नई दिल्लीः माइक्रोसॉफ्ट में आई एक बड़ी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से दुनियाभर में कंप्यूटर सिस्टम ठप पड़ गए। इस वजह से उड़ानें रुक गईं, बैंक, शेयर बाजार, पेमेंट सिस्टम और आपातकालीन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। माइक्रोसॉफ्ट ने समस्या आने के लगभग छह घंटे बाद एक ट्वीट में कहा कि “कई सेवाएं धीरे-धीरे ठीक हो रही हैं क्योंकि हमने समस्या को सुधारने के लिए कदम उठाए हैं।”
कुछ घंटों बाद, माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि “समस्या का मुख्य कारण ठीक हो गया है,” लेकिन साइबर सुरक्षा में आई खराबी का असर अभी भी कुछ ऑफिस 365 ऐप्स और सेवाओं पर पड़ रहा है। एंटीवायरस कंपनी क्राउडस्ट्राइक के सीईओ ने भी कहा कि एक बग को ठीक किया गया है, जिसकी वजह से दुनियाभर में हवाई अड्डों, बैंकों और मीडिया में आईटी सिस्टम में गड़बड़ी आ गई थी।
माइक्रोसॉफ्ट आउटेज पर साइबर एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
इस बीच, साइबर एक्सपर्ट्स ने इस मामले की ग्लोबल जांच की मांग की है। साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट किसी भी आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का बैकबोन होता है। यह सिर्फ एक कंपनी या देश के ऊपर अटैक नहीं है, बल्कि यह कई बिजनेस को प्रभावित करेगा। इससे एयरलाइन, हेल्थकेयर, रेलवे और हो सकता है कि आपकी बिजली भी प्रभावित होना शुरू हो जाए। इसके नुकसान दुनिया में मल्टी ट्रिलियन डॉलर तक हो सकते हैं।
यह सिर्फ तकनीकी खराबी का मामला नहीं
उन्होंने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट ने इसकी जड़ में तकनीकी खामी बताई है, लेकिन क्लाउड सर्वर इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वह कभी इस तरह से टेकडाउन नहीं हो सकता। इसके पीछे कोई छोटी तकनीकी खामी नहीं बल्कि कोई स्टेट इनवेस्टेड बॉडी हो सकती है, जिसका यह काम हो सकता है। इसके लिए ग्लोबल स्तर पर जांच होनी चाहिए।
अमित दुबे ने कहा कि यूएस और माइक्रोसॉफ्ट हमेशा इस बात का बहाना बनाएंगे कि यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है और हम आपको ऐसे जांच नहीं करने दे सकते। लेकिन इस समय यह कई देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। अगर अनेक देश प्रभावित हो रहे हैं, तो ग्लोबल स्तर पर जांच होनी चाहिए।
सिर्फ एक कंपनी पर निर्भरता दुनिया को घुटनों पर ला देगी
अमित दुबे ने माइक्रोसॉफ्ट के विकल्प पर जोर डाला। उनका कहना है कि हमारी सिर्फ एक ही कंपनी पर पूरी निर्भरता नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा होगा तो इससे अचानक पूरी दुनिया घुटनों पर आ जाएगी। उन्होंने कहा कि यह भी देखना होगा कि क्या माइक्रोसॉफ्ट इस मामले में पेनाल्टी देगा? यदि हां, तो क्या वह सभी देशों में पेनाल्टी देगा? फिलहाल इस पर कुछ भी साफ नहीं है, इसलिए अब प्रक्रिया और पॉलिसी दोनों बदलेंगी।
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने इसे साइबर आतंक से जोड़कर देखा
सरकार के नियम इस ओर बदलेंगे कि इस तरह की घटनाओं में किसे जिम्मेदारी लेने की जरूरत है। इस मामले पर एक और साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने कहा कि साइबर सुरक्षा में सेंध का ग्लोबल मामला सामने आया है। कहीं ना कहीं इसे साइबर आतंक के मामले से भी जोड़ा जा सकता है। पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। इसके पीछे का उद्देश्य बस यही है कि लोगों के अंदर डर और दहशत फैलाएं। कहीं ना कहीं लोग सरकार पर भी सवाल उठा रहे हैं। इसका कारण सरकार नहीं, बल्कि हम लोग हैं, जो साइबर सुरक्षा के महत्व को भूल गए हैं।
200 से अधिक उड़ानें रद्द
माइक्रोसॉफ्ट विंडो का सर्वर डाउन होने की वजह से हवाई अड्डों पर उड़ानों में देरी हो रही है। इस खराबी के कारण भारत भी प्रभावित हुआ है। खबरों के मुताबिक, इस वैश्विक आउटेज के कारण देश भर में 200 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे भारत और विदेशों में हवाई सेवाएं प्रभावित हुईं।
इस तकनीकी खराबी की वजह से मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम व केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की फ्लाइट डिले हुई। उनकी फ्लाइट को दोपहर डेढ़ बजे टेकऑफ करना था लेकिन सर्वर में आई परेशानी के कारण उनकी फ्लाइट दोपहर 3ः20 बजे शेड्यूल की गई।
इंडिगो ने एक बयान में कहा, “दुनिया भर की यात्रा प्रणाली में खराबी की वजह से उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जो हमारे नियंत्रण से बाहर की स्थिति है। हम आपके धैर्य और सहयोग की सराहना करते हैं।” एयरलाइन ने यह भी कहा कि फ्लाइट को फिर से बुक करने या रिफंड का विकल्प फिलहाल उपलब्ध नहीं है।
इस स्थिति से निपटने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू को यात्रियों को आश्वस्त करने के लिए बयान भी जारी करना पड़ा। राममोहन ने एयरपोर्ट और एयरलाइन्स को निर्देश दिए हैं कि वह लोगों को खाना-पानी और बैठने की जगह उपलब्ध कराएं। हम जनता की परेशानी को समझ रहे हैं और इसका समाधान निकालने में जुटे हुए हैं।
–आईएएनएस इनपुट के साथ