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‘प्यार दिलों में होना चाहिए, सड़कों पर नहीं’, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात प्रमुख ने बरेली हिंसा को लेकर क्या कहा?

बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बिना अनुमति के ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर लेकर प्रदर्शन शुरू किया गया था। इस बीच पथराव किए जाने की जानकारी भी सामने आई थी।

बरेली में हाल ही में हुई हिंसा के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सोमवार को समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि शहर का माहौल अब पूरी तरह शांत है। कोई अशांति नहीं है। फिर भी मैं सभी से अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें।

मौलाना रजवी ने लोगों से जुलूस और प्रदर्शन से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पैगंबर से मोहब्बत दिलों में होनी चाहिए, सड़कों पर नहीं। रजवी ने कहा, “पैगंबर से मोहब्बत जताने के जो तरीके अपनाए जा रहे हैं, वे सही नहीं हैं। इनसे पोस्टरों पर लिखा ‘मुहम्मद’ नाम सड़क पर गिर जाता है और उनका अपमान होता है। मैं यह भी कहना चाहता हूं कि दूसरे धर्मों के त्योहारों पर भी किसी तरह के प्रदर्शन या जुलूस से बचना चाहिए। मोहब्बत दिलों में होनी चाहिए, सड़कों पर नहीं।”

गौरतलब है कि बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बिना अनुमति के ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर लेकर प्रदर्शन शुरू किया गया था। इस बीच पथराव किए जाने की जानकारी भी सामने आई थी। तनावपूर्ण हालातों के बीच भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। मामले में तौकीर रजा समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

मौलाना रजवी ने इससे पहले भी बरेली हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि “नमाज के बाद जो हुआ, वैसा किसी भी पक्ष से नहीं होना चाहिए। मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।”

मौलाना रजवी ने कहा था कि पैगंबर-ए-इस्लाम से सच्ची मोहब्बत का तरीका यही है कि किसी को भी तकलीफ न पहुँचाई जाए। उन्होंने पूरी दुनिया को शांति और भाईचारे का संदेश दिया था। इसलिए मुसलमानों को चाहिए कि कानून-व्यवस्था बनाए रखें, कानून हाथ में न लें और न ही पुलिस या प्रशासन से टकराव करें। पैगंबर-ए-इस्लाम ने जो रास्ता दिखाया, उसी पर चलना सबसे बड़ी मोहब्बत है।”

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को हिंसा की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “आपने बरेली की घटना देखी। मौलाना भूल गए थे कि प्रदेश में किसकी सरकार है। उन्हें लगा वे जब चाहें सिस्टम रोक सकते हैं, लेकिन हमने साफ़ कर दिया कि न तो रोड जाम होगा और न ही कर्फ्यू लगेगा। जो सबक सिखाया गया है, वह आने वाली पीढ़ियों को भी दंगा करने से पहले सोचने पर मजबूर करेगा।”

एक स्थानीय पान विक्रेता राजेश शर्मा ने एएनआई को बताया, “अब हालात शांत हैं। झड़प में मेरा सामान बर्बाद हो गया। मुझे हजार-दो हजार का नुकसान हुआ जबकि मैं रोजाना 200-300 रुपये ही कमाता हूं। मुख्यमंत्री ने सही किया।”

अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...

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