लखनऊः बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार, 29 अक्टूबर को मुस्लिम समुदाय से बसपा को समर्थन करने की अपील की है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि सपा, कांग्रेस पार्टियां भाजपा को रोकने में असफल रही हैं।
उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि बसपा का समर्थन करे ताकि भाजपा की “विनाशकारी राजनीति” से हराया जा सके।
मायावती ने क्या कहा?
मायावती ने भाईचारा सभा में बोलते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय द्वारा सपा के पक्ष में भारी मतदान करने के बावजूद पार्टी भारतीय जनता पार्टी की हराने में असफल रही है।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को मुसलमानों के बीच बसपा का जनाधार मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि, “2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों और उससे पहले हुए कई चुनावों से यह स्पष्ट हो गया है कि मुसलमानों द्वारा भावनात्मक, शारीरिक और आर्थिक रूप से पूर्ण समर्थन दिए जाने के बावजूद, सपा और कांग्रेस भाजपा को रोकने में विफल रही हैं। इसके विपरीत, बसपा सीमित मुस्लिम समर्थन के साथ भी भाजपा को हराने में कामयाब रही और 2007 में उसने राज्य में बहुमत की सरकार बनाई।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सपा और कांग्रेस दोनों ने ऐतिहासिक रूप से “दलित-विरोधी, पिछड़ा-विरोधी और मुस्लिम-विरोधी” राजनीति की है। उन्होंने कहा कि उनकी “गलत नीतियों और गतिविधियों” के कारण ही उत्तर प्रदेश में भाजपा मजबूत हुई है।
उन्होंने कहा, “न केवल 2022 के विधानसभा चुनावों में, बल्कि लगभग हर चुनाव में, सपा और कांग्रेस ने भाजपा को हराने के लिए नहीं, बल्कि बसपा को नुकसान पहुँचाने के लिए, छल-कपट सहित हर संभव हथकंडा अपनाया है। एकतरफा मुस्लिम वोट पाने के बावजूद वे भाजपा को रोकने में विफल रहे हैं। मुस्लिम समुदाय को इस वास्तविकता को जल्द से जल्द समझ लेना चाहिए।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल (2007-12) के दौरान बसपा सरकार ने मुसलमानों की सुरक्षा, संरक्षा और हर स्तर पर उचित प्रतिनिधित्व की गारंटी देकर उनका वास्तविक कल्याण सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा, “हमने उनके जीवन, संपत्ति और आस्था की रक्षा के लिए उत्कृष्ट कानून-व्यवस्था प्रदान की और जातिवाद तथा सांप्रदायिकता पर काफी हद तक अंकुश लगाने का काम किया।”
बसपा सरकार ने कड़ा रुख अपनाया
उन्होंने आगे कहा कि बसपा पहली सरकार थी जिसने अन्याय, अराजकता और आपराधिक तत्वों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और उत्पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए काम किया।
मायावती ने कहा कि, “हमने उत्तर प्रदेश को दंगों, शोषण, अन्याय और भय से मुक्त कर दिया जबकि अन्य दलों के बड़े-बड़े दावे खोखले साबित हुए हैं। उनकी कथनी और करनी में बिल्कुल अंतर है।”
उन्होंने आगे कहा कि “लाखों दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक बसपा के ‘बहुजन समाज’ के अभिन्न अंग हैं। पार्टी का मिशन राजनीतिक सशक्तिकरण के माध्यम से इन वंचित और उपेक्षित समुदायों का उत्थान करना है ताकि वे संविधान के मानवीय और कल्याणकारी सिद्धांतों के अनुसार सम्मान और आत्म-सम्मान का जीवन जी सकें, जो भारत को वास्तव में महान बनाने के लिए आवश्यक है।”
इस बैठक में मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन के पदाधिकारियों के साथ-साथ बसपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष, सभी जिला अध्यक्ष और जोनल समन्वयक शामिल हुए, प्रतिभागियों को चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बारे में भी जानकारी दी गई।

