्योंकि ऐसी रिक्वेस्ट से यूपीआई नेटवर्क पर दबाव बढ़ता है और सिस्टम डाउन होने का खतरा होता है। 

ऐसे में अब एक अगस्त 2025 से अब ट्रांजैक्शन और बैंक बैलेंस चेक करने के लिए निश्चित संख्या तय की जा सकती है। एनपीसीआई के ऐसा करने के पीछे यूपीआई सिस्टम को और अधिक प्रभावी और स्थायी बनाना है।

नए दिशानिर्देशों के तहत एक दिन में अधिकतम 50 बार बैलेंस चेक कर सकेंगे। वहीं, अगर आप दो यूपीआई ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं तो इन पर अलग-अलग 50 बार देख सकेंगे यानी यह संख्या 100 हो जाएगी। अगर इससे अधिक बार बैलेंस चेक करना चाहेंगे तो इसके लिए आपको बैंक ऐप का इस्तेमाल करना होगा। 

हाल के दिनों में ऐसा कई बार देखा गया है कि ज्यादा रिक्वेस्ट की वजह से यूपीआई सिस्टम डाउन हुआ है और लोगों को पेमेंट करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

एनपीसीआई लिमिट तय कर सकता है

ऐसे में एनपीसीआई अब जल्द ही इसके लिए लिमिट तय कर सकता है कि कोई कितनी बार बैंलेस पूछताछ, ऑटोपे की सुविधाएं इस्तेमाल कर सकता है। इस सर्कुलर में आगे कहा गया है कि दिशानिर्देशों का पालन न करने की स्थिति में एपीआई पर प्रतिबंध, दंड, निलंबन आदि उपाय किए जा सकते हैं। इसके अलावा एनपीसीआई बैंकों या भुगतान सेवा प्रदाताओं (पीएसपी) के लिए अन्य उपाय कर सकती है।

इसके अलावा पीएसपी को 31 अगस्त 2025 तक एनपीसीआई को एक अंडरटेकिंग देने के लिए कहा गया है जिसमें एपीआई को सीमित और लाइनमेंट करने की बात की गई है। इस सर्कुलर में आगे कहा गया है कि एपीआई को पीक हॉवर्स के दौरान प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। इसके मुताबिक, सुबह 10 से एक बजे तक और शाम में 5 बजे से साढ़े नौ बजे तक कुछ प्रतिबंध लगाने चाहिए। 

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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