नई दिल्लीः एक बार फिर भारतीय विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। सोमवार और मंगलवार के बीच इंडिगो, विस्तारा और एअर इंडिया की 30 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। पिछले 8 दिनों में 120 से अधिक विमानों को उड़ाने की धमकी मिल चुकी है। हालांकि ये सभी झूठी साबित हुईं। फिर भी, इन धमकियों ने एयरलाइनों के संचालन में रुकावट पैदा कर दी और यात्रियों एवं क्रू के लिए बड़ी असुविधा का कारण बनीं।
हाल के दिनों में भारतीय एयरलाइनों को मिली इन बम धमकियों ने देश की विमानन सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। इन धमकियों के बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू किया गया और विस्तृत सुरक्षा जांच की गई।
भारतीय विमानों पर बम धमकियों का कहर
सोमवार, 21 अक्टूबर 2024 को इंडिगो की 6E 164 (मंगलुरु से मुंबई), 6E 75 (अहमदाबाद से जेद्दा), और 6E 118 (लखनऊ से पुणे) जैसी उड़ानों को सुरक्षा अलर्ट का सामना करना पड़ा। यात्रियों को सुरक्षित रूप से उतार लिया गया और संबंधित अधिकारियों को सूचित कर विस्तृत सुरक्षा जांच की गई। विस्तारा और एयर इंडिया की उड़ानों को सोशल मीडिया पर धमकियाँ मिलीं, जिसके बाद दोनों एयरलाइनों ने सुरक्षा प्रोटोकॉल को कड़ाई से लागू किया।
विस्तारा के प्रवक्ता ने कहा, “हमने तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित किया और सभी सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन किया।” इसी तरह, एयर इंडिया के प्रवक्ता ने भी पुष्टि की कि “सभी सुरक्षा उपायों का नियामक अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के दिशानिर्देशों के अनुसार पालन किया गया।”
हालांकि ये सभी धमकियाँ फर्जी थीं, फिर भी इनसे यात्रियों और एयरलाइनों को काफी असुविधा हुई। भारतीय सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं, और नागरिक उड्डयन मंत्री के. रममोहन नायडू ने कहा कि इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
किसी विमान को बम की धमकी मिलने के बाद क्या होता है?
जब भी किसी उड़ान को बम धमकी मिलती है, तो एयरलाइनों और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सख्त प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय एक अधिकारी ने कहा कि भले ही 99.99% धमकियाँ फर्जी होती हैं, लेकिन 0.01% की संभावना को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
हवा में धमकी मिलने पर: अगर उड़ान के दौरान बम धमकी मिलती है, तो बम धमकी आकलन समिति (BTAC) तुरंत बैठक करती है और खतरे की वैधता का आकलन कर अगला कदम तय करती है। इसके बाद पायलटों को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क कर निर्देश मिलता है कि उड़ान को निकटतम हवाई अड्डे की ओर मोड़ा जाए या वापस लाया जाए।
उड़ान से पहले धमकी मिलने पर: अगर उड़ान से पहले धमकी मिलती है, तो विमान को अलग-थलग स्थान पर ले जाकर सुरक्षा जांच की जाती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि विमान सुरक्षित हो।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में: यदि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम धमकी मिलती है, तो भारतीय एजेंसियों को अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रैफिक कंट्रोल और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय करना पड़ता है। इसके बाद निकटतम हवाई अड्डे पर उड़ान को मोड़ने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इन प्रोटोकॉल का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, चाहे धमकियाँ फर्जी ही क्यों न हों।
सरकार का सख्त रुख और कानूनी बदलाव
बढ़ती बम धमकियों के बीच, सरकार विमानन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कानूनी बदलावों पर काम कर रही है। विमानन सुरक्षा अधिनियम (SUASCA), 1982 में संशोधन प्रस्तावित है, जिसके तहत बिना कोर्ट ऑर्डर के भी धमकी देने वाले व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा सकेगा। इसके साथ ही, धमकी देने वालों को ‘नो-फ्लाई’ सूची में डालने और कठोर सजा के प्रावधानों पर भी विचार किया जा रहा है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव असंगबा चुबा आओ ने कहा, “झूठी बम धमकियों को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है, और सुरक्षा नियामक इस पर ठोस समाधान निकालने की दिशा में काम कर रहे हैं।”
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