Friday, October 17, 2025
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माइक्रोसॉफ्ट ने स्काइप सर्विस बंद करने का किया ऐलान, पांच मई तक कर सकेंगे इस्तेमाल

टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म स्काइप को बंद करने का ऐलान किया है। स्काइप के उपयोगकर्ता अब स्काइप के स्थान पर माइक्रोसॉफ्ट टीम का इस्तेमाल मु्फ्त में कर सकेंगे। माइक्रोसॉफ्ट में स्काइप का अधिग्रहण साल 2011 में किया था। ऐसे में करीब 14 साल बाद इसे बंद करने का निर्णय लिया है। 

माइक्रोसॉफ्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से इसकी जानकारी दी है। कंपनी ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा है कि स्काइप मई 2025 से बंद हो रहा है।

इसके साथ ही इस पोस्ट में लिखा है कि आने वाले दिनों में स्काइप आईडी का इस्तेमाल माइक्रोसॉफ्ट टीम्स में फ्री में साइन इन कर सकेंगे। कंपनी ने स्काइप का हिस्सा बनने के लिए उपयोगकर्ताओं को धन्यवाद भी दिया है। 

माइक्रोसॉफ्ट 365 के प्रेसिडेंट जेफ टपर ने द वर्ज से बात करते हुए बताया कि उपयोगकर्ताओं के लिए आगे क्या होगा? टपर ने कहा कि “स्काइप उपयोगकर्ता नियंत्रण में होंगे, उनके पास विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि अगर वे (उपयोगकर्ता ) चाहें तो अपने संपर्कों को माइक्रोसॉफ्ट टीम्मस में स्थानांतरित कर सकते हैं।”

स्काइप का इस्तेमाल अभी पांच मई तक किया जा सकेगा। इसके बाद यह बंद हो जाएगा। 

2003 में किया गया था लांच 

स्काइप 2003 में लांच हुआ था। इसे एस्टोनियन फॉउंडर्स द्वारा लांच किया गया था। साल 2005 में इसे ई-बे द्वारा अधिग्रहित किया गया था। इसके बाद 2011 में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा इसका अधिग्रहण किया गया था। 

स्काइप के माध्यम से दुनियाभर के उपयोगकर्ता वीडियो कॉलिंग के माध्यम से जुड़ सकते हैं। इसके माध्यम से लोग अंतर्राष्ट्रीय लोगों से बातचीत या इंटरव्यू आदि के लिए इस्तेमाल करते हैं। वहीं, मीडिया जगत के लोग भी किसी विशेषज्ञ से बात करने के लिए स्काइप प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। 

स्काइप सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए चार्ज तो लगता था लेकिन अन्य प्लेटफॉर्म की तुलना में यह काफी सस्ता है। हालांकि व्हाट्सऐप, फेसटाइम और जूम जैसे प्लेटफॉर्म ने फ्री में सेवाएं देनी शुरु कीं हैं। 

माइक्रोसॉफ्ट ने द वर्ज से कहा कि यदि आप अपने स्काइप अकाउंट का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसे पांच मई तक इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद इसे माइक्रोसॉफ्ट टीम्स में स्थानांतरित कर सकते हैं। इस पर स्काइप का सारा डेटा स्थानांतिरत कर सकेंगे जिसमें संपर्क, मैसेज और कॉल हिस्ट्री भी स्थानांतरित की जा सकेगी। 

स्काइप को एमएसएन मैंसेंजर सर्विस का उत्तराधिकारी माना जा सकता है। यह मिलेनियल जेनरेशन (1981-1996 ) याद करेगी। एमएसएन एक टेक्स्ट बेस्ड फ्री चैट सर्विस थी। स्काइप में भी ये सुविधा दी गई थी। हालांकि इसमें वीडियो कॉल की सुविधा भी उपलब्ध थी। 

अमरेन्द्र यादव
अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...
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