पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पहले चरण के मतदान को चार दिन बीत जाने के बाद भी आयोग ने लिंग-वार मतदान का डेटा जारी नहीं किया है। तेजस्वी ने कहा कि राजद के नेतृत्व वाला विपक्षी गठबंधन किसी भी कीमत पर वोट की चोरी या बेईमानी नहीं होने देगा।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान हुआ था और आज 10 नवंबर है, लेकिन चार दिन बाद भी मतदान का डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “पहले तो मैन्युअली भी उसी दिन आंकड़े आ जाते थे, अब तकनीक के दौर में क्यों छिपाया जा रहा है? 11 और 14 नवंबर को अगला मतदान है, लेकिन जनता को ये नहीं बताया जा रहा कि कितने वोट पड़े। बीजेपी अपने पापों पर पर्दा डाल रही है और चुनाव आयोग उसका औजार बन चुका है। चुनाव आयोग अब मर चुका है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में चुनाव आयोग ने ठीक से काम करना बंद कर दिया है। तेजस्वी ने कहा, “हम किसी भी कीमत पर वोट चोरी या धांधली नहीं होने देंगे। जो अधिकारी चुनाव आयोग या गृह मंत्री के इशारे पर गड़बड़ी करेंगे, उन्हें नतीजे भुगतने होंगे।”
तेजस्वी ने पूछा- BJP शासित राज्यों से सुरक्षा बल क्यों भेजे गए?
तेजस्वी यादव ने यह भी दावा किया कि बिहार में चुनाव ड्यूटी के लिए बीजेपी शासित राज्यों से 208 कंपनियां सुरक्षा बलों की तैनात की गई हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “क्यों ज्यादातर सुरक्षा कर्मी बीजेपी शासित राज्यों से बुलाए गए हैं? करीब 68 प्रतिशत पुलिस ऑब्जर्वर भी उन्हीं राज्यों से हैं, ऐसा क्यों? क्या बिहार की सुरक्षा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है?”
उन्होंने आरोप लगाया कि बाहर से आए अधिकारी और केंद्रीय मंत्री बिहार को कंट्रोल करना चाहते हैं। बिहार के लोग ऐसा नहीं होने देंगे।
तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार के लिए बिहार आए, लेकिन उन्होंने बेरोजगारी, पलायन या विकास जैसे असली मुद्दों पर एक शब्द नहीं कहा। वे सिर्फ नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं। पता नहीं इन दिनों वे कौन-सा वेब सीरीज देख रहे हैं।
‘PM ने भ्रष्ट नेताओं के साथ मंच साझा किया, यही ईमानदारी है?’
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने अपने मंच पर कई ऐसे नेताओं को जगह दी जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने सम्राट चौधरी, डॉ. दिलीप जायसवाल और मंगल पांडे जैसे नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर कुछ नहीं कहा। उन्होंने हुलास पांडे, आनंद मोहन, सुनील पांडे और मनोरमा देवी जैसे लोगों के साथ मंच साझा किया। क्या यही ईमानदारी है?” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने पटना में सृजन घोटाले के मुख्य आरोपी विपिन शर्मा से भी मुलाकात की।
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि इंडिया गठबंधन को इस बार स्पष्ट बहुमत मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम 18 नवंबर को शपथ लेंगे। कानून व्यवस्था पर कोई समझौता नहीं होगा। अपराधियों, सांप्रदायिक ताकतों और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस ने भी तेजस्वी के सवाल को दोहराया
कांग्रेस ने भी तेजस्वी के पूछे सवाल को ही दोहराया। प्रवक्ता पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा, चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक यह नहीं बताया गया कि कितनी महिलाओं ने और कितने पुरुषों ने मतदान किया।
पवन खेड़ा ने कहा कि जब हम तकनीकी रूप से पिछड़े थे, तब भी शाम तक आंकड़े आ जाते थे। अब डिजिटल इंडिया के जमाने में भी चार दिन बाद तक डेटा नहीं आया, यह रहस्य क्यों?”
खेड़ा ने आगे कहा कि बिहार में चुनाव आयोग की साख सवालों के घेरे में है, और उसकी सच्चाई सामने आ रही है। हमें पूरा विश्वास है कि हमारी महागठबंधन सरकार बनने जा रही है।
राजद-कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने क्या कहा?
तेजस्वी के प्रेस कॉन्फ्रेंस के जवाब में भाजपा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। विपक्ष के आरोपों पर भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कड़ा जवाब दिया। उन्होंने प्रे कहा, “राहुल गांधी और उनके सहयोगी दलों की आदत है कि जब भी उनकी बात नहीं बनती, वे चुनाव आयोग, अदालत, संसद और सीएजी जैसी संस्थाओं पर आरोप लगाते हैं। लोकतंत्र के हर स्तंभ पर हमला करना, यह उनकी पुरानी आदत है।”
रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि यह चुनाव जंगलराज और सुशासन के बीच का मुकाबला है। तेजस्वी यादव अपने पिता लालू प्रसाद की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं- भ्रष्टाचार, भय और कुशासन की विरासत। जब-जब नीतीश कुमार लालू परिवार से अलग हुए, लालू के पास भ्रष्टाचार का कोई जवाब नहीं था।
रवि शंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक राजनीतिक पर्यटक हैं। कुछ दिनों के लिए प्रचार करने आते हैं और फिर चले जाते हैं। अगर किसी से पुरानी और बार-बार उठाई जाने वाली बातों को दोहराने की कला सीखनी हो तो राहुल गांधी से सीखिए। अब वे मध्य प्रदेश के जंगलों में आराम फरमा रहे हैं, वहीं रहकर अपनी राजनीतिक पर्यटन का आनंद लें।

