इम्फालः मणिपुर के जिरीबाम जिले में सोमवार को हुई भीषण गोलीबारी के बाद मंगलवार सुबह दो मैतेई पुरुषों के शव बरामद किए गए। मृतकों की पहचान 63 वर्षीय लैशराम बारेल सिंह और 71 वर्षीय मैबम केश्वो सिंह के रूप में की गई है। वहीं 6 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
हमार बहुल इलाके में मुठभेड़ और हिंसा
जिरीबाम जिले के जकुराधोर और बोरबेकरा इलाकों में सोमवार दोपहर भारी गोलीबारी हुई, जिसमें हमार समुदाय के उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण संघर्ष हुआ। पुलिस के अनुसार, यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब उग्रवादियों ने जकुराधोर में स्थित सीआरपीएफ पोस्ट और निकटवर्ती बोरबेकरा पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इसके पहले उग्रवादियों ने मैतेई समुदाय की बस्तियों में घरों और दुकानों पर भी हमला किया था, जिससे स्थानीय लोग बेहद डरे हुए हैं।
लापता लोगों की तलाश जारी
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सोमवार की इस गोलीबारी और हिंसा के बाद, पुलिस ने बताया कि बोरबेकरा पुलिस स्टेशन के पास स्थित राहत शिविर (हिंसा में विस्थापित हुए मैतेई लोग रहते हैं) में रह रहे छह लोग अब भी लापता हैं, जिनमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, दोनों मृतक, लैशराम बारेल सिंह और मैबम केश्वो सिंह, इस राहत शिविर में रह रहे थे और गोलीबारी के दौरान लापता हुए 10 लोगों में से थे। रिपोर्टों की मानें तो शिविर में रह रहे लोग कुकी समुदाय के निशाने पर हैं।
राहत शिविर में डर और असुरक्षा
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए स्थानीय निवासी युरेमबम संजय सिंह ने बताया कि जकुराधोर क्षेत्र में हिंसा और आगजनी के कारण जून में स्थापित इस राहत शिविर में करीब 118 लोग रह रहे थे। बाकी के मैतेई लोग जिरीबाम जिला मुख्यालय में स्थित अन्य राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं, जो करीब 20 किमी दूर है।
संजय सिंह के अनुसार, राहत शिविर में दिन के समय लोग बाहर जाते हैं, लेकिन सोमवार को हिंसा के दौरान लोग इधर-उधर भागने लगे और घटना के बाद 10 लोग लापता हो गए। मंगलवार सुबह इनमें से दो लोगों के शव मिले, जबकि दो अन्य जिंदा पाए गए। अब भी छह लोग लापता हैं, जिनकी सुरक्षा को लेकर स्थानीय लोगों में भारी चिंता है।
तनाव का कारण और हमार समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों के मुताबिक 11 नवंबर साल का सबसे सबसे घातक दिन रहा, जिसमें एक ही दिन में सबसे अधिक हताहत हुए। हाल ही में, हमार समुदाय की 31 वर्षीय महिला (शिक्षिका) की हत्या के बाद से ही क्षेत्र में तनाव बढ़ा हुआ है। महिला के पति ने आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसे उसके घर में जला दिया गया। हमलावरों ने गांव में आतंक फैलाने के लिए अंधाधुंध गोलीबारी, लूटपाट और आगजनी की, जिसमें 17 घर जलकर खाक हो गए। हमार समुदाय ने दावा किया है कि सोमवार को मारे गए लोग गांव के स्वयंसेवक थे, जो महिला की हत्या का प्रतिशोध लेना चाहते थे।
स्थिति पर प्रशासन की नजर
प्रशासन ने बताया कि अभी भी स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और लापता लोगों की खोज की जा रही है। पूरे क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।