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Microsoft के सीईओ को ‘युद्ध मुनाफाखोर’ कहने वाली महिला कर्मचारी को कंपनी ने निकाला

टेक जायंट माइक्रोसॉफ्ट ने कंपनी की 50वीं वर्षगांठ के दौरान सीईओ को उंगली दिखाकर फिलीस्तीन समर्थित प्रदर्शन करने वाली दो महिला कर्मचारियों में से एक को निकाल दिया है। कंपनी ने महिला कर्मचारी को हटाते हुए कदाचार के कृत्य का हवाला दिया है। 

द वर्ज की एक खबर के मुताबिक, इब्तिहल अबुसाद को नौकरी से निकाला गया क्योंकि उसने वर्षगांठ समारोह के दौरान मंच पर बोलते के दौरान कंपनी के एआई सीईओ मुस्तफा सुलेमान से बहस की थी। 

समारोह के दौरान डाली थी बाधा

अबुसाद उन दो महिलाओं में से एक थी जिसने समारोह के दौरान कंपनी के इजराइल के साथ संबंधों को लेकर बाधा डाली थी। वहीं, दूसरी महिला भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर वानिया अग्रवाल हैं। वानिया ने उस वक्त बोलना शुरू किया था जब कंपनी के सीईओ सत्या नडेला, बिल गेट्स और स्टीव बाल्मर के साथ मौजूद थे।  

वानिया ने कार्यक्रम स्थल से बाहर जाने के बाद अपने सहकर्मियों को एक मेल भेजा जिसमें उसने बताया कि उसने कंपनी छोड़ने का निर्णय लिया है। 11 अप्रैल को कंपनी में उसका आखिरी दिन होगा। 

टेक कंपनी ने इब्तिहल अबुसाद को उसके मौखिक और नाटकीय आंदोलन के चलते निकाल दिया है जो उसने मुस्तफा सुलेमान के खिलाफ किया था। अबुसाद ने सुलेमान को “युद्ध मुनाफाखोर” करार दिया था।

माइक्रोसॉफ्ट ने किया मेल

माइक्रोसॉफ्ट ने अबुसाद को निकालने के संदर्भ में उसे एक मेल भी किया है। द वर्ज ने उस मेल के हवाले से लिखा है कि “आज आपने कंपनी की 50वीं वर्षगांठ के समारोह के अवसर पर सिएटल रेडमांड में माइक्रोसॉफ्ट के एआई सीईओ मुस्तफा सुलेमान के भाषण में बाधा उत्पन्न की जिसमें आपने हजारों लोगों के सामने सीईओ पर चिल्लाया और उंगली उठाई तथा सीईओ, कंपनी और माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ शत्रुतापूर्ण, अकारण और अत्यधिक अनुचित आरोप लगाए।”

कंपनी द्वारा किए गए मेल में आगे लिखा गया कि इस दौरान सीईओ शांत रहे और मामले को शांत करने का प्रयास किया लेकिन आपका व्यवहार इतना आक्रमक था कि आपको सुरक्षाकर्मियों के द्वारा बाहर निकलवाया गया।

इसके साथ ही मेल में लिखा गया कि “कंपनी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि आपका दुर्व्यवहार बदनामी हासिल करने और इस बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम में अधिकतम व्यवधान पैदा करने के लिए किया गया था।”

इसके अलावा कंपनी द्वारा किए गए मेल में यह भी लिखा गया कि यह भी चिंता की बात है कि आपने कंपनी से माफी नहीं मांगी है। अपने कार्यों के कारण हुए या भविष्य में होने वाले प्रभाव के लिए कोई पश्चाताप नहीं दिखाया है। 

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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