नई दिल्ली: धनतेरस से ठीक पहले केरल की सोने-चांदी, हीरे और अन्य आभूषणों की दिग्गज कंपनी मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स को कड़े बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। खासकर सोशल मीडिया पर इसे लेकर एक मुहिम चल पड़ी है। बड़ी संख्या में सोशल मीडिया यूजर लोगों से मालाबार गोल्ड का बॉयकॉट करने की अपील कर रहे हैं। मालाबार गोल्ड के विरोध की शुरुआत सितंबर में ही हुई थी लेकिन अब धनतेरस से ठीक पहले इसने सोशल मीडिया पर फिर से जोर पकड़ लिया है।
दिवाली से ठीक पहले आने वाला धनतेरस भारत में एक बड़ा मौका होता है, जब कई लोग सोना-चाँदी आदि की खरीदारी करते हैं। सामने आई जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर मालाबार गोल्ड के खिलाफ बातें तब शुरू हुई जब कुछ यूजर ने कंपनी के लंदन स्थित पाकिस्तानी इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर अलिश्बा खालिद से प्रोमोशन कराने जैसी बात सामने आई। अलिश्बा पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मजाक उड़ाने के लिए चर्चा में आई थी।
सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है?
मालाबार गोल्ड के विरोध को लेकर ताजा विरोध की कहानी विजय पटेल के एक पोस्ट के बाद शुरू हुई। विजय पटेल ने अपने पोस्ट में लिखा, एमपी अहमद के स्वामित्व वाली मालाबार गोल्ड मुझे उनके पाकिस्तानी इंफ्लुएंसर के साथ साझीदारी का खुलासा करने के लिए जेल भेजना चाहती है, जिसने हमारे ऑपरेशन सिंदूर का मजाक उड़ाया है। मैं अपनी सेना के गौरव के लिए जेल जाने को तैयार हूँ। देखते हैं कौन जीतता है- आपका पैसा, ताकत, या भारतीयों का समर्थन। आप सिर्फ पैसे की ताकत से मुझे चुप नहीं करा सकते।’
इस पोस्ट के साथ पटेल ने एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया है। उन्होंने दावा किया है कि ये कंपनी की ओर से उन्हें भेजी गई कानूनी नोटिस है, जिसमें उन्हें तीन महीने तक की सिविल जेल में हिरासत में रखने की धमकी दी गई है। इसके अलावा बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेशानुसार कंपनी के खिलाफ किए गए पोस्ट भी डिलीट करने को कहा है।
एक्स पर एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘मालाबार गोल्ड यूके दिवाली के समय भारत में अपने उत्पादों का प्रचार करने के लिए पाकिस्तानी इन्फ्लूएंसरों के साथ सहयोग करता है। उन्हीं इन्फ्लूएंसरों ने ऑपरेशन सिंदूर का मज़ाक उड़ाया था।’
ब्रांड के बहिष्कार का आह्वान करते हुए X पर एक और यूजर ने लिखा, ‘धन त्रयोदशी/धनतेरस और दिवाली के अवसर पर मालाबार, जॉयअलुक्कास (Joyalukkas) और तनिष्क से आभूषण न खरीदें, जो हमारी हिंदू परंपराओं का सम्मान नहीं करते।’
अलिश्बा खालिद द्वारा पोस्ट की गई रील के अनुसार उन्होंने लगभग पांच महीने पहले केरल के एक अन्य आभूषण ब्रांड जॉयलुक्कास के साथ भी कोलैबोरेशन किया था।
मालाबार गोल्ड ने इस बारे में क्या बताया है?
फिलहाल आधिकारिक तौर पर नहीं लेकिन इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स से जुड़े लोगों के हवाले से बताया गया है कि अलिश्बा खालिद के साथ यह कुछ देर के लिए एक बार का जुड़ाव था। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह कंपनी के किसी भी ब्रांड अभियान का हिस्सा नहीं थी, न ही भविष्य में होंगी। वह लंदन में एक स्टोर के उद्घाटन समारोह में मौजूद थीं और उसका प्रचार किया था। वह मालाबार की भविष्य की योजनाओं का हिस्सा नहीं हैं।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से ये भी कहा गया है कि पाकिस्तानी इन्फ्लूएंसर को मालाबार ने सीधे तौर पर नियुक्त नहीं किया था, बल्कि किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से शामिल किया था। ये भी कहा गया है कि मालाबार ने अलिश्बा की सिफारिश करने में हुई चूक के लिए एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
बता दें कि लंदन वाले कार्यक्रम की अब हटा दी गई रील में पाकिस्तानी इन्फ्लूएंसर को मालाबार गोल्ड की ब्रांड एंबैसडर और बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर के साथ फोटो खिंचवाते हुए भी देखा गया था।
पिछले महीने बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंची थी कंपनी
पिछले महीने मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने अलिश्बा खालिद के साथ अपने जुड़ाव को लेकर ऑनलाइन आलोचनाओं का सामना करने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट का भी रुख किया। इसके बाद कोर्ट ने कंपनी को राहत देते हुए मेटा, एक्स, गूगल और अन्य प्लेटफॉर्म्स को उस सामग्री को हटाने का निर्देश दिया, जिसके बारे में ब्रांड का दावा था कि वह आपत्तिजनक है और उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा रही है। ज्वेलरी ब्रांड ने कोर्ट को बताया कि उसे ‘पाकिस्तान समर्थक’ के रूप में पेश किया जा रहा है।
पाकिस्तानी इन्फ्लूएंसर ने ऑपरेशन सिंदूर पर क्या कहा था?
अलिश्बा खालिद ने फिलहाल मई के उन पोस्ट को भी डिलीट या आर्काइव कर दिया है, जिनमें उन्होंने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सैन्य कार्रवाई की आलोचना की थी। खालिद ने एक्स और इंस्टाग्राम पर कहा था, ‘भारत, यह कितनी कायरतापूर्ण हरकत है! तुम पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत देने में नाकाम रहे। रात में हमला करने का फैसला किया, एक मस्जिद को निशाना बनाया और आम नागरिकों की जान ले ली। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने सबसे बड़ा पाखंड दिखाया है…पाकिस्तान ज़िंदाबाद।’
अलिश्बा खालिद ने मई में लिखा था, ‘मुझे पता है कि मेरे 60% फॉलोअर्स भारत से हैं, लेकिन सच कहूँ तो अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे उनकी कोई परवाह नहीं। मुझे अपने देश, अपने लोगों और इतिहास के सही पक्ष में खड़े होने की परवाह है। वे इन्फ्लूएंसर जो सिर्फ अपने भारतीय फॉलोअर्स को रखने के लिए चुप हैं। शर्म आनी चाहिए तुम्हें।’
एक अलग पोस्ट में खालिद ने पाकिस्तानी झंडे के सामने पोज देते हुए तस्वीर के साथ लिखा था, ‘शर्म आनी चाहिए भारत! बेगुनाहों को मारना ताकत नहीं, बल्कि कायरता है। हम डरते नहीं हैं, और न कभी डरेंगे। बस अभी इंतजार करो, हमारी बारी आएगी। और हम सच्चाई और पूरी ताकत से जवाब देंगे।’
खालिद ने अपनी पोस्ट में इन बातों को सिरे से नजरअंदाज किया था कि ऑपरेशन सिंदूर का मकसद सिर्फ आतंकवादियों को निशाना बनाना था। जिस जगह को उन्होंने मस्जिद बताया, वह दरअसल जैश-ए-मोहम्मद का एक अड्डा था जहाँ आतंकवादी हाफिज सईद लोगों को भारत के खिलाफ जिहाद छेड़ने के लिए उकसाता था।