नई दिल्ली: यूनेस्को ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में अपने 43वें महाधिवेशन में लखनऊ को ‘रचनात्मक पाक-कला का शहर’ (Creative City of Gastronomy) घोषित किया। इस घोषणा के साथ लखनऊ दुनिया भर के 70 पाक-कला वाले ऐसे शहरों में शामिल हो गया है। हैदराबाद के बाद लखनऊ यह खिताब जीतने वाला दूसरा भारतीय शहर भी बन गया है।
‘यूनाइटेड नेशंस इन इंडिया’ की ओर से शुक्रवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘लजीज गलौटी कबाब से लेकर अवधी बिरयानी, लजीज चाट और गोलगप्पे, मक्खन मलाई जैसी मिठाइयां और भी बहुत कुछ। उत्तर प्रदेश का लखनऊ सदियों पुरानी परंपराओं से भरपूर खाने-पीने की चीजों का स्वर्ग है। लखनऊ को अब यूनेस्को द्वारा पाक-कला के रचनात्मक शहर के रूप में मान्यता दी गई है।’
लखनऊ को मिला खास दर्जा…किसने क्या कहा?
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘लखनऊ को यूनेस्को क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी के रूप में नामित किया गया है, जो इसकी विशिष्ट पाक विरासत और भारत की समृद्ध पाक परंपराओं में इसके अमूल्य योगदान के लिए एक सम्मान है। यह सम्मान लखनऊ की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाता है। उन्होंने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत की कालातीत परंपराएँ, संस्कृति और मूल्य वैश्विक मंच पर अभूतपूर्व मान्यता और सम्मान प्राप्त कर रहे हैं।’
वहीं, उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि पाक-कला पर्यटन (culinary tourism) लंबे समय से पर्यटकों को राज्य की ओर आकर्षित करता रहा है और यह दर्जा राज्य को इस क्षेत्र को और आगे बढ़ाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, ‘पाक-कला पर्यटन पीढ़ियों से उत्तर प्रदेश में पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है और आने वाले वर्षों में राज्य में इस क्षेत्र का नेतृत्व करने की अपार क्षमता है।’
राज्य के पर्यटन निदेशालय ने 31 जनवरी, 2025 को संस्कृति मंत्रालय को लखनऊ का नॉमिनेशन भेजा था। इसके बाद भारत सरकार ने 3 मार्च, 2025 को शहर को देश की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना। अधिकारियों ने कहा कि 31 अक्टूबर को यूनेस्को की घोषणा औपचारिक रूप से क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में शहर के नाम के प्रवेश की पुष्टि करती है।
वहीं, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि लखनऊ की खान-पान संस्कृति, शाही रसोई से लेकर रेहड़ी-पटरी वालों तक, लंबे समय से पर्यटकों को आकर्षित करती रही है और यूनेस्को का दर्जा इस पहुँच को और बढ़ाएगा। उन्होंने कह, ‘2024 में, लखनऊ में लगभग 8,274,154 पर्यटक (घरेलू और विदेशी) आए, जबकि 2025 की पहली छमाही में ही 7,020,492 से ज्यादा पर्यटक आए, जो दर्शाता है कि कैसे खान-पान और यहां की संस्कृति पर्यटन के विकास को गति दे रहे हैं।’
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी जताई खुशी
पीएम नरेंद्र मोदी लखनऊ को यूनेस्को से खास दर्ज मिलने पर खुशी जताते हुए पोस्ट किया, ‘लखनऊ एक जीवंत संस्कृति का पर्याय है, जिसके मूल में एक शानदार पाक-कला संस्कृति है। मुझे खुशी है कि यूनेस्को ने लखनऊ के इस पहलू को मान्यता दी है और मैं दुनिया भर के लोगों से लखनऊ आने और इसकी विशिष्टता को जानने का आह्वान करता हूँ।’
दूसरी ओर सपा नेता अखिलेश यादव ने लिखा, ‘मुबारकबाद का सिलसिला बढ़ाइए…थोड़ा और मुस्कुराइए…क्योंकि…विश्व के ‘खानपान के मानचित्र’ पर आ गया है अपने ‘लखनऊ’ का नाम, जिससे बढ़ा है हर लखनवी का मान।’
बहरहाल, अधिकारियों ने यूनेस्को टैग को शहर की पाक विरासत को बढ़ावा देने, छोटे खाद्य उद्यमियों को समर्थन देने और खाद्य-आधारित पर्यटन सर्किट विकसित करने का एक बेहतरीन अवसर बताया है। उन्होंने कहा कि इस का उपयोग प्रशिक्षण को बढ़ावा देने, स्थानीय विक्रेताओं के लिए बाजार पहुँच और शहर की स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा है जो पाक परंपराओं और उन पर निर्भर आजीविका, दोनों की रक्षा करती हैं।

