मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के बीच मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। संजय राउत तंज कसते हुए शुक्रवार को कहा कि राज्य कांग्रेस के नेता सीट-बंटवारे के मुद्दे पर निर्णय लेने में सक्षम नहीं लग रहे हैं।
महाविकास अघाड़ी के भीतर सीट बंटवारे पर चर्चा के बारे में बोलते हुए राउत ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अंतिम फैसले के लिए दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं से बात करेंगे। राज्यसभा सांसद ने कहा कि कई सीटें हैं जिन पर फैसला होना अभी बाकी है और जल्द ही निर्णय लिया जाना है।
राउत ने कहा, ‘हमारे पास बहुत कम समय है और सीट बंटवारे पर निर्णय तेजी से किया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि राज्य के नेता सीट बंटवारे पर कोई फैसला लेने में सक्षम नहीं हैं और उन्हें हर चीज की सूची दिल्ली भेजनी होती है। यह महत्वपूर्ण है कि चर्चा कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ होनी चाहिए।’
हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने राउत की टिप्पणी पर सीधे तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। पैरोल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘अगर राउत उद्धव ठाकरे की भी बात नहीं सुन रहे हैं तो यह उनका मुद्दा है।’
विदर्भ क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर विवाद
शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के बीच विवाद की जड़ राज्य के विदर्भ क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटें हैं, जिन पर दोनों दल दावा कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना जहां मांग कर रही है कि उसे विदर्भ क्षेत्र में कम से कम 9 से 10 सीटें मिलनी चाहिए, वहीं इसी क्षेत्र से आने वाले पटोले और विजय वडेट्टीवार जैसे कांग्रेस नेताओं ने इसका विरोध किया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव-2024 के लिए मतदान 20 नवंबर को होंगे और वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
बहरहाल, राउत ने आगे कहा कि उन्होंने पहले ही विदर्भ के सीटों को लेकर विवाद के बारे में उद्धव ठाकरे को सूचित कर दिया है और कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल और रमेश चेन्निथला से भी इस बारे में बात की गई है।
उन्होंने कहा, ‘हम बताना चाहेंगे कि विदर्भ महाराष्ट्र का एक हिस्सा है, न कि एक स्वतंत्र राज्य। हमने लोकसभा चुनाव के दौरान रामटेक जैसी छह बार निर्वाचित सीट कांग्रेस को दी। इसी तरह अमरावती सीट भी हमने कांग्रेस को दे दी। अगर हम अब सीटों की उम्मीद करते हैं तो मुझे नहीं लगता कि यह गलत है। हमारे कार्यकर्ताओं का मानना है कि हमें विधानसभा में अधिक सीटें मिलनी चाहिए। जो मामला रामटेक का है वही मामला अमरावती का है। तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हर पार्टी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का अधिकार है।’
मुंबई की दो से तीन सीटों पर भी तकरार
सूत्रों के अनुसार मुंबई की दो से तीन सीटों को लेकर भी शिवसेना और कांग्रेस आमने-सामने हैं। मुंबई की जिन तीन सीटों पर विवाद की बात सामने आई है, उनमें वर्सोवा, बायकुला और धारावी शामिल है। कुल मिलाकर 28 सीटें ऐसी हैं जिसे लेकर अभी सहमति नहीं बनी है। 28 सीटों पर सहमति नहीं बनने की जानकारी नाना पटोले ने गुरुवार को दी थी। वहीं, विजय वडेट्टीवार ने बताया कि कांग्रेस उम्मीवारों की पहली लिस्ट 20 अक्टूबर को आ जाएगी। उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक होगी और उसी दिन पहली लिस्ट सामने आएगी।