तेहरानः पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच, ईरान पर हुए एक बड़े साइबर हमले ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है। इस हमले ने ईरान की तीनों प्रमुख सरकारी शाखाओं – कार्यपालिका, विधायिका, और न्यायपालिका को निशाना बनाया, साथ ही देश की महत्वपूर्ण परमाणु सुविधाओं को भी प्रभावित किया है। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इज़राइल और ईरान के बीच पहले से ही गंभीर तनाव चल रहा है, खासकर 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा इज़राइल पर मिसाइल दागे जाने के बाद।
किस-किस पर हुआ साइबर अटैक
ईरान के सुप्रीम काउंसिल ऑफ साइबरस्पेस के पूर्व सचिव ने खुलासा किया कि ईरान के परमाणु संयंत्रों, ईंधन वितरण नेटवर्क, परिवहन प्रणाली, और कई अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर भी साइबर हमला किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस साइबर हमले का संबंध इजराइल की उन धमकियों से हो सकता है जिसमें उसने ईरान के तेल और परमाणु ठिकानों पर हमला करने की बात कही थी।
“Nearly all three branches of Iran’s government – the judiciary, the legislature and the executive branch – have been hit by heavy cyberattacks, and their information stolen,” said Firouzabadi, the ex-secretary of Iran’s Supreme Council of Cyberspace, without explaining when… pic.twitter.com/SjjcMM7dhe
— Iran International English (@IranIntl_En) October 11, 2024
इजराइल ने ईरान के परमाणु और तेल क्षेत्रों पर हमला करने की चेतावनी दी थी। खासकर 1 अक्टूबर को तेहरान द्वारा इजराइल पर 200 मिसाइलें दागे जाने के बाद। ईरान ने कहा है कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है और इजराइल द्वारा किसी भी आक्रमण का करारा जवाब देगा।
इस साइबर हमले के साथ ही, अमेरिका ने भी ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिनका उद्देश्य ईरान की परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के लिए धन के स्रोतों को रोकना है। इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा है कि उनका देश ईरान की आक्रामकता का “मौत, सटीकता और अप्रत्याशितता” के साथ जवाब देगा।
इसके अलावा, इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण तनाव और बढ़ गया है, जिसमें हाल ही में लेबनान भी शामिल हो गया है। हिजबुल्लाह ने दक्षिण लेबनान में एक लंबी लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है, जबकि इजराइल ने उनके प्रमुख नेताओं को निशाना बनाते हुए कई हमले किए हैं।
पेजर और वॉकी-टॉकी के इस्तेमाल पर रोक
साइबर अटैक के बीत ईरान के नागरिक उड्डयन संगठन ने शनिवार को एक आदेश जारी करते हुए हवाई जहाजों के केबिन या चेक किए गए सामान में पेजर और वॉकी-टॉकी जैसे इलेक्ट्रॉनिक संचार उपकरणों को लाने पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें केवल मोबाइल फोन की अनुमति दी गई है। इससे पहले, एमिरेट्स और क्षेत्र के अन्य एयरलाइनों ने भी इसी प्रकार के प्रतिबंध लगाए थे। गौरतलब है कि इजराइल ने पिछले महीने पेजर और वॉकी-टॉकी में विस्फोट के जरिए ही लेबनान में हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह समेत कई लड़ाके मारे गए थे।
6 महीने में परमाणु हथियार विकसित कर सकता है ईरान
ईरान छह महीनों के भीतर परमाणु हथियार विकसित करने की क्षमता रखता है, ऐसा बयान ईरानी सांसद मोहम्मद मनान रईसी ने शनिवार को घरेलू मीडिया से बातचीत के दौरान दिया। यह बयान उस घटना के बाद आया है, जब बुधवार को 39 ईरानी सांसदों ने सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल से देश की रक्षा नीति पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने बढ़ते तनाव के बीच संभावित रूप से परमाणु हथियार अपनाने की सलाह दी, खासकर इजराइल के साथ बढ़ती तनातनी को देखते हुए।
इस हमले ने ना केवल ईरान की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाई है, बल्कि पूरे क्षेत्र में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव का संकेत दिया है, जो भविष्य में और भी गंभीर परिणाम ला सकता है।