नई दिल्लीः भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्ंप के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी बात हुई है और उन्होंने (पीएम मोदी) ने आश्वासन दिया है कि नई दिल्ली, रूस से तेल खरीदना बंद करेगी। भारत सरकार ने गुरुवार, 16 अक्टूबर को इस दावे को खारिज कर दिया।
गुरुवार को हुई एक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने ट्रंप के दावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पहले ही एक बयान जारी किया है। इस ब्रीफिंग में कहा गया है कि जहां तक दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन या बातचीत का सवाल है, कल दोनों नेताओं के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई।
डोनाल्ड ट्रंप के दावे को भारत ने किया खारिज
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार, 15 अक्टूबर को व्हाइट हाउस में एक ब्रीफिंग के दौरान कहा था कि पीएम मोदी ने उनसे फोन कॉल के दौरान बातचीत में आश्वासन दिया है कि नई दिल्ली रूस से तेल खरीद बंद करेगा। उन्होंने (ट्रंप) ने इसे यूक्रेन युद्ध में मॉस्को को अलग करने के लिए एक बड़ा कदम बताया था।
ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से भारत द्वारा रूस से आयातित कच्चे तेल पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने आगे कहा कि वाशिंगटन का मानना है कि इससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध को फंड में मदद मिली। ट्रंप ने कहा कि मैं इससे खुश नहीं था कि भारत तेल खरीद रहा है।
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भारत ने अपने बयान में हालांकि, ट्रंप को संबोधित किए बगैर एक बयान में दोहराया कि भारत के ऊर्जा संबंधी निर्णय उपभोक्ता हितों से होते हैं।
सरकार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऊर्जा मूल्य सुनिश्चित करना और आपूर्ति सुनिश्चित करना भारत की ऊर्जा नीति के दोहरे उद्देश्य हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि निर्णय इसी के अनुरूप लिए गए हैं।
रूस से तेल खरीद को लेकर भारत को मनाने की कोशिश
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने रूस से तेल खरीद बंद करने को लेकर भारत को मनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। भारत, रूस से अपनी जरूरत का एक तिहाई हिस्सा आयात करता है। अमेरिका का तर्क है कि भारत द्वारा तेल खरीद पर रोक लगाने से रूस की वित्तीय ताकत कमजोर होगी जिससे यूक्रेन संघर्ष को खत्म करने का दबाव बनेगा।
बुधवार को रूसी तेल खरीदना बंद करने के भारत के कथित आश्वासन को एक “बड़ा कदम” बताते हुए ट्रंप ने कहा था कि इसके बाद हम चीन को भी ऐसा करने के लिए प्रभावित करेंगे।
ट्रंप ने यह भी कहा कि ऊर्जा नीति पर मतभेद के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी एक करीबी साझेदार हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन के साथ तनाव के बीच वह भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं तो ट्रंप ने कहा, “वह (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) मेरे दोस्त हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं।”
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ट्रंप के दावों ने भारत में राजनीतिक घमासान मचा दिया है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से “डरे हुए” दिखाई दे रहे हैं।
रूस ने हालांकि पीएम मोदी और भारत सरकार का समर्थन किया है। भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि मॉस्को के साथ भारत का ऊर्जा सहयोग उसके राष्ट्रीय हितों के अनुरूप है।